अपनी बात

गुदड़ी में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को डेढ़ घंटे रोका जाना और इस पर चुनाव आयोग का संज्ञान नहीं लेना, बता रहा है कि ये चूक नहीं, बल्कि साजिशन कुछ बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश रची गईः सुप्रियो

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गुदड़ी ब्लॉक घने जंगलों से भरा इलाका है। नक्सली मूवमेंट उसी इलाके में होता है। उस इलाके में संचार व्यवस्था बहुत ही दुर्बल है। दुरुह इलाका होने के कारण मोबाइल के टावर का भी कन्टीन्यूटी हरदम ब्रेक होता रहता है।

वैसे इलाके में एटीएस से भी संपर्क नहीं किया जा सकता। वैसे जगहों पर डेढ़ घंटे से भी अधिक मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को एटीएस के द्वारा रोके रखना और इस पूरे मामले पर चुनाव आयोग का संज्ञान नहीं लेना, साफ बताता है कि ये मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की सुरक्षा में चूक ही नहीं, बल्कि साजिशन कुछ बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश रची गई।

सुप्रियो ने कहा कि ये कोई मामूली घटना नहीं। झामुमो तो पहले ही कह चुका है कि चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस राज्य में बंटी और बबली का खेल, खेल रहे हैं। जब हमने चुनाव आयोग से कहा कि 15 नवम्बर के बाद चुनाव करायें जायें, क्योंकि 15 नवम्बर के पहले हमारे यहां दीपावली, महापर्व छठ, कार्तिक पूर्णिमा, देवदीपावली, बिरसा जयंती, राज्य स्थापना दिवस आदि हैं, तो हमलोगों की बातों को चुनाव आयोग ने अनसुना कर दिया और जैसे ही उत्तर प्रदेश में जहां दस विधानसभा सीटों पर 13 नवम्बर को चुनाव होने थे। भाजपा ने चुनाव आयोग से गुहार लगाई, उनकी सारी तिथियों को बदलकर 20 नवम्बर कर दिया।

सुप्रियो ने कहा कि अब सवाल उठता है कि उत्तर प्रदेश में 13 नवम्बर को ही चुनाव हो जाता तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ता, कौन सा अनर्थ हो जाता। लेकिन चूंकि भाजपा ने कहा, तो चुनाव आयोग तो उसकी बात मानेगी ही। आज योगी जी झारखण्ड में हैं, वे बोलते-बोलते बोल गये कि वे अयोध्या से आ रहे हैं। झारखण्ड में झामुमो जीत गया तो यहां घंटी बजनी और शंख फूंकना बंद हो जायेगा। अरे योगी जी, अयोध्या में किसकी घंटी बजनी बंद हो गई और किसका शंख फूंका गया। वो तो सभी ने देखा, आपकी पार्टी की घंटी बजनी बंद हो गई और सपा का शंख फूंकना चालू हो गया। भगवान राम का न्याय देखिये। भगवान राम ने साफ कह दिया कि राजनीति में धर्म को लाओगे तो मेरा फैसला यही होगा।

सुप्रियो ने कहा कि चुनाव आयोग का झारखण्ड और झामुमो के प्रति रवैया ठीक नहीं। आज एक बहुत बड़ी आबादी छठ मनाने के लिए बिहार और यूपी चल दी हैं। ये सारे लोग 12-13 को लौंटेंगे। मतलब साफ है कि चुनाव आयोग ने एक बहुत बड़ी आबादी को मतदान करने से वंचित कर दिया। इस चुनाव आयोग ने हरियाणा में भी ऐसी ही साजिश रच दी थी और नतीजे को अपने फेवर में करवा लिया था।

लेकिन भाजपा को नहीं पता कि वे झारखण्ड तो हार ही रहे हैं। महाराष्ट्र में भी खाता नहीं खुलेगा। हमारे मुख्यमंत्री को जो डराने और आतंकित करने का काम किया जा रहा है और उन्हें जो रोका जा रहा है, ये काम बंद होना चाहिए। आदिवासी राष्ट्रपति बनाने का ढोल पीटनेवालों को यह भी बताना चाहिए कि क्या हेमन्त सोरेन आदिवासी नहीं, उसके जान से खेलने का काम क्यों किया जा रहा हैं।

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