झारखण्ड के पूर्व प्रभारी रह चुके हरेन्द्र ने भाजपा नेताओं को चेताया, जातीय सम्मेलन से परहेज करें
झारखण्ड के पूर्व प्रभारी रह चुके हरेन्द्र प्रताप ने जातिवाद की राजनीति शुरु कर रहे भाजपा नेताओं को चेताया, बंद करें जातिवाद की राजनीति, भाजपा जातिवाद की राजनीति में विश्वास नहीं करती, अगर भाजपा ने यह सब बंद नहीं किया तो इसके दुष्परिणाम भी हो सकते है। उन्होंने सोशल साइट पर अपने फेसबुक में लिखा है कि भाजपा के नेताओं कम से कम पं. दीन दयाल उपाध्याय जी के शताब्दी वर्ष में तो जाति के सम्मेलन से परहेज करो। ज्ञातव्य है कि विद्रोही 24. कॉम ने इस मुद्दे को सर्वप्रथम उठाया है तथा इस मुद्दे को अब भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं ने भी गंभीरता से लेना शुरु कर दिया है। कल ही पटना में तेली साहू समाज द्वारा आयोजित रैली में झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भाग लिया था, जहां उन्हें इस रैली में चांदी के मुकुट से नवाजा गया था। इस तेली साहू समाज के कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके सुशील कुमार मोदी ने भी भाग लिया था।
इस कार्यक्रम में भाग लेने पर, स्वयं मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने ट्विटर फोटो के साथ ट्विट किया था – “सरकार के ढाई साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पटना में आयोजित एक समारोह की कुछ तस्वीरें”
आश्चर्य इस बात की है कि रघुवर सरकार ढाई साल पूरा करती है झारखण्ड में और उसका उत्सव मनाती है पटना में। वह भी तेली साहू समाज द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में और ये बातें कोई दूसरा नहीं लिखता, स्वयं ट्विट करते है – रघुवर दास, इसका मतलब क्या है? इसका मतलब है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास, सारी नैतिकता को ताक पर रखकर, वह काम कर रहे है, जिसे कभी सहीं नहीं ठहराया जा सकता, अगर राज्य सरकार का मुखिया स्वयं कहे और फोटो दें तथा जातीय सम्मेलन में भाग लेकर गर्व महसूस करें, तो इसे आप क्या कहेंगे? जबकि इसी पार्टी के बहुत बड़े नेता, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जातीयता-धर्म से उपर उठकर सबका साथ-सबका विकास की बात करते हैं, यानी देश के प्रधानमंत्री का सबका साथ, सबका विकास का नारा, इनके आगे तेल लेने चला गया। अपनी जातीय सम्मेलन के आगे।
हरेन्द्र प्रताप ने एकात्मवाद के प्रणेता पं. दीन दयाल उपाध्याय का हवाला देते हुए सोशल साइट पर लिखा है कि “1963 जौनपुर से लोकसभा लड़ने चुनाव के दौरान जाति की राजनीति करने के आग्रह को दीनदयाल जी ने ठुकरा दिया था” ये बातें किसी को नहीं भूलना चाहिए। हरेन्द्र प्रताप के इस पोस्ट पर कई बुद्धिजीवियों ने कमेंट्स भी किये है, जिससे पता चलता है कि इस घटना से कई लोगों की भाजपा से नाराजगी बढ़ी हैं।