अपनी बात

स्पीकर रवीन्द्र नाथ महतो द्वारा बुलाई गई बैठक में भाजपा विधायक देवेन्द्र कुंवर की उपस्थिति से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी समेत कई विधायक हैरान, मिला था सीपी सिंह को आमंत्रण, सीपी सिंह ने किया इनकार

झारखण्ड विधानसभाध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने आज सदन को सुचारु रूप से चलाने को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की एक बैठक आज अपने विधानसभा कक्ष में बुलाई थी। जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर, जदयू विधायक सरयू राय, लोक जनशक्ति पार्टी विधायक जनार्दन पासवान, कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव और भाजपा विधायक देवेन्द्र कुंवर प्रमुख रूप से उपस्थित हुए।

बताया जाता है कि बहुत देर के बाद झारखण्ड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के विधायक जयराम महतो और राजद की ओर से सुरेश पासवान ने भी भाग लिया। जबकि आजसू और भाकपा माले की ओर से किसी ने शिरकत नहीं की। इधर बताया जा रहा है कि भाजपा ने अभी तक यह डिसाइड नहीं किया है कि उसका विधायक दल का नेता कौन होगा? अभी भी भाजपा उधेड़ बून में हैं।

फिर भी विधायक दलों की बैठक में भाजपा के जरमुंडी विधायक देवेन्द्र कुंवर का इस बैठक में शामिल हो जाना, खुद भाजपा में ही चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर देवेन्द्र कुंवर किस हैसियत से स्पीकर द्वारा बुलाये गये विधायक दलों की बैठक में शामिल हो गये, क्योंकि इस बैठक में आम तौर पर विधायक दल के नेता ही भाग लेते हैं।

जब विद्रोही24 ने इस संबंध में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा से बात की तो उन्होंने कहा कि देवेन्द्र कुंवर को किसने कहा कि वे स्पीकर द्वारा बुलाये गये बैठक में शामिल हो, ये वे नहीं कह सकते। ये तो पार्टी ही बतायेगी। प्रदेश अध्यक्ष बतायेंगे। जब विद्रोही24 ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से बात की, तो उनका कहना था कि पहली बात तो उन्हें इस बैठक की कोई जानकारी ही नहीं हैं। हो सकता है कि देवेन्द्र कुंवर को स्पीकर ने आमंत्रण दिया हो, जिसको लेकर वे इस बैठक में शामिल होने पहुंच गये हो। जब विद्रोही24 ने कहा कि इस बैठक के लिए तो स्पीकर की ओर से आमंत्रण पत्र सीपी सिंह को गया है, तो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि तब तो पूरा मामला ही अब आश्चर्य से भरा है।

इधर जब विद्रोही24 ने सीपी सिंह से इस संबंध में बातचीत की तो उन्होंने स्वीकारा कि उन्हें स्पीकर की ओर से इस बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रण मिला था, लेकिन चूंकि अभी भाजपा विधायक दल का नेता चूना ही नहीं गया, ऐसे में वे कैसे इस बैठक में जाते। अगर प्रदेश अध्यक्ष उन्हें कहते तो इस पर विचार भी करते। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष को भी लगता है इसकी सूचना नहीं हैं। ऐसे में वे पार्टी के विरोध में जाकर कोई कार्य करें, उन्हें इस उम्र में शोभा नहीं देता।

उन्होंने कहा कि रही बात देवेन्द्र कुंवर कैसे चले गये? ये देवेन्द्र कुंवर ही जाने। इस पर वे कुछ नहीं कह सकते। राजनीतिक पंडितों की मानें तो स्पीकर के इस विशेष बैठक में आम तौर पर मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, संसदीय कार्य मंत्री और विभिन्न विधायक दलों के नेता ही शामिल होते हैं। लेकिन देवेन्द्र कुंवर का मामला तो गजब सा दिख रहा हैं। ये तो भाजपा या स्पीकर ही बेहतर बता सकते हैं कि वे किस हैसियत से उक्त बैठक में शामिल हो गये।

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