राजनीति

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सपरिवार भारत यात्रा देश की जनता को भा रहा

इन दिनों कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत दौरे पर हैं। वे अपने परिवार के साथ विभिन्न मंदिरों एवं दर्शनीय स्थलों का दौरा कर रहे हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री और उनके बच्चों की सहजता, सरलता एवं सहृदयता समस्त भारतीयों को आकर्षित कर रही हैं। हाल ही में अमृतसर जाकर स्वर्णमंदिर में मत्था टेकना, लंगर में बैठकर पूरे परिवार के साथ आनन्दित होकर रोटियां बेलना, बताता है कि जब आप सत्ता के सर्वोच्च शिखर पर होते हुए भी सरलता से सामान्य जन के बीच पेश आते हैं, तो आपकी यहीं सादगी इस प्रकार से सब को आकर्षित कर लेती हैं, जैसे कोई चुम्बक लोहे को।

कनाडाई प्रधानमंत्री और उनका परिवार जहां जा रहा हैं, भारतीयता के रंग में रंग गया हैं, भारतीय मुद्रा में अभिवादन और भारतीयता में कैसे घुला जाता हैं, आप इन दिनों कनाडाई प्रधानमंत्री और उनके परिवार से सीख सकते हैं, जरा देखिये ये साबरमती आश्रम में गये तो वे स्वयं और उनके परिवार गांधी के चरखे से कैसे जुड़ गये, क्या आप या हमारे प्रधानमंत्री या नेताओं की ऐसी भावना गांधी के चरखे के साथ प्रस्फुटित होती हैं, विवेचना करिये।

एक ओर विकसित देश कनाडा के प्रधानमंत्री की सरलता और दूसरी ओर विकासशील देश भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यवहार का तुलनात्मक विश्लेषण करें तो हर मायनों में कनाडाई प्रधानमंत्री अपने नरेन्द्र मोदी से बीस निकलेंगे, हालांकि जब अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संघ के प्रचारक थे या सामान्य स्वयंसेवक थे, तब इनके जीने का ढंग भी अनुकरणीय था, पर जैसे ही ये गुजरात के मुख्यमंत्री से भारत के प्रधानमंत्री तक का सफर किया, इनके रंग-ढंग, बोल-चाल, स्वभाव सभी में परिवर्तन आ गया और जब सत्ता के सर्वोच्च शिखर पर जाकर, जब आपके रंग-ढंग, बोल-चाल, स्वभाव आदि बदल जाये, तो समझ लीजिये कि आप क्या है?

ये वही भारत हैं, जहां कभी महात्मा गांधी, डा. राजेन्द्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री, सरदार पटेल, सरोजनी नायडू आदि की सादगी स्वतंत्रता के पूर्व तथा स्वतंत्रता के बाद भी चर्चा में रहीं। सचमुच जब आप सादगी को अपनाते हैं, तो आप देश के करोड़ों लोगों को एक संदेश देते हैं कि आप सामान्य जीवन जीकर भी, सादगी का जीवन जीकर भी, देश व समाज में सम्मानपूर्वक जी सकते हैं, जो आज के हमारे प्रधानमंत्री में नहीं दिखता और न ही उनके आस-पास काम करनेवाले मंत्रियों या भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष या प्रदेश अध्यक्ष या भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में।

जब यूपीए का शासनकाल चल रहा था, तब उस वक्त एक गृह मंत्री थे शिवराज सिंह पाटिल जो एक ही दिन में चार बार ड्रेस बदलकर मीडिया के समक्ष पहुंच जाते थे, जब एक बार हैदराबाद में आतंकी घटना घटी और उस वक्त भी उनका यह ड्रामा देश की जनता की नजर में आया, तब उस वक्त इनकी काफी थू-थू हुई थी।

सचमुच कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, उनकी पत्नी और उनके प्यारे बच्चों के मुख पर खिली मुस्कान, भारत भ्रमण और इस देश को जानने की ललक ने समस्त भारतवासियों का दिल जीत लिया है, हम जस्टिन ट्रूडो से मिल नहीं सकते, पर अखबारों व कुछ चैनलों पर चल रही उनकी चर्चा तथा उनके और उनके परिवार के चित्रों ने हमें उनके निकट ले आया हैं, हमें लगता हैं कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस व्यवहार और सादगी से सबको सीख लेनी चाहिए।