वित्त मंत्री पर आजसू नेता प्रवीण प्रभाकर का पलटवार, कांग्रेस–झामुमो नहीं, आजसू के उग्र आंदोलन का परिणाम है झारखंड राज्य
झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर ने वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर के बजट भाषण में झारखंड निर्माण का एकमात्र श्रेय झामुमो–कांग्रेस को देने की आलोचना की है और कहा है कि आजसू के उग्र आंदोलन का परिणाम है झारखंड राज्य। झामुमो–कांग्रेस ने तो 1993 में झारखंड आंदोलन की सौदेबाजी की। कांग्रेस ने तो दो-दो बार 1963 में झारखंड पार्टी और 1993 में झामुमो के समर्थन से केंद्र में अपनी सरकार बचाई, लेकिन झारखंड का निर्माण नहीं किया था और झारखंडी जनता को ठगने का काम किया।
श्री प्रभाकर ने कहा कि 1986 में आजसू द्वारा उग्र आंदोलन और आर्थिक नाकेबंदी शुरू करने से घबरा कर केंद्र ने 1989 में पहली ’झारखंड वार्ता’ आजसू नेताओं के साथ की थी, जिसके परिणामस्वरूप ’झारखंड विषयक समिति’ बनी और फिर जैक का गठन किया गया। इसके बाद 1999 में तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने भी आजसू नेताओं से वार्ता की और राज्य निर्माण एवं वनांचल की बजाय झारखंड नामकरण पर सैद्धांतिक रूप से सहमति बनी, जिसके बाद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा झारखंड का निर्माण किया गया।
श्री प्रभाकर ने कहा कि कांग्रेस की मंशा सही होती तो वह पहले ही झारखंड बना देती। 1999 में भाजपा द्वारा झारखंड राज्य बनाने की सैद्धांतिक सहमति देने के बाद आजसू ने राजग में शामिल होने का निर्णय लिया, जिसके बाद झारखंड के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को सही बातें सदन में रखनी चाहिए, क्योंकि इस इतिहास को कोई बदलने की कोशिश भी करेगा तो नहीं बदल पायेगा, क्योंकि ये सारी बातें पब्लिक डोमेन में हैं।