सुप्रियो ने गढ़वा व चाईबासा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिये गये झूठे भाषण की खोली पोल और साथ ही आदित्य नाथ योगी के पंचलाइन की ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का झारखण्डी टोन में दिया जवाब – ‘सटले तो गइले बेटा’
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गढ़वा व चाईबासा में हुई आम सभा और उसमें दिये गये उनके भाषण की पोल-पट्टी खोलकर रख दी। साथ ही, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी की कल होनेवाली झारखण्ड में सभा और उनके द्वारा दी गई पंचलाइन की ‘बंटेगे तो कटेंगे’ का झारखण्डी टोन में दे दिया जवाब कि ‘सटले तो गइले बेटा’।
सुप्रियो ने साफ कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का झारखण्ड में हुआ भाषण साफ बता रहा है कि ये भाषण एक पराजित व हताश भाजपा के एक बड़े स्टार प्रचारक का है। उन्होंने कहा कि गढ़वा में उनका भाषण कल के संकल्प पत्र जो एक तरह से झूठ का पुलिंदा ही हैं। वहां से शुरु हुआ और परिवारवाद तक चला गया। लेकिन उनके अंदर ही परिवारवाद जो चल रहा हैं, उस पर उनका ध्यान ही नहीं गया।
सुप्रियो ने कहा कि उनके नेता पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन और उनका बेटा बाबूलाल दोनों चुनाव लड़ रहे हैं। सजायाफ्ता पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा चुनाव लड़ रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा चुनाव लड़ रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री की बहू पूर्णिमा साहू चुनाव लड़ रही हैं। सजायाफ्ता सांसद ढुलू महतो का भाई शत्रुघ्न महतो चुनाव लड़ रहा हैं। क्या ये सब परिवारवाद नहीं हैं? इन्हें परिवारवाद पर बोलने का राइट किसने दे दिया?
सुप्रियो ने कहा कि डबल इंजन की बात करनेवाले जरा बताये 2014-19 में तो डबल इंजन की ही सरकार थी। उस समय कितने यहां उद्योग लगे और कितने बंद हुए। प्रधानमंत्री जी आपके मुंह से झूठ निकले, यह देश नहीं चाहेगा। सुप्रियो ने कहा कि चुनाव की घोषणा के पहले जब प्रधानमंत्री जमशेदपुर आये तो उन्होंने कहा कि यहां नौ वंदे भारत चल रही हैं। आज कह दिया कि 12 वंदे भारत चल रही हैं। प्रधानमंत्री के इस सफेद झूठ पर सुप्रियो ने व्यंग्यात्मक ढंग से उन्हें खूब लताड़ा।
सुप्रियो ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि हो सकता है कि आज ही तीन वंदे भारत ट्रेन, जिसमें एक वंदे भारत गया से गढ़वा के लिए, दूसरा गया से रांची और तीसरा रांची से चाईबासा के लिए चला दी गई हो। हो सकता है कि नौ वंदे भारत ट्रेन चलाने का काम रेल मंत्रालय करता हो और तीन वंदे भारत ट्रेन अलग से, आजकल मोदी जी चलाने का काम कर रहे हो। मतलब कितना हलका भाषण हमारे प्रधानमंत्री जी दे रहे हैं।
सुप्रियो ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते है कि अपमान हो रहा है। अरे भारत के लोगों का अपमान तो आपने किया। वो अंतरराष्ट्रीय मंच पर। जब आपने कह दिया कि 2014 के पहले विदेशों में रहनेवाले भारतीयों को भारतीय कहलाने में शर्म महसूस होती थी। जबकि 2014-2024 का विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय की रिपोर्ट बता रही है कि दो लाख 20 हजार भारतीयों ने भारत की नागरिकता छोड़कर विदेशी नागरिकता प्राप्त की। ये गढ़वा में दिये गये आपके भाषण का रिपोर्ट नहीं, बल्कि संसद में दी गई आपके सरकार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट हैं, जिसे झूठा नहीं कहा जा सकता।
सुप्रियो ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गढ़वा में कहा कि हरियाणा में उनकी सरकार मात्र एक महीने में ही दो लाख युवाओं को नौकरी दे दी। जबकि सच्चाई यह है कि जब सरकार ने वहां कोई विज्ञापन निकाली ही नहीं, तो आपने दो लाख नौकरी कहां से दे दी? अरे प्रधानमंत्री जी, आप ये क्यों नहीं सोचते कि आपके दिये गये भाषण को हरियाणा के लोग भी सुन रहे हैं? सुप्रियो ने कहा कि गढ़वा के बाद प्रधानमंत्री करीब सवा तीन बजे के लगभग चाईबासा पहुंचे, तब तक वहां से भीड़ काफी छंट चुकी थी। लोगों की भीड़ ढोकर लाई गई थी। लोगों ने भी सोचा होगा कि वोट तो देना हैं नहीं तो भाषण सुनकर क्या होगा? शायद इसलिए खिसक गये होंगे।
सुप्रियो ने कहा आठवी अनुसूची में हो भाषा को शामिल करने के लिए झामुमो गठबंधन की सरकार ने कैबिनेट से इसे पास कराया और ये कहते हैं कि ये मोदी की गारंटी है। ये महिला की सम्मान की बात करते हैं। जरा इनसे पूछिये कि हरमू मैदान में एक लड़की की बेइज्जती किस भाजपा नेता ने की थी? आप भ्रष्टाचार की बात करते हैं और आपके मंच से भानु प्रताप शाही भाषण दे रहा था, उस मंच पर कमलेश सिंह उपस्थित थे। कुछ तो लाज रखिये।
भ्रष्टाचार-परिवारवाद पर बोलने की आपको राइट नहीं। बोलना है तो सिर्फ माफी मांगिये कि हमने जो घोषणाएं की उसको लागू नहीं किया। इसके लिए माफी जनता मुझे माफ करें। सुप्रियो ने कहा कि 23 नवम्बर के दिन चुनाव परिणाम आने के बाद तीन वंदे भारत और दे दीजियेगा। क्योंकि आप बोल चुके हैं। लोग गढ़वा से रांची, चाईबासा से रांची का टिकट भी कटवा चुके हैं। उन्हें वेटिंग लिस्ट में नहीं रहना पड़े। इसका ख्याल रखियेगा।