राजनीति

CM बताएं कि केन्द्र ने 50 हजार करोड़ में से कितना निवेश किया झारखण्ड में?

मोमेंटम झारखण्ड के एक साल पूरे होने जा रहे हैं, ऐसे में इस पर नजर दौड़ना जरुरी है, कि जिस मोमेंटम झारखण्ड के नाम पर, उसके प्रचार-प्रसार पर करोड़ों फूंक डाले गये, भारी-भरकम हाथी को कलरफूल बनाकर आकाश में उड़ाया गया था, वह हाथी उड़ा भी या धड़ाम से गिर गया। आखिर मोमेंटम झारखण्ड के दौरान सीएम रघुवर दास ने क्या कहा था? जरा ध्यान दीजिये…

छह महीने में धरातल पर उतरनें लगेंगे एमओयू। सरकार जनता को धोखे में रखकर कोई काम नहीं करना चाहती। पिछले दो साल में हुआ 26000 करोड़ का निवेश। 2017 में उग्रवादमुक्त झारखण्ड बनाने का लक्ष्य।

क्या हुआ था मोमेंटम झारखण्ड के दौरान? 20 चार्टर्ड विमान से अतिथियों को लाया गया था। 7 केन्द्रीय मंत्रियों ने लिया था हिस्सा। मात्र दो देशों के अन्य प्रतिनिधियों ने लिया था हिस्सा। मात्र 4 देशों के राजदूतों ने लिया था भाग। 46 राजकीय अतिथि थे मौजूद। 1000 से अधिक डेलिगेट्स पहुंचे थे।

किसने क्या कहा था?  इस दौरान नितिन गडकरी ने कहा था – झारखण्ड में 50 हजार करोड़ का निवेश करेगा केन्द्र। एक साल बीत गये, एक फूटी कौड़ी तक केन्द्र ने यहां निवेश नहीं किया। ये सच्चाई है। इससे कोई इनकार नहीं कर सकता। पीयूष गोयल ने कहा था – झारखण्ड में 30 नई खदानों की होगी नीलामी, अब पीयूष गोयल ही बताये कि ये नीलामी कब और कहां हुई?

आदित्य बिरला ग्रुप के कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा था कि वे झारखण्ड में तीन हजार करोड़ से अधिक का निवेश करेंगे, दो कोल ब्लॉक का विकास करेंगे, बोकारो में सीमेंट ग्राइडिंग प्लांट बनायेंगे एक कास्टिक प्लांट बनायेंगे। एस्सार ग्रुप के शशि रुइया ने कहा था रांची में 2000 सीटों की क्षमता वाला बीपीओ खोलेंगे, टोरी में 1200 मेगावाट के विश्वस्तरीय पावर प्लांट पर काम चल रहा है, इसे जल्द पूरा करेंगे। वेदांता ग्रुप के अनिल अग्रवाल ने कहा था कि पांच हजार करोड़ का निवेश करेंगे, एक मिलियन टन का स्टील प्लांट बनायेंगे, झारखण्ड में अपार संभावनाएं है और वेदांता यहां बड़े-बड़े निवेश की तैयारी कर रहा है। जिंदल ग्रुप के नवीन जिंदल ने कहा था झारखण्ड में 13000 करोड़ रुपये निवेश की योजना है, सीएसआर के तहत भी यहां कंपनी स्कूल, स्किल डेवलेपमेंट जैसे काम कर रही हैं। अडाणी ग्रुप के राजेश अडाणी ने कहा था कि 3000 करोड़ से 500 मेगावाट के सोलर मेगा प्रोजेक्ट बनेगा, अगले पांच वर्षों में 50 हजार करोड़ का निवेश होगा।

आस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त हरिंदर संधु ने कहा था कि झारखण्ड में 4000 करोड़ आस्ट्रेलियन डॉलर निवेश करेगा, माइंस सेफ्टी को लेकर आस्ट्रेलियन कंपनी सिमटॉज व आइएसएम के बीच करार करेगा। ट्यूनीशिया के राजदूत नजमेद्दीन ने कहा था कि झारखण्ड में कृषि व रेलवे परियोजनाओं पर काम करना चाहते हैं, व्यापारियों का दल झारखण्ड आकर जल्द ही संभावनाओं की तलाश करेगा। मंगोलिया के राजदूत गोनबोल्ड ने कहा था कि झारखण्ड में आधारभूत संरचना, ऑयल रिफाइनरी, फूड प्रोसेसिंग और औद्योगिक संरचना विकसित करने में सहयोग करना चाहता है। चेक के राजदूत मिलान होवोरका ने कहा था कि झारखण्ड के साथ व्यवसायिक व तकनीक पार्टनरशिप की भूमिका निभाने की वकालत की थी। चेक मेक इन इंडिया में हिस्सा बनना चाहता है। जापान के राजदूत केनजी हिरान्तसू ने कहा था जापान भारतीय उपमहाद्वीप में व्यापारिक द्वार खोलना चाहता हैं, इंडिया स्ट्रटेजिक पार्टनरशिप की तर्ज पर काम करने की इच्छा जतायी थी।

और आज की स्थिति हैं कि न तो वे विदेशी राजदूत झारखण्ड में दिखाई पड़ रहे हैं और न ही उनकी साल भर पहले बोली गई बातों का कोई प्रभाव दीख रहा हैं, जो केन्द्रीय मंत्रियों ने हवा-हवाई बातें की थी, उनकी बातें भी सीन से गायब है, ऐसे में मोमेंटम झारखण्ड से राज्य की जनता को क्या मिला? ये तो मुख्यमंत्री रघुवर दास ही बेहतर बता सकते हैं और राज्य की जनता को जानने का हक भी है कि हाथी कब और कैसे उड़ा और अगर नहीं उड़ा तो क्यों नहीं उड़ा?