राजनीति

नगर निकाय चुनाव में JMM ने BJP की मुश्किलें बढ़ाई, जनता बदलाव के मूड में

झारखण्ड में हो रहे नगर निकाय चुनाव ने भाजपा की परेशानी बढ़ा दी है। पहली बार दलीय आधार पर हो रहे चुनाव में भाजपा शिकस्त खाना नहीं चाहती। वह ज्यादा से ज्यादा नगर निकायों पर अपना कब्जा जमाना चाहती है, इसलिए नगर निकाय चुनाव, नगर निकाय का चुनाव न होकर लोकसभा-विधानसभा चुनाव की तरह भाजपा लड़ रही हैं, भाजपा ने अपने सारे मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को इसमें झोंक दिया है तथा सभी नगर निकाय सीटों पर चुनाव जीतने की गुप्त योजना बना ली है।

इधर राज्य की प्रमुख विपक्षी दल झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा के नाक में दम कर रखा है। झामुमो की राजनीतिक चाल ने भाजपा की हर जगह हालत पस्त कर दी है। भाजपा द्वारा चली जा रही राजनीतिक चाल का वह अपने तरीके से जवाब भी दे रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री रघुवर दास का विकास के मुद्दे पर मोरहाबादी मैदान में बहस करने की चुनौती को स्वीकार करने की बात तथा हर मोर्चे पर भाजपा को उसी भाषा में जवाब ने जहां झामुमो की लोकप्रियता बढ़ाई, वहीं भाजपा की हालत खराब कर दी है।

रांची हो या दुमका, चिरकुंडा हो या फुसरो, यहां तक की डालटनगंज व गढ़वा जैसे इलाकों में भी झामुमो ने अपने पांव पसार लिये है। राजनीतिक पंडितों की माने तो भाजपा के हार का प्रमुख कारण, रघुवर दास का अपने विरोधियों के प्रति आपत्तिजनक बयान, आदिवासी-अल्पसंख्यक और सवर्णों में सरकार के प्रति नाराजगी, कौशल विकास तथा अन्य विकास योजनाओं के नाम पर मची लूट, विधि व्यवस्था का पूर्णतः ठप पड़ जाना, तथा भ्रष्ट लोगों को टिकट दे दिया जाना है।

राजनीतिक पंडित तो ये भी कहते है कि सीएम रघुवर दास खुद ही बताये कि क्या ये सही नहीं है कि रांची के निवर्तमान मेयर और डिप्टी मेयर दोनों भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एक दूसरे से पांच वर्षों तक भिड़ते रहे, खुद सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित कार्यक्रमों के मंचों पर सीएम इन दोनों को झिड़कते रहे और आज जनता से कह रहे हैं कि ये भाजपा के उम्मीदवार है, आप इन्हें वोट दे, ये जनता के साथ क्रूर मजाक नहीं तो और क्या है?

राजनीतिक पंडितों को तो ये भी कहना है कि धनबल, सत्ता बल के आधार पर भाजपा जो कुछ कर लें, राज्य निर्वाचन आयोग को मूर्ख बना लें, चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर लें, नई-नई घोषणाओं को अमल में लाने के बहाने ढूंढ लें, पर सच्चाई यहीं है कि नगर निकाय चुनाव ने भाजपा के हाथ-पैर फुला दिये हैं। सूत्र बताते है कि एक बैठक में भाजपा विधायक और सांसदों को कहा गया है कि जिस इलाके से भाजपा के उम्मीदवार हारे, वहां के सांसदों और विधायकों का अगले चुनाव में टिकट काट दिया जायेगा, जिससे घबराकर सभी सांसद और विधायक अपने –अपने क्षेत्रों में हो रहे नगर निकाय चुनाव में कैम्प करके बैठे हुए हैं।

भाजपा से जुड़े कार्यकर्ता तो ये भी कहने लगे हैं कि जिन इलाकों से भाजपा हारेगी तो सांसदों और विधायकों को जिम्मेवार मानते हुए उनका टिकट काटने का फैसला सुना दिया गया, अगर भाजपा सभी जगहों से हार जायेगी तो क्या मुख्यमंत्री रघुवर दास, इसके लिए अपनी जिम्मेवारी तय करते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे, अगर नहीं देंगे तो इस प्रकार की धमकी का क्या मतलब?

One thought on “नगर निकाय चुनाव में JMM ने BJP की मुश्किलें बढ़ाई, जनता बदलाव के मूड में

  • Vikash Roy

    Sahi bol rahe hain

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