राजनीति

दिल्ली की हवा झारखण्ड पहुंची, BJP MLA ने भू-अर्जन अधिकारी को ठोका, गालियां दी

पांच दिन पहले दिल्ली में आप विधायकों ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के सामने ही, वहां के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को जिस भाषा में जवाब दिया और पिटाई कर दी, ठीक उसी प्रकार झारखण्ड के भाजपा विधायक साधु चरण ने भी यहां के भू-अर्जन पदाधिकारी की ठुकाई कर दी और उसे गालियां भी दे दी। फिलहाल दिल्ली के जिन दो विधायकों जरवाल और अमानुल्लाह ने दिल्ली के मुख्य सचिव की पिटाई की थी, वे तो जेल पहुंच गये, पर क्या झारखण्ड में भी भाजपा विधायक को जेल मिलेगा? या ये ऐसे ही अपना काम करते रहेंगे, ये सवाल फिलहाल आम जनता के बीच यक्ष प्रश्न बनकर उभर रहा हैं।

बुद्धिजीवियों का कहना है कि अब क्या किसी पदाधिकारी से अपने मन की बात कराने के लिए लात-घूसों का प्रयोग होगा, पिटाई होगी, गाली-गलौज होगा या एक ऐसी मर्यादित भाषा का प्रयोग होना चाहिए, जो एक विधायक से आशा की जाती हैं। कुछ बुद्धिजीवियो का कहना है कि आखिर ऐसे हालात क्यों बन रहे हैं? कि एक जनप्रतिनिधि को आवेश में आकर, गलत कार्य करने को उत्प्रेरित होना पड़ रहा हैं, आखिर वे पदाधिकारी इन बातों को समझने की कोशिश क्यों नही कर रहे हैं कि समय अब बदल चुका हैं, इसलिए अधिकारियों को भी अपने काम करने की पद्धति में बदलाव करना जरुरी हैं।

झारखण्ड में किसी भी अधिकारी को बंधक बना लेना, उसकी पिटाई करना,  उसके साथ अभद्र व्यवहार करना आम बात हो गई है, यहां की 90 प्रतिशत जनता का प्रशासनिक अधिकारियों ने विश्वास खो दिया हैं, उसका मूल कारण विभिन्न विभागों में बढ़ता भ्रष्टाचार तथा बिना रिश्वत के काम का नहीं होना है, अधिकारियों की मानें तो वे साफ कहते है कि भ्रष्टाचार उपर से आता हैं, नीचे से नहीं, अगर यहां के नेता व मंत्री ईमानदार हो जाये तो फिर भ्रष्टाचार कहां से होगा?

अगर झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की बात करें तो वे अपने हर भाषण में पारदर्शिता व ईमानदार सरकार की बातें करते हैं, पर सच्चाई यह हैं कि जो विभाग वे खुद सम्भाल रहे हैं, वहां ही भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर हैं, जिस पर उन्हीं के मंत्री कई बार सवाल उठा चुके हैं, पर इनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। राजबाला वर्मा प्रकरण, कौशल विकास प्रकरण और मोमेंटम झारखण्ड उसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं, लोग तो बताते है कि जब कभी इन प्रकरणों की ईमानदारी से जांच होगी तो एक बहुत बड़ा घोटाला सामने आयेगा और इसके बाद जेल कौन जायेंगे? इसका भी उत्तर सबको मालूम हैं।

नया ताजा मामला यह है कि भाजपा विधायक साधु चरण ने मुआवजा कैंप में भू-अर्जन पदाधिकारी को थप्पड़ मारा हैं,  गालियां दी है। ये घटना सरायकेला जिले के चांडिल में एनएच 32 के लिए हो रहे जमीन अधिग्रहण के बदले दिये जा रहे मुआवजे को लेकर नीमडीह प्रखण्ड के रघुनाथपुर स्थित दुर्गापुर मंदिर में आयोजित कैप के दौरान घटी। यहां भाजपा विधायक ने भू-अर्जन पदाधिकारी दीपू कुमार की पिटाई कर दी। बताया जाता है कि सुबह में विधायक ने फोन कर इन्हें धमकी दी थी तथा कैंप न लगाने को कहा था, और दोपहर में पिटाई कर दी। यहीं नहीं भाजपा विधायक साधु चरण ने भू-अर्जन पदाधिकारी को जमीन पर बैठने के लिए भी कहा था, नहीं बैठने पर हाथापाई भी की। इधर दोनों पक्षों की ओर से थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।

इधर इस घटना के बाद झासा के अध्यक्ष दानियल कंडुलना ने कहा कि इस घटना की जितनी निन्दा की जाय कम है, मामला झारखण्ड प्रशासनिक सेवा संघ की कार्यकारिणी समिति में रखा जायेगा, समिति जैसा निर्णय लेगी, आंदोलन किया जायेगा। दूसरी ओर भाजपा विधायक साधुचरण महतो का कहना है कि बिना जनप्रतिनिधि की मुआवजा कैंप कैसे लगाया जा सकता है?  क्या कोई अपनी जमीन साग-सब्जी के भाव में देगा? प्रशासन चेत जाये, अगर नहीं चेता तो वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे, आंदोलन होगा।