अपनी बात

काश, हमारा PM, खुद एवं मंत्रिपरिषद् को भी NPS के दायरे में लाने की चुनौती भी स्वीकार करता

बधाई हो, हमारे विश्व विख्यात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विराट कोहली की फिटनेस चुनौती स्वीकार कर ली और उनका करारा जवाब भी दे दिया। मखमली घासों पर चले, पत्थर पर बैठे और पत्थर पर लेट गये। यहीं नहीं जब विराट कोहली ने उन्हें चुनौती दी, तो ये भला कैसे किसी और को चुनौती नहीं देते, इसलिए इन्होंने भी दो लोगों को चुनौती दे दी। एक कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमार स्वामी को और दूसरे मणिका बत्रा को। कुमार स्वामी ने तो साफ कह दिया कि उन्हें अपनी सेहत से ज्यादा राज्य के सेहत की चिंता है, पर मणिका बत्रा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुनौती स्वीकार कर ली।

अब सवाल उठता है कि हमारे प्रधानमंत्री चुनौती स्वीकार भी करते हैं, और चुनौती देते भी हैं, तो हमारा सवाल है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी काला धन जमा कर रखनेवालों तथा आपके शासनकाल में सफेद धन लेकर भाग जानेवालों की चुनौती कब स्वीकार करेंगे? अरे आपका पड़ोसी चिरकुट देश पाकिस्तान हरदम सीजफायर का उल्लंघन करता हैं। कल की ही बात है कि पाकिस्तानी गोलीबारी में हमारे चार सीमा सुरक्षा बल के जवान शहीद हो गये, उसकी चुनौती को कब स्वीकार करेंगे।

अरे, आप क्या जाने। उन शहीद हुए सैनिकों के परिवारों का दर्द, जिनका बेटा बार्डर पर तैनात है, क्या आप बता सकते है कि भाजपा सांसदों या विधायकों में कितने का बेटा सीमा पर तैनात है? आप तो अपने लिए पुरानी पेंशन की भी व्यवस्था कर ली है, और सीमा पर तैनात जवानों, वीरगति प्राप्त करनेवाले जवानों को न्यू पेंशन सिस्टम में ढकेल दिया हैं। शर्म आनी चाहिए आपको और आपके नेता अटल बिहारी वाजपेयी को, क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने ही पुरानी पेंशन स्कीम को खत्म कर दिया था, पर खुद और बेशर्म नेताओं के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को लागू रखा।

अर्थात् नेता का बेटा-बेटी और परिवार को जीने का हक हैं, पर सीमा सुरक्षा बल, सशस्त्र सीमा बल, असम राइफल्स, भारत तिब्बत सीमा पुलिस आदि जवानों के बेटे या बेटियां को सम्मान से जीने का हक नहीं। कमाल हैं नेता का परिवार, परिवार और वीरगति प्राप्त करनेवाले जवानों का खून भी चूस लो और उनके परिवारो को भी बर्बाद कर रख दो और जनता को धोखा दो, ये कहकर सही नीयत सही विकास। वाह रे आपकी सही नीयत और वाह रे आपका विकास।

अभी हाल ही में एक दिन के लिए भाजपा का नेता येदियुरप्पा कर्नाटक का सीएम बना और उसका पेंशन 85 हजार रुपये बन गया, और देश का जवान जो सीमा पर खड़ा हैं, जो प्रतिदिन शत्रु देश के गोलियों का सामना कर रहा है, जो देश के अंदर नक्सलियों की गोली झेल रहा है, उसे फिट करने और फिट रखने के लिए प्रधानमंत्री को समय नहीं हैं, उसे हंसाने और सम्मान पूर्वक जीने के लिए प्रधानमंत्री के पास योजना नहीं हैं, और तो और ये ढाई दिन के लिए पीएम या सीएम या मंत्री या सांसद या विधायक या विधान पार्षद बन जाये तो इनके और इनके परिवार को फिट रखने के लिए पेंशन-फैमिली पेंशन की व्यवस्था और जो सीमा पर, जो झारखण्ड-छतीसगढ़ के नक्सलियों से सामना करते हुए जवान तिल-तिलकर मर रहा हैं, उसकी पेंशन सदा के लिए बंद, वाह रे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सचमुच तू महान है, तेरी महानता का जवाब नहीं और तेरी देशभक्ति को भी सलाम।