कतरास प्रेस क्लब से जुड़े पत्रकारों ने धनबाद में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मिलकर कतरास व राजगंज के थाना प्रभारियों को निलंबित कर, उन पर विभागीय कार्रवाई करने की मांग कर डाली
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के स्थापना दिवस पर धनबाद पहुंचे राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मिलने आज कतरास प्रेस क्लब के सदस्यों का एक दल मंच पर ही पहुंच गया तथा कतरास और राजगंज के थाना प्रभारियों के कृत्यों की संपूर्ण जांच कराने तथा इन्हें निलंबित करने की मांग कर डाली। कतरास प्रेस क्लब से जुड़े पत्रकारों का कहना था कि यूट्यूबर निकेश के अपहरण मामले में इन दोनों थाना प्रभारियों का कृत्य संदेहास्पद रहा, जिससे राज्य सरकार की छवि धूमिल हुई।
इन सब का कहना था कि कतरास थाना प्रभारी असीत कुमार सिंह और राजगंज थाना प्रभारी अलिशा अग्रवाल ने अपराधियों को पकड़ने के बजाय मामले को रफा-दफा करने में ज्यादा रुचि दिखाई। अपराधियों का मनोबल इन्होंने इतना बढ़ाया कि अपराधी प्रभावित परिवारों को धमकी देने के लिए उनके घर तक पहुंच गये। जिसको देखते हुए कतरास प्रेस क्लब ने आंदोलन करने की ठानी। जिसके समर्थन में स्थानीय लोगों के साथ-साथ सभी सामाजिक व राजनीतिक संगठन मुखर हो उठे।
जिसका प्रभाव यह पड़ा कि अपनी गिरफ्तारी की निश्चितिता को देखते हुए अपराधी उज्जवल डे ने स्वयं को धनबाद कोर्ट में सुपूर्द कर दिया। कतरास प्रेस क्लब के अध्यक्ष इंद्रजीत पासवान का कहना है कि आज भी इन दोनों थाना प्रभारियों ने इस मामले में अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं निभाई है। आज भी इनका पहला और अंतिम लक्ष्य अपराधियों को दंड दिलाना नहीं बल्कि अपराधियों को बचाना है। इसलिए ऐसे थाना प्रभारियों पर विभागीय कार्रवाई भी होनी चाहिए।