गत 20 दिनों से गंगा की रक्षा के लिए आमरण अनशन पर बैठा है हरिद्वार में एक संत
आइआइटी कानपुर के पूर्व प्राध्यापक, सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद् प्रो. गुरुदास अग्रवाल जो संन्यास लेने के बाद स्वामी ज्ञानस्वरुप सानन्द जी के नाम से विख्यात है, फिलहाल गंगा सफाई की मांग को लेकर मातृ सदन आश्रम हरिद्वार में पिछले 22 जून से आमरण अनशन पर बैठे हैं, उन्होंने संकल्प कर रखा है कि वे गंगा की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दे देंगे, पर आश्चर्य है कि उनके इस आमरण अनशन पर किसी भी दल के राजनीतिज्ञों, समाचार पत्रों-चैनलों का ध्यान नहीं हैं, लगातार उनका स्वास्थ्य गिरता जा रहा हैं, पर किसी ने उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश नहीं की।
आज पूरे 20 दिन हो चुके हैं, लोग बताते है कि अनशन प्रारम्भ करने के पूर्व उन्होंने 22 फरवरी और 13 जून को दो पत्र गंगा सफाई से संबंधित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा था, लेकिन उसका कोई जवाब प्रधानमंत्री कार्यालय से उन्हें नहीं प्राप्त हुआ। अंत में उन्होंने आमरन अनशन प्रारम्भ करने के पूर्व एक बार फिर आमरन अनशन की सूचना प्रधानमंत्री कार्यालय को दी, उस पर भी प्रधानमंत्री कार्यालय ने चुप्पी लगा दी।
फिलहाल गंगा की सफाई के लिए ये संत अपनी प्राणों की आहुति देने के लिए लगा है, पर सत्तारुढ़ दल तथा गंगा की सफाई के लिए बड़े-बडे दावे करनेवाली भाजपा सरकार के किसी भी व्यक्ति ने उक्त संत के स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए कोई पहल नहीं की और न ही उनके अनशन को तुड़वाने के लिए कोई पहल की, उनकी स्थिति निरन्तर बिगड़ती जा रही हैं, भारत की जनता को चाहिए कि उक्त संत को बचाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार पर दवाब डाले, ताकि उक्त संत को बचाया जा सकें, तथा उनके संकल्प यानी गंगा सफाई को एक नई दिशा भी मिल सकें।