अपनी बात

झारखण्ड में भारी वर्षा, स्कूल बंद, पुल-पुलिये बहे, भारी तबाही

झारखण्ड में पिछले चार दिनों से हो रही भारी बारिश ने भारी तबाही मचा दिये है, भारी वर्षा को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने स्कूल को बंद करने का आदेश जारी किया है, जन-जीवन अस्त व्यस्त है, सड़कों-बाजारों में सन्नाटा पसरा है, घर में लोग दुबके है, निकल वहीं रहा हैं, जिसे ज्यादा जरुरी कोई काम आ गया है, सरकारी कार्यालयों में भी इस भारी बारिश के प्रभाव है। मुख्य मार्गों पर पानी बह रहा है, कई गांव टापूओं में बदल गये है, हरमू, स्वर्णरेखा आदि नदियों का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है। भारी वर्षा के कारण कई जगहों पर मिट्टी के बने मकान धाराशायी हो गये है। रामगढ़ में भैरवी नदी उफान पर है।

राजधानी के कई नीचेवाले इलाकों में तो कई घरों में बारिश के पानी ने तबाही मचा दी है, जबकि इतनी भारी बारिश के बावजूद नगर निगम ने पानी निकालने के लिए कोई व्यवस्था नही की है, नगर विकास विभाग भी चुप बैठा है… इसके विपरीत बच्चों का दल भारी बारिश का मजा लेने में व्यस्त है, उन्हें लगता है कि कई वर्षों के बाद इतनी बारिश देखने को मिल रही हैं।


बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि इतनी बारिश को देखते हुए प्रशासन को स्कूल बंद कर देना चाहिए, ताकि बच्चों को कोई दिक्कत न हो, ऐसे हालात में जब बारिश का पानी सड़कों पर बह रहा है, पुल-पुलिये बह जा रहे है, तो ऐसे में प्रशासन को कुछ ठोस निर्णय लेना चाहिए।

पिछले कई महीनों से सूखा झेल रहे, झारखण्ड को, सावन के महीने ने तर-बतर ही नहीं किया, बल्कि पानी-पानी कर दिया। अभी पुष्य नक्षत्र का ये कमाल है, अभी तो बारिश के कई नक्षत्र अभी बाकी है, क्या वे भी झमाझम करेंगे, नक्षत्र तो कुछ ऐसा ही कुछ कह रहे है, फिलहाल पूरा झारखण्ड इन दिनों भारी बारिश से तबाह है, देखिये इन्हें कब राहत मिलती है।