अपराध

आसाराम को उम्र कैद, यानी धर्म के नाम पर गलत करनेवालों को अदालत ने दी एक सबक

दस हजार करोड़ रुपये के मालिक और लगभग जिनके चार करोड़ भक्त हैं, जिनके लिए भारत के विभिन्न नगरों में स्थापित किये गये आसाराम आश्रम में आज प्रार्थनाओं का दौर चल रहा था, आज आसाराम के लिए कुछ भी काम नहीं आ सका और आसाराम को नाबालिग दलित युवती से रेप के मामले में जोधपुर की विशेष अदालत ने आखिरकार उम्र कैद की सजा सुना ही दी, साथ ही आसाराम के साथ सहअभियुक्त शिल्पी और शरतचंद्र को 20-20 साल कैद की सजा सुना दी गई, सजा सुनते ही आसाराम फफककर रोने लगे।

सजा सुनाने के पूर्व जोधपुर की एससीएसटी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा की अदालत ने नाबालिग से रेप के मामले में आसाराम को दोषी ठहराया। आज के इस फैसले को लेकर पूरे देश की निगाहें जोधपुर के एससीएसटी कोर्ट पर टिकी थी कि फैसला क्या आता है? ज्यादातर लोग मानते हैं कि इससे अदालत की साख बढ़ी है, दोषी कितना भी बड़ा गुनाहगार क्यों न हो? अदालत की न्याय से बच नहीं सकता।

पीड़िता के पिता ने भी इस फैसले पर संतोष जताया है, साथ ही कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत का यह कहना था कि अब समय आ चुका है कि लोग फर्जी और असली संतों के बीच अंतर पता करने में सक्षम हो क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की इससे बुरी छवि बनती है,

ज्ञातव्य है कि वर्ष 2013 में शाहजहांपुर की नाबालिग लड़की ने आसाराम पर उनके जोधपुर आश्रम में बलात्कार करने का आरोप लगाया था। यह केस उस वक्त कमला मार्केट थाने में दर्ज हुआ था, जिसे बाद में जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया था। हम आपको बता दें कि पूर्व में आसाराम के भारत के टॉप के कई राजनीतिज्ञों से मधुर संबंध रहे हैं, कई राजनीतिज्ञ तो इनसे आशीर्वाद लेने के लिए छटपटाते रहते थे, पर आज आसाराम की ऐसी स्थिति हो गई है कि उनका सारा का सारा जीवन अब लगता है कि जेल में ही कट जायेगा, और जो राजनातिज्ञ कल तक उनके शरण में बैठकर उपदेश सुना करते थे, आज उनसे ऐसी दूरियां बना ली कि जैसे लगता हो, कि उन्हें जानते तक नहीं।