रघुवर दास की बहू पूर्णिमा साहू दास को जमशेदपुर पूर्व से भाजपा का टिकट मिलने के विरोध में आगामी 23 अक्टूबर को भाजपा नेता शिव शंकर सिंह अपने हजारों समर्थकों के साथ नामांकन का पर्चा करेंगे दाखिल
झारखण्ड विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा घोषित उम्मीदवारों की सूची में समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने को लेकर समर्थकों में काफी असंतोष और आक्रोश को देखते हुए, भाजपा नेता सह सामाजिक कार्यकर्ता शिव शंकर सिंह ने सोमवार को चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। शिव शंकर सिंह का कहना है कि जमशेदपुर पूर्वी में एक परिवार के द्वारा पार्टी नेतृत्व को दिग्भ्रमित किया गया, इससे सभी कार्यकर्ताओं में पीड़ा है।
वे कार्यकर्ताओं के मान एवं सम्मान की लड़ाई लड़ रहें हैं। मैंने यह निर्णय जनता-जनार्दन के भारी दबाव में लिया है, और यह लड़ाई सामूहिक होगी, जिसमें मैं चेहरा मात्र होऊंगा और लड़ाई जमशेदपुर पूर्वी की जनता एकत्रित होकर लड़ेगी। यह लड़ाई परिवारवाद के विरोध में सभी कार्यकर्ता मिलकर लड़ेंगे। इसी बीच खबर है कि पूर्वी सिंहभूम की जिप अध्यक्ष बारी मुर्मू ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को अपना इस्तीफा सौंपकर भाजपा से अपना नाता तोड़ लिया है।
श्री सिंह ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के परिवारवाद विरोधी सिद्धांतों का अनुसरण करते हुए सभी कार्यकर्ताओं के साथ पूर्णिमा दास के चुनाव लड़ने का कड़ा विरोध कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि पूर्णिमा दास का चुनाव लड़ने के लिए क्या मेरिट है? उनका मेरिट सिर्फ ये है कि वो रघुवर दास की बहू हैं। सामाजिक जीवन में उन्होंने क्या कार्य किए हैं? क्या उन्हें पता भी है कि हमारे क्षेत्र में कौन सी सड़क कहां जातीं है? कौन सी बस्ती कहां है? हमलोगों की जरूरते क्या है?
उन्होंने कहा कि मेरा सामाजिक जीवन सबके सामने हैं। मैं वर्षों से नि:स्वार्थ सामाजिक कार्य करता आ रहा हूं और मेरी कोई महत्वाकांक्षा भी नही है। पार्टी किसी भी सामान्य कार्यकर्ता को टिकट देती तो हर चुनाव की तरह हम सभी कार्यकर्ता चट्टान की तरह उनके साथ खड़े होते। राजनीति की शुरुआत सामाजिक जीवन से होती है। हमलोगों ने तय किया है कि 23 अक्टूबर बुधवार को दिन के 12 बजे नामांकन करेंगे। जिसमे भारी संख्या में सर्मथकों का हुजूम शामिल होगा।
ज्ञातव्य है कि शिव शंकर सिंह के कार्यालय में रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें काफी संख्या में जमशेदपुर पूर्वी की जनता ने एकत्रित होकर संगठन का परिवारवाद के हत्थे चढ़ने का पुरजोर विरोध किया। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा घोषित उम्मीदवारों की सूची में समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने को लेकर समर्थकों ने काफी असंतोष और आक्रोश दिखाया था।
मौके पर मौजूद समर्थकों ने पूर्णिमा दास के चुनाव लड़ने का कड़ा विरोध किया था एवं विधानसभा चुनाव में सामाजिक कार्यकर्ता शिव शंकर सिंह का साथ देने की बात कही थी। शिव शंकर सिंह ने कहा कि बीजेपी कई बार राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय पार्टियों के खिलाफ परिवारवाद पर हमला करती है और दूसरी ओर समर्पित कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर परिवारवाद आख़िर किस दवाब में कर रही है?
मौके पर उपस्थित भाजपा की वरिष्ठ नेत्री व प्रदेश कार्यकारणी सदस्य राजपति देवी ने सवाल उठाया कि राज्यपाल के बेटे ललित दास द्वारा ओडिशा राजभवन में कर्मचारी के साथ मारपीट की गई परन्तु मुक़दमा दर्ज होने के बाद भी कोई करवाई नहीं हुई, पहली बार ऐसा हुआ हैं कही कि राज्यपाल का बहिष्कार किया गया। वही विरोध करते हुए राजभवन पर अंडे और टमाटर फेंके गये। राजपति देवी का कहना था कि जब उन्हें ओडिशा का राज्यपाल बना दिया गया। उसके बावजूद हर दो दिन में बार-बार झारखण्ड आकर संगठन और समर्पित कार्यकर्ताओं को बर्बाद करने का काम उनके द्वारा करना ठीक नहीं।
राजपति देवी ने कहा कि पार्टी संज्ञान लें, नहीं तो 2019 से भी बुरी स्थिति में पार्टी चली जाएगी। पार्टी में नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व करने वाली कई योग्य महिलाएं भी थी। फिर एक परिवार विशेष से टिकट देना नारी सशक्तिकरण के नाम पर परिवारवाद और वंशवाद की परिकाष्ठा है। महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष राजपति देवी ने रोते हुए बताया कि 2019 में भाजपा संगठन और सत्ता को पूरी तरह से साफ करने का काम वर्तमान राज्यपाल रघुवर दास ने किया। पुनः उनकी वजह से झारखण्ड में संगठन और सत्ता 2024 में खत्म हो जायेगा।
इस अवसर पर मुख्य रूप से जनसंघ काल के नेता रामरेखा सिंह, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व जिला महामंत्री मोहम्मद वाहिद, मुखी समाज के अध्यक्ष मनोज मुखी, सरदार रोमी सिंह समाजसेवी मुन्ना अग्रवाल के साथ भाजपा के कार्यकर्तागण एवं पूर्वी विधानसभा के हर क्षेत्र से आई आम जनता बड़ी संख्या में उपस्थित रही।