धर्म

यह तो बाबा वैद्यनाथ और वासुकिनाथ जानेवाले तीर्थयात्रियों के आंखों में धूल झोंकना हुआ…

याद करिये, मुख्यमंत्री रघुवर दास का वो बयान – देव तुल्य श्रद्धालुओं, क्या कोई भी व्यक्ति जिसके जुबां से निकले, देवतुल्य श्रद्धालुओं। वह देवतुल्य श्रद्धालुओं के साथ ऐसा व्यवहार करता है। जरा ध्यान से देखिये, इस आलेख में दिये गये तस्वीरों को, कैसी व्यवस्था है – वैद्यनाथधाम की, बाबा मंदिर की ओर जानेवाले रास्तों की…

गंदगियों-बदबूओं-टूटे सड़कों पर दंडवत् करते हुए बाबा मंदिर तक जा रहे शिवभक्त

पूरा शहर गंदगियों और बदबूओं से पटा है, और इन्हीं गंदगियों, बदबूओं और कचरों के बीच बाबा के भक्त साष्टांग दंडवत् करते हुए बाबा मंदिर की ओर बढ़ रहे है। आप स्वयं देखिये, टूटी-फूटी सड़कें, सकड़ी गलियों में नालियों से निकले कचरों के अंबार व गड्ढे साफ दीख रहे है और दीख रहे है इनके बीच बाबा के भक्त, जो बाबा मंदिर की ओर साष्टांग दंडवत् करते हुए आगे की ओर बढ़ रहे है।

उपर लटक रही बिजली का तार भी डरा रही हैं शिवभक्तों को

अब जरा उपर देखिये बिजली के तारों को कैसे एक – दूसरे से उलझे हुए है, अगर इनमें से कोई तार बाबा के भक्तों पर टूटकर गिर जाये, तो क्या होगा, आप इसे समझने की कोशिश करिये…ये है कीचड़ से सना शिवगंगा और बाबा मंदिर का रास्ता, स्पष्ट कर रहा है कि यहां की क्या स्थिति है?कांवड़ियों की माने तो कावड़ियां पथ पर बिजली की आंख-मिचौनी जारी है, चार से पांच घंटे तक बिजली का इस इलाके में गायब रहना बता देता है कि यहां निर्बाध रुप से बिजली मिल रही है, अथवा नहीं।

चारों ओर अव्यवस्था, सड़क जाम आम बात

वैद्यनाथधाम के सत्संग चौक पर जाम हमेशा लगा रहता है, जिससे तीर्थयात्रियों को भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऑटो वाले मनमाना पैसे वसूल रहे है, क्योंकि यहीं मौका है, तीर्थयात्रियों को लूट लेना है। कई लोगों ने निजी पड़ाव बना रखे है और मनमाने राशि वसूल रहे है। ये है वैद्यनाथधाम का हाल…

विज्ञापन का कमाल – अखबारों और चैनलों ने अव्यवस्थाओं पर चुप्पी साधी

 

पर आइपीआरडी की साइट देखिये, व्हाट्सअप ग्रुप देखिये तो पता चलेगा कि राज्य सरकार ने वैद्यनाथधाम में स्वर्ग उतार रखा है, अखबारों और चैनलवालों ने इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध ली है, क्योंकि इन सब को विज्ञापन की मुंहमांगी रकम से पेट भर दिया गया है, जबकि छुटभैये पत्रकार और भारी-भरकम पत्रकारों तथा चैनलों व पत्र-पत्रिकाओं की अलग से व्यवस्था कर दी गई है, जिससे यहां की सही तस्वीर बाहर में रह रहे लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है। मुख्यमंत्री रघुवर दास के आस-पास रहनेवाले कनफूंकवों ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की सहायता से एक विज्ञापन निकाला है, जिसमें ट्वीट और फेसबुक पर सीएम से सम्पर्क करने की बात कही गयी है, पर इन कनफूंकवों और अधिकारियों को कौन बताये कि यहां आनेवाले जो सामान्य श्रेणी के भक्त है, वो अभी भी फेसबुक या ट्वीटर से नहीं जुड़े है, वो तो अभी भी भोलेनाथ में ही सब कुछ ढूंढ रहे है और इन सारी समस्याओं को भगवान की कृपा मानकर झेले जा रहे हैं… जबकि झारखण्ड सरकार को मालूम है कि यहां हर साल श्रावण में शिवभक्तों की भारी भीड़ जुटती है, फिर भी बिजली की आपूर्ति बाधित रहना, साफ-सफाई का नहीं होना, बिजली के तारों का टूटकर गिरने का भय, सड़क पर जाम की स्थिति से ठीक से नहीं निबटना, बताता है कि यहां पूरी तरह सिस्टम फेल है…