अपनी बात

लक्षण ठीक नहीं दिख रहे भाजपा के, रांची व हटिया से खिसकती जमीन को देख, पीएम मोदी के रोड शो का आयोजन, राजनीतिक पंडितों का आकलन, नहीं पड़ेगा प्रभाव मोदी के रोड शो का, जनता ने बना लिया मूड परिवर्तन का

रांची और हटिया विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के लक्षण ठीक नहीं दिख रहे। जमीन साफ खिसकती दिखाई दे रही हैं। शायद यहीं कारण है कि जमीन खिसके नहीं, इसके लिए आनन-फानन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रांची में रोड शो का आयोजन कर दिया गया। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए खुद रांची लोकसभा के सांसद व केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ लगे हुए हैं। उनके साथ राकेश भास्कर भी लगे हुए हैं।

ये वहीं राकेश भास्कर है जिन पर शराब घोटाले का एक केस झारखण्ड हाई कोर्ट में चल रहा हैं। जिनके खिलाफ हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने पिछले ही साल अरगोड़ा थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करवाई थी कि राकेश भास्कर ने उनको धमकी दी हैं कि वो केस उठा लें, नहीं तो उन्हें झूठे केस में फंसा दिया जायेगा।

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि पहली बार ऐसा हुआ है कि रांची विधानसभा जैसी सीट जहां कहा जाता है कि भाजपा किसी को भी टिकट दे दें, आराम से जीत जायेगा। उस सीट पर भाजपा की हालत खराब चल रही हैं। रांची की इस सीट पर भाजपा को चुनौती मिल रही हैं, झामुमो की उम्मीदवार महुआ मांजी से, जो पिछली बार बहुत ही कम वोटों से हारी थी।

राजनीतिक पंडित कहते हैं कि भाजपा के अंदर कार्यकर्ताओं के चल रहे असंतोष व झामुमो द्वारा मजबूत कैंडिडेट दे देने से भाजपा की हालत यहां पतली दिख रही। हालांकि भाजपा प्रत्याशी सीपी सिंह अपनी ओर से खुब प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद भी यहां भाजपा के लिए इस बार जीत टेढ़ी खीर जैसी दिखाई पड़ रही हैं।

वहीं हटिया में भाजपा प्रत्याशी नवीन जायसवाल के लिए भी इस बार यह सीट निकाल पाना मुश्किल सा लग रहा है। यहां इस बार कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी अजय नाथ शाहदेव को बनाया है। अजय नाथ शाहदेव इस क्षेत्र में काफी लोकप्रिय रहे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन द्वारा इस इलाके में की गई सभा और उस सभा में उमड़ी स्वतःस्फूर्त भीड़, भाजपा खेमें में हलचल मचाकर रख दी है। भाजपाइयों को इस बात का ऐहसास नहीं था कि कल्पना सोरेन की मीटिंग ऐसी होगी। लेकिन जिस प्रकार से कल्पना सोरेन ने अपनी धमक दिखाई और जनता को अपने भाषण से प्रभावित किया। वो बताता है कि हटिया विधानसभा सीट इस बार भाजपा के लिए अच्छा संदेश देने नहीं जा रही।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो केवल रांची व हटिया ही नहीं, अमित शाह जो सोच रहे है कि जमशेदपुर में वे रोड शो करके जमशेदपुर पूर्व में भाजपा और जमशेदपुर पश्चिम में सरयू राय की जीत पक्की कर देंगे तो वे मुगालते में हैं। यहां भी इन दोनों प्रत्याशियों की हालत खराब चल रही हैं। हालांकि इन दोनों इलाकों में एक दूसरे के घुर विरोधी रघुवर दास व सरयू राय एक दूसरे के खिलाफ हमले करने से बच रहे हैं।

लेकिन राजनीतिक पंडितों की मानें, तो दोनों इलाकों में न तो रघुवर दास के समुदाय के लोग जमशेदपुर पश्चिम में सरयू राय को समर्थन दे रहे हैं और न ही सरयू राय के समुदाय के लोग रघुवर दास की बहू पूर्णिमा साहू दास को समर्थन करने को तैयार हैं। कुल मिलाकर यही चीजें दोनों के लिए जीत पर बड़ा संकट खड़ा कर रही हैं।

राजनीतिक पंडित तो साफ कहते है कि जिस प्रकार से भाजपा ने इस बार के चुनाव प्रचार में पानी की तरह पैसे बहाये हैं। साम, दाम, दंड, भेद की नीतियां बनाई हैं। वे सारी नीतियां झारखण्ड में हेमन्त सोरेन और कल्पना सोरेन के आगे फेल होती दिख रही हैं और इसे फेल कराने में भाजपा के लोग ही अंदर से ज्यादा लगे हुए हैं। ज्यादा जोगी मठ उजार और सिर्फ खुद के लिए चल रही भाजपा की राजनीति ने भाजपा को कहीं का नहीं छोड़ा हैं। बल्कि दूसरी ओर हेमन्त सोरेन के पास भाजपा जैसी टीम नहीं हैं। फिर भी हेमन्त सोरेन ने भाजपा के सारे दिग्गजों की रात की नींद और दिन का चैन तो एक तरह से उड़ा ही दी हैं।

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