झारखण्ड के नाराज युवा करेंगे 2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा का सफाया
झारखण्ड के मुख्यमंत्री होली की मस्ती में शायद डूब चुके हैं, उन्हें लग रहा है कि जनता उनकी दीवानी हो चुकी हैं, चारों ओर लोग उनका ही नाम सुनना और उनका ही फोटो लगा देखना चाहते हैं, पर उन्हें नहीं पता कि युवाओं ने कब का उनसे और भाजपा से नाता तोड़ लिया हैं। केन्द्र और राज्य द्वारा युवाओं के साथ रोजगार देने के नाम पर किया गया छल, कब युवाओं को भाजपा से दूर कर दिया, शायद उन्हें मालूम नहीं। जिला में राज्य सरकार के वेतन और सरकारी योजनाओं के संचालन से जीवित उपायुक्तों का समूह उनके लिए बेहतर मंच और भाषण देने के लिए माइक और लाउडस्पीकर के साथ – साथ भाषण सुननेवालों की भीड़ इकट्ठी क्या करा दे रहा हैं, मुख्यमंत्री रघुवर दास के पांव जमीन पर नहीं हैं।
मुख्यमंत्री रघुवर दास को मालूम होना चाहिए कि विधायकों के लिए विधानसभा, कथित पत्रकारों के लिए प्रेस क्लब, दिल्ली में झारखण्ड भवन का निर्माण कराना, प्रगति में नहीं आता, क्योंकि दिल्ली के झारखण्ड भवन, विधानसभा तथा प्रेस क्लब में जनता नहीं बैठती, उनके जैसे नेता बैठते हैं। जनता को रोटी, कपड़ा और मकान चाहिए। झारखण्ड में आपने रोटी को ऐसा आधार से जोड़ा कि यहां संतोषी भात-भात चिल्लाते-चिल्लाते दम तोड़ दी, जबकि दिल्ली की केजरीवाल सरकार से सीखिये, जिसने राशन को आधार से सदा के लिए हटा दिया। जाकर देखिये दिल्ली वहां सरकारी स्कूलों की कैसे काया पलट हो रही हैं, और आप यहां क्या कर रहे हैं?
आप ही के कौशल विकास के नाम पर जिन्हें प्रशिक्षण दिया गया, क्या आप बता सकते है कि 27000 में कितने युवा नौकरी कर रहे हैं? क्या आप इस सवाल का जवाब देने की स्थिति में हैं, पूरे राज्य में विकास कार्य ठप है, जो आपके खिलाफ बोलता है, आपके मातहत काम करनेवाले अधिकारी उस पर मुकदमें डाल दे रहे हैं, धनबाद के निरसा में आपको काला झंडा दिखानेवाले कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर हुआ मुकदमा उसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
आप स्वयं बैनरों के माध्यम से कहते है कि रघुकुल रीति सदा चलि आई, प्राण जाय पर बचन न जाई, और अपने ही बातों से मुकर जाते हैं, सीएनटी-एसपीटी पर लिया गया आपका फैसला और जमशेदपुर में नो इंट्री पर दिया गया खुद का बयान उसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। कल फिर आपने दुमका में कह दिया टीम वर्क से ही सफलता प्राप्त होगी, सामूहिक प्रयास से ही सभी 14 लोकसभा एवं 60 से ज्यादा विधानसभा सीटें हमारी झोली में होगी। 14 साल तक राज्य में राजनीतिक अस्थिरता रही, लेकिन आज झारखण्ड में एक स्थायी और बेदाग सरकार है, पर आप ही के सोशल साइट पर आपके ही लिखे पोस्ट पर जनता क्या जवाब दे रही हैं, उसे भी तो पढ़िये। एक जनता ने तो साफ कह दिया कि अगली बार आपका सफाया तय है।
उमेश कुमार – इस बार विधानसभा में आपका दस सीटे आ जाये, यहीं बहुत है, सीएम जी पूरा झारखण्ड को आपने बर्बाद कर दिया, बाहर वालों को जॉब देना बंद करे।
चुन्नू सिंह – मैं कितने बार बोला मयूरहंट से इटखोरी और मयूरहंट से चौपारण का सड़क बहुत ही खराब है, ना एमपी सुनते है और ना एमएलए, आपको भी मैसेज किया, कोई विकास नहीं, जीतने के बाद सभी भूल जाते हैं, परिवर्तन जरुरी है।
महेन्द्र विश्वकर्मा – सेंटर में तो बीजेपी जीतेगी, लेकिन आपका इस बार पत्ता साफ है।
अनुज राम – मुख्यमंत्री जी आपके राज में भ्रष्टाचार हावी है, अफसरशाही हावी है, अगर विश्वास नहीं है तो आप आम पब्लिक बनकर देख लीजिये, क्या स्थिति है, आपके राज में एक भी काम बिना पैसा का नहीं होता, जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र कितने दिनों में बनता है, यह आपको जानकारी होनी चाहिए कि पब्लिक कितनी परेशान रहती है, चाहे वह कोई अधिकारी हो, सभी आज की तारीख में पब्लिक से मनमानी करते हैं।
कपिल देव – झारखण्ड के सब नौकरी का सीट बेच रहे हैं और बहुत ईमानदार बनते है, थू है इस सरकार पर।
सोनू कुमार – सारा तो केन्द्र का योजना है, चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना हो या उज्जवल योजना या शौचालय, हां आपके राज में एक काम हुआ हैं लूटो (मोमेंटम) झारखण्ड।
मुन्ना कुमार दास – बस कुछ दिन और, जनता सब कुछ जानती है, अपना फैसला ले लिया है, सिर्फ इंतजार है, 2019 का।
आलोक गुप्ता – मैं आरएसएस का मेम्बर हूं और मैं सेंटर में बीजेपी को वोट करुंगा, लेकिन स्टेट में नहीं और वह वजह हैं स्थानीय नीति।
मुकेश आर्य – हमें तो कुछ नजर नहीं आया, वैसे ये भाषण किसने लिखा है?
अजहर शान – स्टूडेंट पावर देख लेना झारखण्ड में 2019 में दिखा देंगे हमलोग, कैसे सुपड़ासाफ होता है।
राहुल सिंह राजपूत – शौचालय अब तक नहीं बना है, डालटनगंज पलामू कोसियारा पंचायत के अंतर्गत रामपुर गांव में, वहां भी आप का ही सांसद विधायक है।
गणेश राज – इतने गाली खाने के बाद भी लग रहा है कि 2019 में फिर तेरी सरकार आयेगी झारखण्ड में तो कभी नहीं, पर सेन्ट्रल में आयेगा।
रंजन सिंह – भ्रष्टाचार चरम पर है, मुख्यमंत्री जी सभी विभागों में, सिस्टम से पैसा पहुंच रहा है, और रहा बात चुनाव का, तो जितने सीट आपलोग जीते थे, उसके आधे सीट भी लाना अब मुश्किल लग रहा है।
Aise hi alakh jagaye rakhen. Baki media to dalalo ke hath me hai. In peshewaron se ummid bekar hai.
बिल्कुल ! अगर ऐसा ही रहा और जिसकी कि पूरी उम्मीद है तो इस राज्य के युवाओं को निराशा ही हाथ लगनी है। स्थिति भयावह है और बाकी लोगों की तरह मैं भी अपने कैरियर को लेकर आशंकित ही हूँ। हमारी इस निराशा का नुकसान इस सरकार को निश्चित तौर पर उठाना पड़ेगा। पहली बहुमत की सरकार से बाकी लोगों की तरह मुझे भी काफी उम्मीदें थीं। लगा था कि ये सरकार राज्य की भलाई के साथ युवाओं को लेकर भी गंभीर है, पर एक एक कर सारी उम्मीदों पर पानी फिरता गया।
अब तो ऐसा लगता है कि सरकार यह मानकर ही बैठी है कि हम उसके झंडे को ही सलामी ठोकते रहेंगे और अगली बार और भारी मतों से विजयी बनाएंगे। सरकार दिन में सपने देख रही है और हम हर दिन अपना कैरियर लुटते हुए देख रहे हैं। इस बढ़ती निराशा और नाउम्मीदी का खामियाजा तो सरकार को बेशक चुकाना पड़ेगा।