अपनी बात

दूसरे चरण का मतदान अब औपचारिकता मात्र, हेमन्त और कल्पना की जोड़ी के आगे भाजपा और भाजपा समर्थित मीडिया की सारी योजनाएं फेल, आम जनता में झामुमो गठबंधन का जादू सिर चढ़कर बोल रहा

जरा सोचियेगा, एक ओर प्रधानमंत्री और उनका पूरा कुनबा, केन्द्रीय जांच एजेंसियां, चुनाव आयोग, रांची से लेकर दिल्ली तक की भाजपा की चरण चूमनेवाली मीडिया, फिर भी ये सभी मिलकर हेमन्त के विजय रथ को रोक नहीं पा रहे। राजनीतिक पंडितों की मानें तो पहले चरण के संपन्न चुनाव में जिस प्रकार झामुमो गठबंधन ने निर्णायक बढ़त बना ली हैं और जिस प्रकार से झामुमो गठबंधन के नेताओं व कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं, वो बताने के लिए काफी है कि यहां झारखण्ड में अब किसकी सरकार बनने जा रही हैं।

आज भी हेमन्त सोरेन और कल्पना सोरेन की सभा में उमड़नेवाली आम जनता की भीड़ में कोई कमी नहीं दिख रही। सभी की पसंद ये दोनों हेमन्त और कल्पना की जोड़ी ने झारखण्ड में ऐसी धूम मचाई हैं कि भाजपा के प्रदेश नेताओं व केन्द्रीय नेताओं की नींद उड़ चुकी है। स्थिति ऐसी है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी पर हार की तलवार साफ लटक रही हैं। बाबूलाल मरांडी तो अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए भूमिहार नेता निरंजन राय को अपने पक्ष में लाने की कई बार कोशिश करने के बाद सफलता प्राप्त कर ली। लेकिन इसके बावजूद राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बाबूलाल मरांडी इस सीट को अपने पक्ष में कर ही लेंगे, इसकी संभावना दूर-दूर तक नहीं दिखती।

एक ओर भाजपा के प्रमुख प्रादेशिक नेताओं पर लटक रही हार की तलवार तो दूसरी ओर भाजपा के ही प्रमुख सजायाफ्ता सांसद ढुलू महतो द्वारा धनबाद के वर्तमान भाजपा प्रत्याशी राज सिन्हा की जीत को हार में बदलने के लिए की जा रही मगजमारी साफ बता रही है कि यहां प्रदेश में भाजपा की क्या हाल होनेवाली हैं। राजनीतिक पंडित तो साफ कहते है कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके प्रिय गृह मंत्री अमित शाह हर विधानसभा सीट पर भाजपी की जीत पक्की करने के लिए नाक रगड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई भाजपा नेता ऐसे हैं, जो अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी को हराने के लिए उतनी ही तीव्रता से जोर लगा रहे हैं।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो इस बार बची सीटों पर होनेवाले दूसरे चरण के चुनाव में नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की बड़ी-बड़ी सभाओं के संपन्न हो जाने के बावजूद भी, उनकी संभावित जीत की कही से सूचनाएं नहीं आ रही हैं। स्थानीय मीडिया तो इनकी सेवा को प्राप्त करने बाद इनके आगे बिछौने की तरह बिछे दिख रहे हैं। फिर भी हेमन्त और कल्पना के आगे, इनकी सारी योजनाएं धरी की धरी रह जा रही हैं।

राजनीतिक पंडित इस बात को मानते हैं कि हेमन्त और कल्पना सोरेन की जीत में उनके द्वारा चलाई गई कई योजनाओं की लोकप्रियता भी प्रमुख रूप से शामिल है। जिसमें मंईयां सम्मान योजना सभी योजनाओं पर भारी है। मंईयां सम्मान योजना की लोकप्रियता और उस योजना का लाभ ले रही महिलाओं में हेमन्त और कल्पना ज्यादा लोकप्रिय है। लोकप्रियता ऐसी है कि अगर किसी महिला के सामने हेमन्त और कल्पना की आप बुराई करें तो आपको उनका कोपभाजन भी बनना पड़ सकता है।

इसी प्रकार हेमन्त सरकार की सर्वजन पेंशन योजना, किसानों को दो लाख तक की ऋण माफी, किशोरी समृद्धि योजना, विदेश जाकर उच्च शिक्षा प्रदान कराने की योजना ने आदिवासियों के बीच उनकी लोकप्रियता में चार चांद लगा दिये हैं। साथ ही अपने राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम से जोड़ देने से राज्य के अधिकारियों व कर्मचारियों के परिवारों ने भी हेमन्त सरकार के साथ अपना गहरा रिश्ता जोड़ लिया है। यहीं नहीं राज्यपुलिसकर्मियों की लंबित मांगों को भी हेमन्त सोरेन सरकार ने मान लिया था, जिसका प्रतिफल अब चुनाव में देखने को मिल रहा है।

राज्य के कई कर्मचारियों व अधिकारियों ने विद्रोही24 को बताया कि उन्हें इस बात का डर है कि कही अगर फिर से भाजपा की सरकार आ गई तो हो सकता है कि ये फिर से ओल्ड पेंशन स्कीम को खत्म न कर दें, ऐसे में वे चाहेंगे कि फिर से हेमन्त की ही सरकार आये, क्योंकि कौन चाहेगा कि उसकी बुढ़ापे की लाठी छीन ली जाये। भाजपा तो ये करने में सबसे आगे हैं। इसलिए उनका भी मत हेमन्त सोरेन सरकार को लाने में ही जायेगा।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो तो 20 नवम्बर को दूसरे चरण का होनेवाला चुनाव अब केवल औपचारिकता मात्र रह गया है। अब कोई भी भाजपा का नेता यहां आकर कितना भी भाषण क्यों न दे लें। कोई फर्क पड़नेवाला नहीं हैं। जनता ने निर्णय कर लिया है। कि उसे वोट किसे देना है और किसे फिर से सत्ता में लाना है। इसलिए लोगों को 20 नवम्बर का सिर्फ इंतजार है। मतलब आप कह सकते हैं कि हेमन्त और कल्पना के टक्कर में फिलहाल कोई नहीं हैं। इस बार संथाल और कोयलांचल का इलाका भी वहीं निर्णय देगा, जो प्रथम चरण की जनता ने दिया है। मतलब परिणाम क्या आने जा रहा हैं, सभी को मालूम है।