झारखण्ड छात्र संघ ने जूनियर डाक्टरों एवं नर्सों के खिलाफ कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई
झारखण्ड छात्र संघ के अध्यक्ष शमीम अली ने रांची के कोतवाली थाने में 28 मरीजों के मौत के जिम्मेवार जूनियर डाक्टरों एवं नर्सों के उपर भारतीय दंड संहिता एवं अपराधिक प्रक्रिया संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करा दी, तथा इसकी प्रतिलिपि झारखण्ड की राज्यपाल, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य विभाग, मुख्य सचिव, सचिव, कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग, पुलिस महानिदेशक एवं वरीय पुलिस अधीक्षक, रांची को भेज दी है।
शमीम अली ने अपने प्राथमिकी में लिखा है कि 2 जून को रांची रिम्स में अचानक नर्सों एवं जूनियर डाक्टरों द्वारा हड़ताल किये जाने से, बिना देखरेख और समुचित इलाज नहीं होने, साथ ही साथ घोर लापरवाही एवं उपेक्षा के कारण, रिम्स में भर्ती इलाजरत 28 मरीजों की मौत हो गई, यहीं नहीं रिम्स की सम्पूर्ण चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त कर दी गई। 30 से 35 मरीजों के ऑपरेशन टाल दिये गये। ऑपरेशन थियेटर खुला ही नहीं, और न ही ओपीडी संचालित हुआ।
परामर्श लेने आये 600 से ज्यादा मरीजों को वापस लौटना पड़ा। एक्सरे, सिटी स्कैन, पैथोलोजी, जांच व्यवस्था सभी ठप कर दिये गये, जिसके कारण दूर-दराज से आनेवाले असहाय, लाचार, गरीब मरीज एवं उनके परिजनों को शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा। मालूम हो कि नर्सों एवं जूनियर डाक्टरों द्वारा हड़ताल का मुख्य उद्देश्य वेतन में बढ़ोत्तरी एवं अपने सुख-सुविधाओं में बढ़ोत्तरी का मांग था, जिसमें किसी भी प्रकार की जन सरोकार नजर नहीं आती।
अतः उपरोक्त सभी बिन्दुओं की गंभीरतापूर्वक जांच करते हुए, जिम्मेवार दोषी जूनियर डाक्टरों एवं नर्सों के उपर भारतीय दंड संहिता एवं अपराधिक प्रक्रिया संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए कार्रवाई की जाये। इसी बीच सूचना है कि रांची के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।