एक साहसी युवती ने मुख्यमंत्री जनसंवाद के खिलाफ लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई
रांची की एक साहसी युवती ने झारखण्ड के लोकायुक्त से सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र और इसे चला रही कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इस युवती ने अपनी शिकायत में लिखा है कि सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग रांची द्वारा वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र को चलाने के लिए पीआर नंबर 128298 दिनांक 20.02.2015 को निविदा निकाली गई थी, लेकिन निविदा की जानकारी किसी भी समाचार पत्र में नहीं निकाली गई, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग रांची द्वारा नियमों को ताक पर रख कर अपनी मनचाही कम्पनी मेसर्स माइका एजुकेशन प्रा. लिमिटेड कंपनी रांची को निविदा दे दिया गया।
शिकायत पत्र में लिखा है कि इस संबंध में निविदा की शर्तों को पालन नहीं किया गया। निविदा की शर्त थी कि एक वर्ष के लिए निविदा दी जा रही है, जिसे एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है, लेकिन एक वर्ष निविदा बढ़ाने के बाद भी बिना निविदा निकाले, बार-बार निविदा देकर माइका कंपनी को लाभ पहुंचाया जा रहा है। लोकायुक्त को बताया गया है कि मेसर्स माइका एजुकेशन प्रा. लिमिटेड कंपनी द्वारा निविदा मिलने के पहले जनवरी 2015 में ही सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग रांची के बंद कमरे में कार्य शुरु कर दिया गया था। अब सवाल उठता है कि माइका कंपनी को कैसे पता चल गया कि यह निविदा उन्हें ही मिलेगी, जिस कारण वह कार्य पहले से ही शुरु कर दी थी।
शिकायत पत्र में लोकायुक्त को संबोधित है कि बिना निविदा निकाले वर्ष 2015 से लेकर आज तक माइका कंपनी को निजी फायदा पहुंचाया जा रहा है, जिससे बड़ी मात्रा में रुपयों की बंदरबांट की पूरी संभावना है। शिकायत पत्र में बताया गया है कि बिना निविदा निकाले माइका कंपनी को निविदा वर्ष 2015-16 में 1,52,17,884 रुपये, 2016-17 में 1,06,00,000 रुपये और 2017-18 में 1,66,68,000 रुपये का भुगतान किया गया, ये करोड़ों की निविदा मनचाही कंपनी को दे दिया जाना समझ से परे है।
शिकायत पत्र में मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र में कार्यरत अधिकारियों की हरकतों के बारे में भी जानकारी दी गई है और इन अधिकारियों की हरकतों कौ कैसे छुपा लिया जाता है, इसकी पूर्ण जानकारी दी गई है। शिकायत में माइका कंपनी और मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र के खिलाफ हाल ही मुख्यमंत्री कार्यालय के निदेश पर बनाई गई त्रिस्तरीय सदस्यों की जांच रिपोर्ट और सदस्यों द्वारा की गई टिप्पणियों को भी लोकायुक्त के समक्ष प्रस्तुत किया गया है कि यहां कैसे-कैसे कार्य हो रहे है? साहसी युवती ने लोकायुक्त से इस संबंध में उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए न्याय दिलाने की मांग की है। यह शिकायत पत्र कल यानी 11 मई 2018 को लोकायुक्त कार्यालय में जमा करा दिया गया।
Brave girl..Hope Lokayukt takes some action !