रांची के देवी मंडप रोड स्थित सरोवर नगर में निर्मित सूर्य मंदिर में सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा ने अपना 48वां वार्षिक महाधिवेशन सह सूर्य सप्तमी समारोह हर्ष व उल्लास के बीच किया संपन्न
रांची के देवी मंडप रोड स्थित सरोवर नगर में निर्मित सूर्य मंदिर में सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा ने अपना 48वां वार्षिक महाधिवेशन सह सूर्य सप्तमी समारोह हर्ष व उल्लास के बीच संपन्न किया। इस दौरान महासभा से जुड़े तीन विद्वानों को भास्कर रत्न से भी सम्मानित किया गया। सम्मानित होनेवालों में अवकाश प्राप्त रिम्स के चर्म रोग विशेषज्ञ सह विभागाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार मिश्र, यशस्वी अधिवक्ता मोहन लाल पाठक व कर्मकांडी पंडित राम शंकर मिश्र प्रमुख थे।
अस्वस्थ होने के कारण इन तीनों में से मोहन लाल पाठक व राम शंकर मिश्र आज यहां मौजूद नहीं रहे, लेकिन उन्हें उनका पुरस्कार उनके आवास पर जाकर दे दिया जायेगा। इसकी जानकारी महासभा के जिलाध्यक्ष विभाकर मिश्र ने विद्रोही24 को दी। आज कार्यक्रम की शुरुआत झंडोत्तोलन, भगवान भास्कर की पूजा-अर्चन व हवनादि से प्रारंभ हुआ। उसके बाद अधिवेशन का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विभाकर मिश्र ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हम सभी सूर्यदेव के वंशज हैं। सूर्य पूजक हैं। धर्म का प्रसार हो, इसके लिए हमारा दायित्व और बढ़ जाता है। अपना यह महासभा कई बाधाओं के पश्चात् निरंतर पल्लवित एवं पुष्पित हो रहा है। यह 47 वर्षों से अपने उद्देश्यों को पूरा करने में प्रयत्नशील रहा है, इससे हम सभी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की मांग है कि हम अपने विचारों के टकराव को विराम देकर नव समाज की परिकल्पना कर एकजुटता का परिचय दें।
मंत्री आचार्य मिथिलेश कुमार मिश्र ने महासभा के संस्थापक सदस्यों के नाम तथा उनके महान कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि अपनी नयी पीढ़ी से पुनः वे आशा करेंगे कि अपनी सामाजिक दायित्व व परम्परा को निर्वाह करते हुए मग समाज के उन्नति व ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल कर अपने समाज को नई दिशा दें। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष समाज के कई लोगों का बिछोह हमारे समाज को सहना पड़ा है। हम उन दिवंगत आत्माओं को सभी की ओर से विनम्र श्रद्धाजंलि अर्पित करते हैं।
सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डा. अमिताभ कुमार पांडेय ने महाधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने छोटे-छोटे विचारों से उपर उठने की जरुरत हैं। अगर हम अपने इन छोटे-छोटे विचारों और अहं को नहीं त्यागेंगे तो हम एक बड़े मुकाम को हासिल नहीं कर पायेंगे। कई विचारों के आने और उसके मंथन कर एक मार्ग को अपनाकर चलने से ही हम बेहतर समाज की ओर बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि बाधाएं हैं और हम जल्द ही सभी के प्रयास से उन बाधाओं को पार कर लेंगे। इस पूरे कार्यक्रम का विस्तृत ब्यौरा महासभा के मीडिया प्रभारी व युवा नेता मनोज कुमार पुट्टू ने विद्रोही24 को दी।
मनोज कुमार पुट्टू ने बताया कि सूर्य पूजा में यजमान की भूमिका में अरविन्द कुमार मिश्र सपत्नीक एवं पुरोहित की भूमिका में पं. कृष्णकांत पाठक व शिव शंकर पाठक विद्यमान थे, जबकि इस पूरे कार्यक्रम को बेहतर बनाने में उमाकांत मिश्र, इन्दु मिश्र, संजय कुमार पाठक, अशोक पाठक, गौरी शंकर पाठक, उदय शंकर मिश्र, ब्रजेश मिश्र, दिनेश्वर पाठक, शशिकांत मिश्र, विमल कुमार मिश्र, अर्जुन कुमार पाठक, विश्वम्भर शास्त्री एवं वसन्त पाठक की भूमिका सराहनीय रही। बताया जाता है कि इस कार्यक्रम में पांच सौ से भी अधिक लोगों ने भाग लिया।