तपोवन मंदिर के सौंदर्यीकरण का संकल्प लेनेवाले हेमन्त सोरेन ने हिन्दुत्व का दंभ भरनेवाली भाजपा को पीछे छोड़ा, वैदिक मंत्रों के साथ मंदिर के प्रारूप को नया रूप देने के लिए किया भूमि पूजन
जो काम हिन्दुत्व का दंभ भरनेवाली भाजपा अपने शासनकाल में नहीं करवा सकी, वो काम अपने शासनकाल में झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने करवा दिया। तपोवन मंदिर की काया पलटने में प्रमुख भूमिका निभा दी। अपने पिछले शासनकाल में जब हेमन्त सोरेन इस मंदिर परिसर में आये थे, तभी उन्होंने इसकी बेहतरी के लिए कदम बढ़ाने का संकल्प लिया था और इसके सौंदर्यीकरण पर ध्यान केन्द्रित कर दिया।
जिसका परिणाम है कि तपोवन मंदिर का पूरा इलाका अब बेहतर रूप में सभी के सामने प्रस्तुत हो रहा हैं। अब चूंकि मंदिर का इलाका ही बाकी हैं। इसलिए उस ओर भी सरकार का ध्यान हैं, ताकि यहां आनेवाले किसी भी श्रद्धालुओं को किसी प्रकार का कष्ट न हो। ऐसे भी जब भी यहां से जुड़े किसी भी सदस्य ने मुख्यमंत्री का दरवाजा खटखटाया। हेमन्त सोरेन ने निराश नहीं किया।
कुछ दिन पहले ही जब मंदिर के महंत अपने कई सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री आवास जाकर मंदिर के नव-निर्माण हेतु भूमि पूजन कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित करने के लिए बुलाया, तो आज मुख्यमंत्री सदल-बल के साथ भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल भी हुए। वेद मंत्रों के साथ उन्होंने भूमि पूजन कार्यक्रम संपन्न किया। अब इसके बाद मंदिर के पुनरुद्धार का कार्यक्रम शीघ्रता से चलेगा।
लोग बताते हैं कि इस मंदिर के पुनरुद्धार और सौंदर्यीकरण पर हेमन्त सोरेन का विशेष ध्यान हैं। यहीं कारण है कि इस पूरे इलाके का विशेष ध्यान रखते हुए सरकार की ओर से यहां विशेष सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। हालांकि रांची के तपोवन मंदिर स्थित श्रीराम जानकी मंदिर के सौंदर्यीकरण पर हर दल की नजर हैं और चाहता है कि वो इसका श्रेय लें। लेकिन श्रेय लेने में बाजी मारी राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने।
जब उन्होंने तपोवन मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए पिछली सरकार के दौरान दो साल पहले 14 करोड़ 67 लाख रुपये का बजट में प्रावधान किया था। जिसका जिम्मा जुडको को दिया गया था। जिसका प्रभाव अब धीरे-धीरे देखने को मिल भी रहा है। अब चूंकि मंदिर के निर्माण का शेष कार्य बचा हुआ था तो आज हेमन्त सोरेन द्वारा शिलान्यास कर दिये जाने के बाद यह भी प्रारंभ हो गया।