आजसू ने अभाविप के छात्रों के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन से की कार्रवाई की मांग
अखिल झारखण्ड छात्र संघ (आजसू) ने आज विश्वविद्यालय प्रशासन से मिलकर उपद्रवियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करते हुए अविलम्ब गिरफ्तारी की मांग की है। आजसू का कहना है कि दिनांक 15 मार्च को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़े छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर उपद्रव मचाया और डीएसडब्ल्यू सहित सभी विश्वविद्यालय कर्मी मूकदर्शक बन रहे। अभाविप के छात्रों ने पहले परीक्षा नियंत्रक कार्यालय का ताला तोड़ा एवं कुर्सी को आग के हवाले कर दिया।
आजसू का कहना है कि यह एक गंभीर विषय है, जिस पर कही न कही विश्वविद्यालय प्रशासन एवं छात्र संगठनों को आवाज बुंलद करना चाहिए। परीक्षा विभाग जैसे गोपणीय विभाग का ताला तोड़ दिया जाना, मतलब विश्वविद्यालय की सुरक्षा पर प्रश्न चिह्न है। विश्वविद्यालय की सम्पत्ति को आग लगाना, राष्ट्र की सम्पत्ति को आग लगाना है, यह एक देशद्रोह का मामला भी है।
आजसू का यह भी कहना था कि जिन मुद्दों पर अभाविप प्रदर्शन कर रही थी, उन मुद्दों पर विश्वविद्यालय पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुकी थी और पुर्नपरीक्षा की मांग मान ली गई थी, तो फिर ऐसे विश्वविद्यालय की गरिमा को तार-तार करना, कहां तक जायज है।
आजसू के विश्वविद्यालय अध्यक्ष नीतीश सिंह ने मांग की है कि जो लोग भी दैनिक अखबार एवं सोशल मीडिया में फोटो के माध्यम से पहचाने जा रहे हैं, उन पर जल्द से जल्द कार्रवाई करते हुए उन्हे गिरफ्तार किया जाय। आजसू ने कहा कि अगर इन पर सख्ती से कार्रवाई नहीं हुई तो ऐसे लोगों का ही मनोबल बढ़ेगा और विश्वविद्यालय में असुरक्षा का माहौल बनेगा। आजसू का एक प्रतिनिधिमंडल आज ही इस मामले में कुलानुशासक डा. दिवाकर मिंज से मिलकर जल्द से जल्द इस विषय पर मिलकर कार्रवाई की मांग की है। आजसू ने यह भी कहा कि अगर उऩकी मांगें नहीं मानी गई तो आजसू आंदोलन को विवश होगा।