सजायाफ्ता भाजपा सांसद ढुलू की कृपापात्र धनबाद DC के खिलाफ सरयू राय इस बजट सत्र में अवमानना का प्रस्ताव लायेंगे, इधर राजनीतिक पंडितों ने कहा कि इसके बावजूद धनबाद उपायुक्त का कुछ नहीं होगा, क्योंकि…
जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने धनबाद के उपायुक्त व अन्य अधिकारियों पर अपनी भृकुटि तान दी है। उन्होंने कहा है कि वे इसी बजट सत्र में इन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का प्रस्ताव लायेंगे। अवमानना प्रस्ताव लाने का कारण भी उन्होंने स्पष्ट कर दिया है। सरयू राय के कथनानुसार सजायाफ्ता भाजपा सांसद ढुलू महतो की दबंगई से उनके आस-पास रहनेवाले लोगों का जीना दूभर हो चुका है। जिसको लेकर उन्होने कभी इसकी शिकायत राज्यपाल से की थी।
उसी शिकायत के आधार पर राज्यपाल सचिवालय ने धनबाद के उपायुक्त को पत्र लिखा था। जिसमें कहा गया था कि सरयू राय, विधायक सह चेयरपर्सन कमेटी ऑन पब्लिक अंडरटेकिंग द्वारा राज्यपाल को पत्र द्वारा 25 अप्रैल 2024 को सूचित किया गया है कि उनके धनबाद जिला के बाघमारा विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान उन्हें पता चला कि उस क्षेत्र के तत्कालीन विधायक व लोकसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी सजायाफ्ता ढुलू महतो द्वारा वहां के लोगों पर दबंगई व अत्याचार किया जा रहा है।
यहां तक की उसके और उसके लोगों द्वारा वहां के लोगों की निजी जमीन, रैयती एवं सरकारी जमीनों पर भी कब्जा किया जा रहा है। ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद भी सरकार एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों द्वारा उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है। राज्यपाल सचिवालय ने इस पूरे मामले की संपूर्ण जांच करते हुए यथाशीघ्र विधिसम्मत कार्रवाई करने की बात भी की थी। यह पत्र राज्यपाल सचिवालय की संयुक्त सचिव अर्चना मेहता द्वारा जारी किया गया था। अब आश्चर्य इस बात की है कि साल होने को हैं।
लेकिन इस राज्यपाल सचिवालय के पत्र को भी धनबाद के उपायुक्त ने अनसुना कर दिया। जबकि राज्यपाल सचिवालय ने सरयू राय के पत्र मिलने के ठीक एक महीने बाद 24 मई 2024 को धनबाद के उपायुक्त को जांचकर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया था। लेकिन जिला प्रशासन ने अभी तक इस पर अपनी रिपोर्ट नहीं दी हैं। इसी बात को लेकर गुस्से में आये सरयू राय ने जब धनबाद में कल संवाददाताओं से बात की तो उन्होंने कह दिया कि वे इस मामले पर धनबाद उपायुक्त और अन्य अधिकारियों के खिलाफ बजट सत्र में अवमानना का प्रस्ताव लायेंगे।
इधर राजनीतिक पंडितों का कहना है कि दरअसल सजायाफ्ता भाजपा सांसद ढुलू महतो की दबंगई और उसके द्वारा किये जानेवाले कुकृत्यों की एक लंबी सूची इन अधिकारियों के पास है। लेकिन सच्चाई यह भी है कि केन्द्र से लेकर राज्य तक, सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष तक, प्रशासन का एक-एक अधिकारी ही नहीं, बल्कि अखबारों व अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करनेवाले पत्रकार तक सजायाफ्ता ढुलू महतो के आगे नतमस्तक होकर उसकी स्तुति गाते हैं। जिसके कारण गरीबों व लाचारों की जिंदगी नारकीय हो गई और ढुलू जैसे लोगों की वाहवाही हो गये।
वाहवाही का आलम तो यह है कि वो खुद बाघमारा के विधायक के बाद धनबाद का सांसद बन गया। प्रधानमंत्री मोदी के साथ होनेवाली बैठक में अगली पंक्ति में समकक्ष बैठकर अपनी दबंगई दिखाने लगा और यहीं नहीं खुद जब धनबाद का सांसद बना तो बाघमारा की सीट पर अपने भाई शत्रुघ्न को भाजपा का विधायक बनवा दिया। आज भी उसकी तूती बोलती है। बोलेगी भी क्यों नहीं। जब आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर और कथावाचक कुमार विश्वास जैसे लोग उसके एक इशारे पर उसके गांव चिटाही पहुंच जाते हैं, तो समझ लीजिये वो आदमी क्या है?
यहीं नहीं, वो जिसे पाये वीर और जिसे पाये कुत्ता-बिल्ली भी कह देता है और लोग सुनते हैं। हंसते हैं। ढुलू महतो जिन्दाबाद का नारा लगाते हैं। उसकी इज्जत करते हैं। यानी जो फिल्मों में विलेन आप देखते हैं। उसका असली किरदार तो वो खुद निभा रहा है। ऐसे में सरयू राय द्वारा बजट सत्र में धनबाद के उपायुक्त के खिलाफ अवमानना का प्रस्ताव लाने से क्या होगा? धनबाद की उपायुक्त को कुछ नहीं होगा, क्योंकि उसे सजायाफ्ता भाजपा सांसद ढुलू महतो का आशीर्वाद जो प्राप्त हैं।