फिल्म

बहुत दिन से नहीं आये घर कहो अनवर क्या हुआ? 28 फरवरी को रिलीज हो रही निर्देशक अविनाश दास की फिल्म – इन गलियों में

हिंदी के एक कवि-कथाकार थे, वसु मालवीय। इकत्तीस-बत्तीस साल की उम्र में वह इस दुनिया को अलविदा कह गये। यह जो फ़िल्म है, “इन गलियों में”, उन्हीं वसु मालवीय की कहानियों के किरदारों की ज़िंदगियां हैं। वसु का एक गीत है, जो मुझे बेहद प्रिय है और जो इस फ़िल्म की प्रेरणा भी है, “कहो अनवर क्या हुआ?”

बहुत दिन से नहीं आये घर

कहो अनवर क्या हुआ

वो सिवइयां प्यार से लाना टिफ़िन में

दस मुलाक़ातें हमारी एक दिन में

और अब चुप्पी तुम्हारी

तोड़ती जाती निरंतर

क्या हुआ

टूटने को बहुत कुछ टूटा, बचा क्या

छा गयी है देश के ऊपर अयोध्या

धर्मग्रंथों से निकलकर

हो गये तलवार अक्षर

क्या हुआ

बहुत दिन से नहीं आये घर

कहो अनवर क्या हुआ?

तो यह जो फ़िल्म है, “इन गलियों में”, वसु मालवीय के सुपुत्र पुनर्वसु की तरफ़ से अपने पिता को श्रद्धांजलि है। पटकथा पुनर्वसु ने लिखी है, ज़्यादातर गीत उसने लिखे है, गीतों की शुरुआती धुन भी उसी ने तैयार की है। मैं तो बस निमित्त मात्र हूं। मेरी तरफ़ से यह फ़िल्म हिंदी साहित्य को एक उपहार है। शुक्रिया यदुनाथ फ़िल्म्स, इसे प्रोड्यूस करने के लिए।

शुक्रिया जावेद जाफ़री, इश्तियाक़ ख़ान, सुशांत सिंह, अवंतिका दसानी, विवान शाह, राजीव ध्यानी, हिमांशु वाजपेयी इस फ़िल्म में सुंदर किरदार निभाने के लिए। अरविंद कन्नाबिरन, जबीन मर्चेंट, अमाल मलिक, संजय चौधुरी और अरुण नांबियार इन सबने मिल कर ये फ़िल्म बनायी है। सबके लिए ज़िंदाबाद। “इन गलियों में” 28 फ़रवरी को थिएटर्स में रीलीज़ होगी। आपलोग देखिएगा ज़रूर।

  • अविनाश दास, निर्देशक, इन गलियों में।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *