बजट पर सामान्य वाद विवाद में भाग लेते हुए बाबूलाल मरांडी ने वित्त मंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि बजट में राजनीति लाकर उन्होंने ठीक नहीं किया, झारखण्ड निर्माण में अटल जी की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता
वित्तीय वर्ष 2025-26 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद विवाद में भाग लेते हुए राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सदन में कहा कि वे उम्मीद कर रहे थे कि शायद वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर बजट को प्रारंभ करेंगे तो अपने बजट भाषण में राजनीति नही लायेंगे। लेकिन कल पूरे राज्य ने सुना। उन्होंने यही से ही राजनीति शुरू कर दी।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 15 नवंबर 2000 को झारखंड बना। वित्त मंत्री शिबू सोरेन जी को इसका क्रेडिट दिया। कांग्रेस पार्टी को भी क्रेडिट दिया। लेकिन इन्होंने एक बार भी उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी का नाम तक नही लिया। ऐसा लगा जैसे उनकी कोई भूमिका ही नही थी।
आजाद भारत मे झारखंड राज्य के लिए जितने लंबे समय तक यहां के लोगों ने संघर्ष किया। जयपाल सिंह मुंडा के नेतृत्व में हो या शिबू सोरेन के नेतृत्व में हो। देश मे कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार रही। लेकिन कभी भी कांग्रेसियों ने झारखंडवासियों की आवाज को सुना नही। बल्कि उसको दबाने का ही काम किया, खरीदने का ही काम किया।
लेकिन जब 1998-1999 में इस देश मे अटल जी के नेतृत्व में NDA की सरकार बनी तो 15 नवंबर 2000 को इस झारखंड अलग राज्य का निर्माण हुआ। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उन्होंने बजट भाषण में देखा कि वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री का महिमामंडन किया, अच्छी बात है उनके नेतृत्व में सरकार चल रही है, तो करना भी चाहिए।
लेकिन उन्होंने उस जेल यात्रा को लेकर इस प्रकार की कविता का पाठ किया जैसा लगा की आजादी की लड़ाई में जेल में बंद थे। वहां से छूट कर आए है, तो इस प्रकार यहां महामंडित किया गया। लेकिन किस कारणों से जेल में थे सबको पता है। झारखंड बने अब 25 साल हो रहे हैं। 25 साल में ये चर्चाएं होती है कि भाजपा ने बहुत दिनों तक राज किया।
लेकिन इस सदन से वे कहना चाहता हैं। 25 वर्षों का अगर आप कार्यकाल देखेंगे तो 13 वर्षो तक भाजपा की सरकार रही, 11 वर्षो तक झामुमो की सरकार रही और राष्ट्रपति शासन भी इनके ही कार्यकाल में रहा। अब तो इनका ये जो कार्यकाल मिला है उससे आपके शासन काल सबसे अधिक हो जाएगी। इसीलिए आप अपनी जवाबदेही से अब बच नही सकते।