रांची विधानसभा सीट भाजपा के हाथ से निकली, भाजपा नेता मुनचुन राय कल निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भरेंगे नामांकन पर्चा, भाजपा समर्थित इलाका चुटिया से बड़ी संख्या में भाग लेंगे भाजपा कार्यकर्ता व उनके समर्थक
रांची के चुटिया निवासी भाजपा नेता मुनचुन राय ने भाजपा के प्रदेश नेताओं व भाजपा प्रत्याशी सीपी सिंह की नींद उड़ा दी हैं। हालांकि पिछले कुछ दिनों से भाजपा के कई बड़े-बड़े नेता मुनचुन राय से संपर्क साध रहे थे। लेकिन मुनचुन राय भाजपा नेताओं की बातों में नहीं आ रहे। उन पर भाजपा के कार्यकर्ताओं का भारी दबाव हैं। मुनचुन राय ने आज विद्रोही24 से बातचीत में कहा कि उन पर भाजपा कार्यकर्ताओं का बड़ा दबाव है, जिसके कारण उन्होंने कल 25 अक्टूबर को नामांकन पर्चा दाखिल करने का फैसला ले लिया है।
इधर जैसे ही ये खबर भाजपा नेताओं को मिली। रांची के बड़े-बड़े भाजपा नेता व सीपी सिंह एक बार फिर मुनचुन राय को मनाने में लग गये हैं। अब मुनचुन राय मानेंगे या नहीं, ये तो वक्त बतायेगा। लेकिन अभी तक की जो समाचार हैं। उस समाचार में यही हैं कि मुनचुन राय कल रांची समाहरणालय जाकर अपना नामांकन पर्चा दाखिल करेंगे। जिसमें बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और उनके समर्थक शामिल होंगे।
मुनचुन राय का कहना है कि भाजपा के बड़े-बड़े नेता, अपने कार्यकर्ताओं का सम्मान ही नहीं कर रहे हैं। वे अपने कार्यकर्ताओं को बंधुआ मजदूर समझ रहे हैं। अगर यही हाल रहा तो भाजपा पूरे प्रदेश से समाप्त हो जायेगी और इसके लिए कोई दूसरा जिम्मेवार नहीं होगा। बल्कि ये पार्टी के बड़े-बड़े नेता ही जिम्मेवार होंगे। यहीं नहीं मुनचुन राय ने अपने फेसबुक पर भी भाजपा नेताओं के कुछ सवाल पूछे हैं, जिसका जवाब भाजपा के प्रदेश नेताओं के पास नहीं हैं। वे कहते हैं कि …
बटेंगे तो कटेंगे कहनेवाले बताएं कि हमें बांट कौन रहा है? सनातन विचारधारा और समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा संगठन में हो रही है और ग़ैर सनातनी विचार धारा के लोगों ने संगठन में कब्जा कर लिया है, शीर्ष (प्रदेश)से निचले स्तर तक संगठन में बस वैसे लोगों का ही बोलबाला है। समर्पित और सनातनी विचारधारा के लोग इंतजार कर रहे हैं कि अगली बार संगठन में उनको उचित सम्मान मिलेगा, मगर उनका इंतज़ार अब शायद ही ख़त्म हो क्योंकि सांगठनिक निर्णय और टिकट का बंटवारा अब वैसे लोग कर रहे है जिनकी निष्ठा संगठन के प्रति नहीं है।
वो सिर्फ़ अपने स्वार्थ सिद्ध हेतु संगठन से जुड़े है और संगठन को दिनों -दिन खोखला कर रहे है। ऐसे स्वार्थी विचारधारा के लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि संगठन के समर्पित कार्यकर्ताओं को वो चाहे जितनी भी उपेक्षा करें। वो संगठन के निर्णय के ख़िलाफ़ नहीं जाएंगे और संगठन की बेहतरी के लिए अनुशासन के नाम पर चुप रहेंगे। इस कारण से स्वार्थी तत्व अपनी मनमानी कर रहें हैं। पहले संगठन में कार्यकर्ताओं की भीड़ होती थी। अब भाड़े के लोग कार्यक्रम में कुर्सी पर बैठते है और समर्पित कार्यकर्ता अपने घरों में बैठे रहते हैं। उनको बस एक विशेष मौके पर याद किया जाता है। अब यह नहीं चलेगा।
इधर राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अगर मुनचुन राय ने नामांकन पर्चा दाखिल कर दिया और वे अपने फैसले पर अड़े रहे, चुनाव लड़ लिया तो समझ लीजिये कि रांची विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा का कमल मुरझाना तय है। रांची सीट भाजपा भारी मतों से हारेगी, क्योंकि 2019 में भी भाजपा जैसे-तैसे इस सीट पर विजय हासिल की थी। वो भी तब जब चुटिया इलाके का इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन खुलना शुरु हुआ तब। अब जबकि मुनचुन राय चुटिया से ही आते हैं और वे चुनाव लड़ रहे हैं तो इसका मतलब हैं कि वे सीपी सिंह के वोट में ही सेंध लगायेंगे। ऐसे में सीपी सिंह की हार तय है।
इधर राजनीतिक पंडितों का कहना है कि हो सकता है कि मुनचुन राय के इस निर्णय पर भाजपा के बड़े-बड़े नेता उनके घर जाये और उन पर दबाव बनाएं तो हो सकता है कि निर्णय वे बदल दें। लेकिन कार्यकर्ताओं और समर्थकों के दबाव ही इतने हैं कि शायद ही वे निर्णय बदल पायें। चुटिया के भाजपा कार्यकर्ताओं का इस बात को लेकर भी आक्रोश है कि कुछ महीने पहले जब नवमनोनीत चुटिया मंडल अध्यक्ष के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं का दल भाजपा प्रदेश कार्यालय गया था तो प्रदेश कार्यालय में बैठे लोगों ने उनकी बातें सुनने से मना कर दिया था।
रांची भाजपा महानगर अध्यक्ष ने तो साफ कह दिया था कि जो निर्णय हो गया तो हो गया। इसमें अब कोई सुधार नहीं होगा। उस दिन के बाद से किसी भाजपा के बड़े नेताओं यहां तक की विधायक सीपी सिंह ने भी इन नाराज कार्यकर्ताओं से बात करने की जहमत नहीं उठाई। अब चूंकि चुनाव हैं। उन्हें जीतने के लिए वोट चाहिए तो फिर उन्हें चुटिया के इन समर्पित कार्यकर्ताओं की याद आ रही हैं। शायद, यही कारण है कि चुटिया के इन समर्पित भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस बार पार्टी और सीपी सिंह दोनों को सबक सिखाने का फैसला ले लिया है।