अपनी बात

रांची स्थित सदर अस्पताल के लेजर एवं लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. अजीत कुमार ने मुंबई में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय समिट अंश 2024 में बवासीर बीमारी के विभिन्न पहलुओं पर दिया व्याख्यान

सदर अस्पताल के लेजर एवं लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ अजीत कुमार ने मुंबई में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय समिट “अंश-2024” में बवासीर बीमारी के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिया। इस समिट में एम्स, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एवं अन्य संस्थानों के पूर्व निदेशक विभागाध्यक्ष एवं वरीय सर्जनों के साथ साथ-साथ लगभग 900 से अधिक चिकित्सकों ने ऑनलाइन व ऑफलाइन के तहत भाग लिया।

बवासीर एवं भेरिकोज भेन बिमारी पर मुंबई में आयोजित दो दिवसीय समिट में, डॉक्टर अजीत ने बवासीर बीमारी के लक्षण, ग्रेडिंग, बचाव एवं इलाज के विभिन्न अत्याधुनिक तकनीकों के बारे में बताया। डॉ अजीत ने बताया कि यह एक जीवन शैली से संबंधित बीमारी है। आजकल के बदलते जीवनशैली एवं खान-पान के कारण यह महामारी का रूप लेते जा रही है। डॉ. अजीत के कथनानुसार लगभग आधी आबादी इस बीमारी से ग्रसित हैं।

इस बीमारी के मुख्य लक्षण है मलद्वार से खून आना, खुजली एवं मांस का बाहर आना। इस बीमारी से बचाव के लिए डॉक्टर अजीत ने बताया कि टॉयलेट में फोन लेकर नहीं जाना चाहिए। मल त्याग करते समय ज्यादा जोर नहीं लगाना चाहिए। खाने में फाइबर युक्त भोजन जैसे साग-सब्जी, फल, फूल, सलाद अवश्य लें एवं पानी का प्रयोग कम से कम दो से तीन लीटर अवश्य करें।

डॉ अजीत कुमार ने इस बीमारी के इलाज को लेकर बताया कि सकलेरोथेरेपी, आरबीएल, आधुनिक लेजर तकनीक एवं सर्जरी का इसमें अहम रोल है। उन्होंने समिट को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि  40 वर्ष से ज्यादा उम्र के मरीजों को खून आने की अगर शिकायत होती है, तो कैंसर की खतरे को  जानने के लिए इसकी पूरी जांच करा लेनी चाहिए।

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