वन स्टॉप सेंटर की सुविधाएं ‘अप टू द मार्क’ करने की मांग को लेकर शहर की प्रबुद्ध महिलाएं जमशेदपुर के उपायुक्त से मिली, उपायुक्त ने दिया आश्वासन
अचानक किसी महिला को अगर घर या बाहर हिंसा का शिकार होना पड़े तो वह कहां जाए? जमशेदपुर के रेड क्रॉस भवन में जो वन स्टॉप सेंटर है। वहां सुविधाओं का घोर अभाव है और यह 24 घंटे संचालित नहीं होता है। इसको लेकर पिछले हफ्ते एनजीओ ‘युवा’ ने अपना सर्वे सार्वजनिक किया था। जिसमें बताया गया था कि कैसे वन स्टॉप सेंटर में न तो कायदे से घायल के इलाज की व्यवस्था है, न सिक्योरिटी की सुविधा है, न पानी की और न ही अन्य सुविधाएं हैं।
उस कार्यक्रम में यह तय हुआ था कि शहर के विभिन्न सेक्टरों में कार्यरत महिलाएं इस मुद्दे को लेकर उपायुक्त से मिलकर निदान के लिए निवेदन करेंगी। उसी कड़ी में मंगलवार को एनजीओ युवा की संस्थापक वर्णाली चक्रवर्ती, सामाजिक कार्यकर्ता प्रभा जायसवाल, संयुक्ता चौधरी, वरिष्ठ पत्रकार सह सामाजिक कार्यकर्ता अन्नी अमृता, पद्मा, निजाम और छवि दास ने उपायुक्त अनन्य मित्तल से मुलाकात कर उन्हें तमाम बातों की जानकारी दी। महिलाओं ने वन स्टॉप सेंटर को सुचारू रूप से बेहतर सुविधाओं के साथ 24 घंटे संचालित करने हेतु उचित पहल करने का निवेदन किया।
उपायुक्त अनन्य मित्तल ने भरोसा दिलाया कि इस मुद्दे पर उचित पहल होगी। महिलाओं ने वन स्टॉप सेंटर को सक्रिय करने की मांग के साथ-साथ जिले के सभी स्कूलों, पंचायतों व अन्य जगहों पर दिव्यांग जनों के लिए अनुकूल शौचालय बनाने की मांग की। इसके अलावा उच्च शिक्षा की तरफ लड़कियों को प्रेरित करने और काम के लिए शहर आनेवाली मजदूर महिलाओं के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से ग्राम गाड़ी चलाने की नि:शुल्क व्यवस्था की भी मांग की गई। महिलाओं ने यह भी निवेदन किया कि थाना, अस्पताल और शैक्षणिक संस्थानों में इंटरप्रेटर और उपायुक्त कार्यालय समेत अन्य जगहों पर रैंप या लिफ्ट की व्यवस्था हो ताकि विकलांगजनों को असुविधा न हो।
उपायुक्त को मांग पत्र सौंपने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए वर्णाली चक्रवर्ती ने कहा कि ‘युवा’ के सर्वे में आई रिपोर्ट के बाद जरुरी हो गया था कि वन स्टॉप सेंटर को सुचारू रूप से सक्रिय करने की पहल हो। यही वजह है कि आज उपायुक्त का ध्यान आकृष्ट कराया गया है। उम्मीद है कि इस पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
‘संस्कृति’ से जुड़ी संयुक्ता चौधरी ने कहा कि वन स्टॉप सेंटर को सुचारू रुप से चलाने के लिए जिला प्रशासन और सरकार का सहयोग जरुरी है, यह अकेले एनजीओ के बस की बात नहीं है क्योंकि कई तरह के पेमेंट करने होते हैं। यही वजह है कि इस मुद्दे पर सबको आवाज उठानी होगी।
महिला प्रतिनिधिमंडल में शामिल वरिष्ठ पत्रकार सह सामाजिक कार्यकर्ता अन्नी अमृता ने कहा कि आए दिन अत्याचार की शिकार महिलाएं मीडिया और अन्य लोगों से मदद की गुहार लगाती है। लेकिन उनके आश्रय की जमशेदपुर में कोई व्यवस्था नहीं है जो दुखद है। निर्भया कांड के बाद पूरे देश में वन स्टॉप सेंटर के शुभारंभ होने के क्रम में जमशेदपुर में भी 2017 में रेड क्रॉस भवन में जोर शोर से शुरुआत हुई। तब झारखंड राज्य महिला आयोग कार्यरत था और आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष यदा कदा वन स्टॉप सेंटर का मुआयना भी करती थीं।
पर पिछले कुछ समय से वन स्टॉप सेंटर हाशिए पर है, इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव है और महज खानापूर्ति चल रही है। यहां इलाज और सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है। 24 घंटे कार्यरत न होने से किसी महिला के रात में हिंसा की शिकार होने पर यह सेंटर उपलब्ध नहीं है। जिस वजह से न्याय के लिए कई महिलाएं आवाज नहीं उठा पाती हैं। आज शहर की महिलाओं के साथ मिलकर सभी ने उपायुक्त से वन स्टॉप सेंटर को सुचारू रुप से चलाने की मांग की है। जिस पर उपायुक्त ने उचित पहल का आश्वासन दिया है।