अपनी बात

झामुमो और हेमन्त की बढ़ती लोकप्रियता पर झामुमो कोटे से ही बना मंत्री हफीजुल ग्रहण लगाने को तैयार, अपनी बदजुबानी से भाजपा को दी ताकत, जनता में सत्तापक्ष के प्रति बढ़ी नाराजगी, भविष्य के लिए हफीजुल बने खतरा

लगता है झामुमो कोटे से मंत्री बने हफीजुल हसन अंसारी को सनक सवार हो गई हैं। विद्रोही24 को लगता है कि इस व्यक्ति ने झामुमो और हेमन्त सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता को रोकने के लिए सुपारी ले ली हैं। तभी तो वो ऐसा-ऐसा बयान दे रहा है कि झारखण्ड में मृत पड़ी भाजपा में जान आ गई है।

आज भाजपा ने इसकी संविधान विरोधी बयान को लेकर एक बड़ा आंदोलन की। जिसका जनता ने भी सहयोग किया। चूंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। इसलिए यहां की जनता इस प्रकार के बेहूदे बयान को सुनने को कभी भी तैयार नहीं होगी, क्योंकि यहां की जनता के खून में धर्मनिरपेक्षता समाई हुई हैं।

कुछ दिन पहले जिस प्रकार से मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने बयान दिया था। उस बयान को कोई भी राष्ट्रप्रेमी स्वीकार नहीं करेगा। ये अलग बात है कि सत्ता की लालच में आजकल कोई भी व्यक्ति अपने देश को भी अब दांव पर लगा दे रहा है। सबसे पहले वो बयान देखिये, जो हफीजुल हसन अंसारी ने दिया –

“शरीयत मेरे लिए बड़ा है। हम कुरान सीने में रखते है और हाथ में रखते हैं संविधान। मुसलमान कुरान सीने में और हाथ में संविधान लेके चलता है, तो हम पहले शरीयत को पकड़ेंगे, इसके बाद संविधान को, जो मेरे इस्लाम में हैं।” अब इस बयान का क्या मतलब है? ये तो दूध पीता बच्चा भी समझ लेगा। इसके इस बयान को समझने के लिए किसी के पास जाने की भी जरुरत हैं क्या? वो तो साफ कह दिया कि उसके लिए पहले शरीयत और बाद में संविधान है।

अब इस व्यक्ति ने नया ताजा बयान क्या दे दिया, वो भी देखिये – “मुसलमान सब्र कर रहा है, कब्र में नहीं हैं, ये आप जान लीजिये, आप डिस्टर्ब करना चाहेंगे, तो फिर वो रोड पर आयेगा, मार-काट होगा।” अब इस बयान का मतलब क्या होता हैं, ये भी हमें या किसी को समझने के लिए किसी स्कूल-कॉलेज में जाना होगा क्या? वो तो साफ उकसा रहा है कि मुसलमानों को क्या करना है?

ये अलग बात है कि उसके बयान को सुनकर या देखकर मौन व्रत रखे झामुमो, कांग्रेस व वामपंथी राजनीतिक दलों के लोग व तथाकथित स्वयं को धर्मनिरपेक्ष संस्था कहलाने में गर्व महसूस करनेवाले संगठन चुप्पी साध रखी हैं, जिससे इस्लामी सांप्रदायिकता को यहां हवा मिल रही हैं। इस हफीजुल के बयान की आड़ में कट्ट्ररवादी सोचवाले मुस्लिमों को बढ़ावा मिल रहा हैं, जिससे यहां कभी भी, किसी भी जगह पर अब कुछ भी हो सकता है, और इसके लिए जवाबदेह कौन होगा? इसे भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

यह इसी प्रकार की सोच और बयानबाजी का प्रभाव है कि इस राज्य में हिन्दू पर्व-त्यौहारों पर हिन्दूओं की किसी भी शोभायात्रा पर पत्थरबाजी होना अब आम बात हो गई है। क्योंकि ऐसे लोगों को बढ़ावा तो इसी प्रकार की सोच और बयान से ही मिलता है। इधर प्रदेश भाजपा के नेताओं ने आज पूरे राज्य में हफीजुल हसन अंसारी द्वारा संविधान को दूसरे स्थान पर रखने और शरीयत को ही प्रधान समझने के खिलाफ जबर्दस्त आंदोलन चलाया, जिसको जनसमर्थन भी मिला।

अगर झामुमो ने ऐसे बयानवीर नेता पर रोक नहीं लगाई तो इस बार तो 34 सीटें मिली हैं, 2029 के चुनाव में 14 सीटें भी मिल जाये तो बड़ी बात हो जायेगी। क्योंकि जनता ने जो सत्ता सौंपी हैं, शरीयत के आधार पर शासन करने के लिए नहीं, इस्लामिक कानूनों के आधार पर सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं, बल्कि भारतीय संविधान के अनुरूप चलने के लिए। अगर सरकार ऐसे बयानवीरों पर रोक नहीं लगायेंगी, तो जनता अच्छे-अच्छों को ठीक कर देती है।

अगर नहीं मालूम है तो दिवंगत हो चुके कई नेताओं व वर्तमान में एक जीत के लिए तरसते, अपने परिवार के सदस्यों को जीत दिलाने के लिए तरसते राजनीतिज्ञों के चेहरे लोग देख सकते हैं। अभी भी वक्त हैं, झामुमो और कांग्रेस तथा वामपंथी संगठन के लोग जितना जल्दी चेत जाये, उतना ही उनके लिए अच्छा हैं, नहीं तो भाजपा को जो आज ताकत हफीजुल के बयान से मिली है और पूरे देश में हफीजुल के बयान की जो थू-थू हो रही हैं, उस पर आप अभी आप जरुर चुप्पी साध लें। लेकिन देश तो आपलोगों को कभी माफ नहीं करेगा।

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