राजनीति

नमो के राज में नौकरी कहां, बस पकौड़े तलिये, मोदी-मोदी चिल्लाते रहिये

उधर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक टीवी चैनल पर पकौड़ा से संबंधित बयान क्या दे दिया? पूरे देश में पकौड़े का मार्केट गरम है, विपक्षी तो विपक्षी कई कवि भी पकौड़े की स्तुति गा रहे हैं।  कई चैनलों पर पकौड़े की मार पड़ रही हैं, कई खाने-पीने के स्टॉलों व होटलों में पकौड़े की सूची तैयार हो गई है, आलू, बैगन, सेम, गोभी, बंधागोभी, प्याज, हरी मिर्च, बेसन आदि के पकौड़े से जिनको एलर्जी होती थी, वे भी पकौड़ें को लेकर पक्ष-विपक्ष में बंट गये हैं, इधर सत्तापक्ष के कार्यकर्ता पकौड़ें के व्यवसाय में बहुत बड़ा मुनाफा होने की बात स्वीकार कर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दूरदर्शी होने का खिताब दे रहे हैं, वहीं विपक्ष का कहना है कि जब पकौड़ा ही बेचना है तो फिर पढ़ने-लिखने का क्या मतलब?

इधर कांग्रेस पार्टी ने तो प्रधानमंत्री मोदी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत कर दी है, और इसी के तहत आज धनबाद में बेरोजगार पकौड़ा प्रशिक्षण शिविर लगाकर, कई बेरोजगारों को प्रशिक्षण भी दिलवाना शुरु कर दिया। कांग्रेस के इस पकौड़ा प्रशिक्षण शिविर को देख, कई लोगों ने इसमें रुचि ली और यहां इतना भीड़ इकट्ठा हो गया कि वहां मेला सा दृश्य लग गया, लोगों ने जमकर मुफ्त में पकौड़े खाये और उसका प्रशिक्षण भी प्राप्त किया।

धनबाद के झरिया देशबंधु सिनेमा हॉल चौक पर कांग्रेस के इस प्रधानमंत्री मोदी रोजगार गारंटी योजना पर कई लोगों ने अपनी राय रखी, कुछ लोगों का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबों और बेरोजगार युवकों का मजाक उड़ाया, वहीं भाजपा से जुड़े नेताओं व कार्यकर्ताओं का कहना था कि नरेन्द्र मोदी ने साफ कहा है कि कोई काम छोटा नहीं होता और न कोई बड़ा होता है। विश्व में कई ऐसे उदयोगपति है कि जिस काम को लोग छोटा कहते है, उसी से उन्होंने स्वयं को आर्थिक रुप से सशक्त कर लिया, इसके कई उदाहरण सामने हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां आलू चिप्स बेच कर करोड़ों-अरबों का मुनाफा कमा रही है, हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हल्दीराम आलू भूजिया तथा बादाम को बेसन में लपेट कर, तलकर उसकी मार्केटिंग कर रहे हैं, और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, मोदी की सोच देखिये उन्हें छोटा कहकर मजाक मत उड़ाइये।

इधर कांग्रेस पार्टी के नेता अभिजीत राज का कहना था कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी को पकौड़ा का दिव्य ज्ञान कहा गया था, ये वहीं नरेन्द्र मोदी हैं, जो कहा करते थे कि योग्यता के अनुसार सभी कौ नौकरी मिलना चाहिये और आज वे सभी को पकौड़ा बेचने का दिव्य ज्ञान बांट रहे हैं, सच्चाई यह है कि जनता सब समझ चुकी है, बस 2019 का इंतजार कर रही हैं, ऐसे राजस्थान और बंगाल के उपचुनाव ने उन्हें ट्रेलर दिखा दिया है। आने दीजिये राजस्थान, मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के दिन पता लग जायेगा कि प्रधानमंत्री के इस दिव्य सोच से प्रभावित होकर कितने युवा पकौडा तलने को तैयार है?  अभिजीत राज ने यह भी कहा कि 2019 लोकसभा के चुनाव में तो जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पकौड़ा तलवाने और उसका रोजगार कराने के लिए तैयार बैठी है, बस लोकसभा चुनाव का इंतजार करिये।