अमित शाह के बाइक जुलूस में शामिल भाजपा कार्यकर्ताओं का बीमा हुआ है या नहीं?
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एक बार फिर कल रांची पधार रहे हैं। उनके रांची पधारने को लेकर, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं में खूब जोश देखने को मिल रहा हैं। बताया जा रहा है कि शाही अंदाज में इस बार अमित शाह का स्वागत होगा। करीब 2000 मोटरसाइकिल सवार भाजपा कार्यकर्ता, अपने नेता को शाही अंदाज में अगुवाई करेंगे। करीब 50 बुलेट पर भाजपा कार्यकर्ता कुर्ता-पायजामा एवं पगड़ी पहन कर चलेंगे, इसका मतलब है कि भाजपा कार्यकर्ताओं के समूह इस रैली में सड़क सुरक्षा कानून को तोड़ेंगे यानी हेलमेट नहीं पहनेंगे, क्योंकि पगड़ी पर आज तक किसी ने हेलमेट पहना ही नहीं और न कोई ऐसा हेलमेट बना है कि जिस पर पगड़ी भी फिट हो जाये।
कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं व नेताओं ने एक बार फिर रांची के एसडीओ व नगर निगम के प्रशासकों से सवाल पूछा है कि क्या इस जुलूस की अनुमति अनुमंडलाधिकारी या नगर निगम प्रशासन से ली गई है? अगर ली गई है, तो एसडीओ व नगर निगम प्रशासक को वह प्रपत्र आम जनता के बीच में रखना चाहिए, और अगर नहीं तो यह भी बताना चाहिए कि अनुमति नहीं ली गई, क्योंकि पिछले दिनों भाजपा के एक जुलूस के दौरान ही मार-पीट हुई थी, एक पुलिस के साथ भी दुर्व्यवहार हुआ था, जिस दौरान एसडीओ अंजलि यादव ने एक महिला द्वारा पूछे गये सवाल पर कहा था कि जुलूस निकालने की अनुमति नगर निगम देता है, आप नगर निगम से पूछिये।
जब उक्त महिला ने रांची नगर निगम के डिप्टी मेयर से यहीं सवाल पूछा तो नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि ये सारा मामला जिला प्रशासन के अंतर्गत आता है, इसलिए इसका जवाब जिला प्रशासन के अधिकारी या एसडीओ दें तो ज्यादा बेहतर होगा। हम आपको बता दे कि इस मारपीट में अकेले आठ भाजपा कार्यकर्ता गंभीर रुप से घायल हो गये थे, जो अपने पैसे से इलाज कराये और कोई भाजपा नेता उन्हें देखने भी नहीं गया था। इसी दौरान जब भाजपा कार्यकर्ता सीएम रघुवर दास से मिलने गये तो वहां भी सीएम रघुवर दास ने इन कार्यकर्ताओं को खरी-खोटी सुनाई और अपने पास बैठने तक नहीं दिया।
इसी बीच भारतीय जनता युवा मोर्चा के ही एक सामान्य कार्यकर्ता ने भाजपा नेताओं के समक्ष ऐसी बात रख दी है कि भाजपा नेताओं के हाथ-पांव फूल गये हैं, एक कार्यकर्ता ने बड़ा ही गंभीर सवाल उठाया है, सवाल है – मोटरसाइकिल जुलूस में शामिल होनेवाले भाजपा कार्यकर्ताओं का लाइफ इंश्योरेंस हुआ है या नहीं?, क्योंकि मान-सम्मान का इंश्योरेंस पॉलिसी तो होता नहीं, पर मार खाने के बाद इलाज के लिए, या मर जाने के बाद दाह संस्कार के लिए घरवालों को मदद मिल सके, इसकी तैयारी तो होना जरुरी है।
सच्चाई यह है कि इस गंभीर सवाल का जवाब न तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पास है और न ही भारतीय जनता युवा मोर्चा के किसी अधिकारी के पास। स्थिति यह है कि सारे के सारे भाजपा कार्यकर्ता पिछले दिनों मेन रोड में स्वयं के उपर हुए हमले और उस दौरान भाजपा नेताओं और मुख्यमंत्री रघुवर दास के व्यवहार से दुखी है, जिस कारण स्थितियां ऐसी बन रही हैं।
एक बुद्धिजीवी कहते है कि भाई 2000 मोटरसाइकिल की जुलूस निकालने की क्या जरुरत, क्या ये मोटरसाइकिल हवा से चलेंगी, चलना तो पेट्रोल से ही हैं, एक ओर भारत सरकार करोड़ों-अरबों रुपये बूंद-बूंद पेट्रोल बचाने को लेकर विज्ञापन पर खर्च कर रही है, और उस सत्तारुढ़ दल के लोग पेट्रोल को बेमतलब के कार्यक्रम में फूंके जा रहे हैं, क्या ये गलत नहीं। बुद्धिजीवी ये भी कहते है कि कोई भी समझदार व्यक्ति इस प्रकार के फालूत कार्यक्रम पर सहमति नहीं देगा, क्योंकि पेट्रोल को विदेशों से मंगाने पर, भारत जैसे देश को क्या-क्या नहीं झेलना पड़ता, पर हमारे नेता, उनके कार्यकर्ता कैसे पेट्रोल को फूंकते है, उसका नजारा एक बार फिर रांची में कल देखने को मिलेगा, क्योंकि तैयारी तो हो चुकी।