कर्नाटक में मिली सफलता से आह्लादित राहुल गांधी ने कहा मोदी जी आप देश से बड़े नहीं
भारतीय जनता पार्टी देश के लोकतंत्र, देश के विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं एवं सर्वोच्च न्यायालय पर हमले कर रही हैं, हम सारे विपक्ष मिलकर एक समन्वय बनाकर भाजपा का मुकाबला करेंगे, उसे परास्त करेंगे। प्रधानमंत्री जान लें कि वे देश या देश की संवैधानिक संस्थाओं से बड़े नहीं हैं। ये बाते आज कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कही।
कर्नाटक में मिली सफलता से आह्लादित राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर बड़े हमले किये। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भ्रष्टाचार में संलिप्त बताया, उन्होंने कहा कि भाजपा ने कर्नाटक में वहां की जनता का, जनादेश का अपमान किया। उन्हें गर्व है कि कर्नाटक मुददे पर देश का सारा विपक्ष एक रहा। आज देश का दुर्भाग्य है कि पूरे देश के विभिन्न संस्थाओं पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कब्जा हो रहा है।
राहुल गांधी ने कहा कि सत्ता की भूखी भाजपा को जनता ने एक सीख दी है, भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं ने जिस प्रकार कर्नाटक में विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश की, वह शर्मनाक था, लेकिन जनता की इच्छा ही सर्वोपरि रही। उन्होंने कहा कि अब विपक्ष एकता के सूत्र में बंधकर भाजपा का मुकाबला करेगा।
इधर कर्नाटक विधानसभा में दो दिन पुरानी भाजपा सरकार का अंत हो गया। येदियुरप्पा ने विश्वासमत पर वोटिंग से पहले इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया और अपना इस्तीफा सौंपने राजभवन चले गये। इसके पूर्व येदियुरप्पा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को इस बात के लिए बधाई दी कि उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम कैंडिडेट बनाया। उन्होंने कहा कि आज उनकी अग्निपरीक्षा हैं, वे कर्नाटक के मतदाताओं को इस बात के लिए शुक्रिया देते है कि उन्हें सर्वाधिक सीटे दी, वे किसानों के लिए लड़ते रहेंगे, अगले साल लोकसभा की 28 में से 28 सीटें जीतेंगे।
इधर येदियुरप्पा की सरकार गिरी, और उधर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे लोकतंत्र की जीत बता दिया। कांग्रेस और जेडीएस ने एक दूसरे को बधाई दी। कुल मिलाकर कर्नाटक में जिस प्रकार भाजपा ने सत्ता में आने की कोशिश की, उससे उसकी रही-सही इज्जत धूल में मिल गई, हालांकि अब भाजपा के नेताओं को इज्जत की परवाह नहीं हैं, क्योंकि ये अब वे सारे कुकृत्य करने लगे हैं, जिसके लिए कांग्रेस जानी जाती थी।
कर्नाटक विधानसभा में ये जानते हुए कि उसके पास बहुमत नहीं हैं, फिर भी सरकार बनाने की पहल ये बताता है कि भाजपा नेताओं के नीयत ठीक नहीं थे, आखिर वे बहुमत कहां से जुटाते या तो कांग्रेस के विधायकों को तोड़ते या जेडीएस विधायक को तोड़ते, जिस प्रकार से प्रलोभन देने की बात आई, उससे भाजपा के सम्मान को ही ठेस पहुंचा है, अब भाजपा ये नहीं कह सकती कि वह पार्टी विद डिफरेंस हैं।
कल तक जो राहुल गांधी को अनाप-शनाप कहा करते थे, आज उन्हें जरुर आश्चर्य हुआ होगा। वे सपने में भी नहीं सोचे होंगे कि कर्नाटक में ये सब देखने को मिलेगा, पार्टी बहुमत से आठ सीटे कम पर ही अटक जायेगी और फिर वे बहुमत भी सिद्ध नहीं कर पायेंगे। इधर जिस प्रकार से राहुल गांधी ने कर्नाटक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राजनीतिक पटखनी दी, उससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी राजनीतिक आघात अवश्य लगा होगा कि ये सब कैसे हो गया?
हमें लगता है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम और उसके बाद की घटना विपक्षी दलों में संजीवनी का काम करेगा, वे एकता के सूत्र में बंधेगे, समन्वय स्थापित करेंगे और भाजपा का मुकाबला करेंगे। कर्नाटक की घटना बता रही हैं कि भाजपा को हराना है तो मिलकर रहना होगा, नहीं तो भाजपा को हराना इतना आसान नहीं, आज के संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने इस बात की चर्चा कर कि वे विपक्ष को एक रखेंगे, समन्वय स्थापित करेंगे, बता रहा है कि नरेन्द्र मोदी के राह 2019 में आसान नहीं हैं, क्योंकि नरेन्द्र मोदी ने बहुत सारे ऐसे वायदे किये हैं, जो जनता के दिमाग में अभी भी खटक रहे हैं, शायद जनता 2019 के लोकसभा चुनाव में पूछेगी भी, मोदी जी क्या हुआ अच्छे दिन के?