विरंची उवाच – विधायक का खर्च दस लाख रुपये महीना है, मालूम है कि नहीं तुमको
उधर जनाब मुख्यमंत्री रघुवर दास भाजपा कार्यकर्ताओं को आनेवाले लोकसभा चुनाव में झारखण्ड की सभी 14 लोकसभा सीटें और विधानसभा में सभी 80 विधानसभा सीट कैसे जीते, इसके लिए कार्यकर्ता सम्मेलन कर रहे हैं, और इधर इनके विधायकों को उनके इलाके की जनता ही अपने सवालों से पस्त कर दे रही हैं, भाजपा विधायकों को जनता के सवालों का जवाब देते नहीं बन रहा, युवाओं की टीम विधायकों को अपने-अपने इलाकों में रोक कर सवालों की झरी लगा दे रही हैं, पर विधायक बचकर निकलना चाह रहे हैं, पर बचेंगे भी कैसे? जनता तो जनता हैं, बचने देगी तब न।
ताजा मामला बोकारो के भाजपा विधायक विरंची नारायण का है। ये जनाब 19 फरवरी को अपने इलाके चास मुफ्फस्सिल थाना क्षेत्र के चिकसिया गांव में पीसीसी पथ का शिलान्यास करने पहुंचे थे, कि युवाओं ने इन्हें रोक लिया और सवालों की झरी लगा दी। बेचारे विरंची नारायण क्या करते? झूंझलाकर कह दिया कि “भाई मेरे पास नौकरी नहीं है, हम तुमलोग को नौकरी नहीं दे सकते, मत देना अगली बार वोट हमें।”
गुस्से में एक युवा, भाजपा विधायक विरंची नारायण को कहता है कि झारखण्ड में 46 प्रतिशत गरीब है, गरीब जनता का आर्थिक विकास नहीं होता पर विधायकों का वेतन दस बार कैसे बढ़ जाता हैं, जरा देखिये विरंची नारायण उस युवा को क्या कह रहे हैं, वे कहते हैं कि “विधायक का खर्च दस लाख रुपये महीना है, मालूम है कि नहीं तुमको”
दरअसल रघुवर सरकार की गलत नियोजन नीति से राज्य का सारे युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया हैं, एक तो दूसरे राज्यों में इन युवाओं को नौकरी मिलती ही नहीं और अपने राज्य में भी सरकार की गलत नियोजन नीति नें इनके भविष्य को खतरे में डाल दिया, अब बेचारे ये करें तो क्या करें, ये दिन-रात रघुवर सरकार को कोस रहे और जहां जनप्रतिनिधि मिलते हैं, उनसे यहीं सवाल करते हैं कि बताओं मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा कि हमारा भविष्य बर्बाद कर दिया, पर भाजपा विधायकों की हेकड़ी देखिये, चोरी और सीना जोरी, इसे ही कहते हैं, ये युवाओं पर ही बरस रहे हैं, यह कहकर कि कि “भाई मेरे पास नौकरी नहीं है, हम तुमलोग को नौकरी नहीं दे सकते, मत देना अगली बार वोट हमें।”
https://youtu.be/zadXF5WL4qw