EC के पहले ही BJP आइटी हेड ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तिथि लीक कर दी
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं तथा मैट्रिक, इंटर, स्नातक, स्नातकोत्तर परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होते सुने थे, पर पहली बार देखने और सुनने को मिला कि अब विभिन्न राज्यों में होनेवाले चुनावों के तिथि की घोषणा भी अब लीक हो जा रही है। कमाल है, कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तिथि की घोषणा होनी है, इसे घोषित करना चुनाव आयोग को है, पर चुनाव आयोग के घोषणा करने के पूर्व ही भाजपा के आइटी हेड अमित मालवीय कर्नाटक चुनाव की तारीख को लेकर ट्वीट कर देते है, जो शत प्रतिशत सही निकलता है।
जैसे ही अमित मालवीय का यह ट्वीट सत्य साबित होता है, कांग्रेस के लोग, इस पर सवाल उठाते है, सवाल उठना लाजिमी है, आखिर भाजपा के आइटी सेल को चुनाव आयोग के बिना घोषणा के कैसे पता चल गया कि कर्नाटक में चुनाव 12 मई को होगी? यह तो जांच का विषय है कि आखिर चुनाव आयोग में ऐसे कौन लोग बैठे हुए है, जो चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिह्न लगा रहे हैं, आखिर अब किसी भी राज्य या देश में कब चुनाव होंगे? इसकी सूचना अब राजनीतिक दलों से लोगों को मिलेगी, अगर ऐसी परिपाटी शुरु होगी तो फिर चुनाव आयोग की आवश्यकता क्यों?
ऐसे ही समय में टी एन शेषण जैसे लोग याद आते है, जिन्होंने चुनाव आयोग की भूमिका को जनता के समक्ष रखा कि लोग जब तक जीवित रहेंगे, टी एन शेषण को याद रखेंगे, आज टी एन शेषण होते तो निः संदेह अब तक कार्रवाई भी कर चुके होते, पर वर्तमान में टी एन शेषण के स्तर का कोई भी व्यक्ति नहीं जो सीधे सरकार या सत्ता में शामिल लोगों से लोहा ले सकें, ऐसी परिस्थितियों में क्या होगा? किसी से पूछने की आवश्यकता नहीं, हालांकि सुनने में आया है कि चुनाव आयोग इस मामले को लेकर गंभीर है और कार्रवाई करने की योजना बना रहा है।
भाजपा के लोग भी इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से मिलकर सफाइयां दी हैं, पर देश की जनता का ध्यान तो फिलहाल, सिर्फ चुनाव आयोग की ओर है, कि वह इस मुद्दे पर क्या ऐक्शन लेती है? अगर ऐक्शन लेगी तो जनता का उस पर विश्वास बढ़ेगा और अगर इस मुद्दे पर शांत हो जाती है तो उसकी विश्वसनीयता सदा के लिए समाप्त हो जायेगी।