अपनी बात

और अब धनवार विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी व प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के लिए नई मुसीबत बने उन्हीं के करीबी निरंजन राय, किया ऐलान, 28 अक्टूबर को दाखिल करेंगे नामजदगी का पर्चा

अब नया समाचार यह है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी जो धनवार विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी है, उस सीट पर निरंजन राय ने नामजदगी का पर्चा दाखिल करने का ऐलान कर दिया है। ये 28 अक्टूबर को नामजदगी का पर्चा दाखिल कर देंगे। निरंजन राय समाजसेवी बताये जाते हैं और वे बाबूलाल मरांडी के काफी करीबी भी माने जाते हैं। अब अचानक बाबूलाल मरांडी से उनकी दूरियां क्यों बढ़ गई? यह किसी के समझ नहीं आ रहा।

राजनीतिक पंडित साफ कहते हैं कि धनवार सीट पर निरंजन राय कंटीन्यू कर गये और बढ़िया से चुनाव लड़ गये तो बाबूलाल मरांडी को यह सीट बचाना मुश्किल हो जायेगा, क्योंकि इस सीट पर झामुमो और भाकपा माले पहले से ही आंख गड़ाई हुई है। चूंकि 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने बाबूलाल मरांडी की मदद कर दी थी, जिस कारण धनवार सीट पर बाबूलाल मरांडी ने जीत हासिल कर ली थी। लेकिन इस बार झामुमो ने निजामुद्दीन अंसारी को अपना कैंडिडेट बनाया है।

उधर इसी सीट पर भाकपा माले की भी नजर है। भाकपा माले यहां से राजकुमार यादव को अपना कैंडिडेट बनाने पर तुली है। अगर गठबंधन टूटता है तो यहां भाकपा माले और झामुमो के बीच फैंडली वार भी हो जायेगा। लेकिन इसका फायदा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को मिल ही जायेगा। वो अब नहीं दिख रहा, क्योंकि बाबूलाल मरांडी के लिए नई मुसीबत बनकर आ खड़े हुए हैं – निरंजन राय। जिन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का इस सीट पर ऐलान कर दिया है।

यहीं नहीं निरंजन राय के पक्ष में कल वहीं के गांव में एक सभा हुई। जिसमें उनके समुदाय के लोगों ने कसमें खाई कि उनके समुदाय के लोगों को मनाने के लिए रवीन्द्र राय आये अथवा लक्ष्मण सिंह आये। वे लोग नहीं मानेंगे और निरंजन राय का अंत-अंत तक साथ देंगे। सभी ने हां में हां मिलाया और निरंजन राय को फूल-मालाओं से लाद दिया। राजनीतिक पंडित कहते हैं कि भाजपा के लिए मुसीबत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं।

अगर यही हाल रहा तो इस बार कई भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं का घमंड इस भाजपा विरोधी आंधी में हवा हो जायेगा। स्थिति भाजपा के अनुकूल अब कही नहीं दिख रही। प्रतिकूल हवा ने भाजपा को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इधर झामुमो इस प्रकार की घटनाओं से अंदर ही अंदर खुश है, क्योंकि इसका सुखद परिणाम इन्हीं के झोले में आना है।