झारखण्ड में विकास का पोल खुला, उड़ता हाथी जमीन पर धड़ाम से आ गिरा
झारखण्ड में एक-एक कर विकास की पोल खुल रही है, खुद भाजपा सांसद उनके द्वारा उठाए जा रहे कदमों की कड़ी आलोचना कर रहे हैं, पर अब भी सीएम रघुवर दास के कानों पर जूं नहीं रेंग रही हैं, वे आज भी अपने रंग-बिरंगे हाथी को उड़ाने से बाज नहीं आ रहे, सच्चाई यह है कि उनका ये रंग-बिरंगा हाथी कब का ‘टे’ बोल चुका है, फिर भी विकास की हवाबाजी कम होने का नाम यहां नहीं ले रहा।
ताजा समाचार हैं, पिछले कई महीनों से पूरा विपक्ष नगड़ी में अनाज वितरण की डीबीटी योजना को खत्म करने का आंदोलन चला रहा था, सदन में भी इसके खिलाफ सरकार को घेर रहा था, पर सीएम रघुवर सुनने को ही तैयार नहीं थे, और अचानक सरकार को बैकफूट पर जाना पड़ा और नगड़ी में डीबीटी योजना पूरी तरह खत्म हो गई, याद करिये कभी इस डीबीटी योजना को लागू करने के लिए कितना बड़ा आयोजन रांची के नगड़ी में राज्य सरकार द्वारा आयोजित किया गया था तथा अखबारों में विज्ञापन पर पैसे खर्च किये गये थे।
दूसरा उदाहरण दो साल पहले जनाब मेगा फूड पार्क का उद्घाटन किये थे, पर यहां एक भी यूनिट लगी ही नहीं, मशीन सड़ने लगे , वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, पावर सब स्टेशन बेकार पड़े हुए हैं, स्थिति ऐसी है कि झारखण्ड मेगा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी यहां से गायब है, कर्मचारियों को वेतन नहीं नसीब है, यानी मेगा फूड पार्क खुलने के पहले ही बंद हो गया, और जनाब को देखिये तो विकास की गंगा बहाने का दावा करते नहीं थकते।
तीसरा उदाहरण, यहां चप्पे-चप्पे पर शराब दुकान खोले जा रहे हैं, पर स्कूलों को बंद करने का विशेष अभियान चलाया जा रहा हैं, स्थिति ऐसी है कि इनके जो सांसद हैं, उन्हें पता लग चुका है कि ये स्कूल बंद करनेवाला अभियान, से उनकी सांसदी संकट में पड़ रही हैं, इसलिए वे किंकर्तव्यविमूढ़ हैं, झारखण्ड विकास मोर्चा के केन्द्रीय प्रवक्ता योगेन्द्र प्रताप सिंह तो साफ कहते है कि 2019 के चुनाव की आहट को देख, ये सारे सांसद नौटंकी करने पर उतारु है, ये अपनी ही सरकार को लव-लेटर लिख रहे हैं, ये लव-लेटर भी केवल आई-वाश है। बाबू लाल मरांडी तो साफ कहते है कि ये पहली सरकार हैं जो शराब की दुकान खुलवा रही हैं और स्कूलों को बंद करवा रही हैं।
हम आपको बता दे कि स्कूल बंद करने के सरकार के इस फैसले पर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने भी सरकार को सदन और सड़कों पर घेरने की कोशिश की, तथा इसे पूर्व में गैरजिम्मेदाराना बताया था। झामुमो नेता हेमन्त सोरेन कि माने तो सरकार के पास असल में विजन ही नहीं है, जब विजन ही नहीं होगा तो ये करेगी क्या? वहीं करेगी, जो सामने हैं, जैसे शराब की दुकान खुलवाना, स्कूल बंद करवाना, बिना मेगा फूड पार्क के यूनिट लगे ही उद्घाटन कर देना, जनता की मर्जी के खिलाफ डीबीटी योजना लागू कर देना और उसके बाद हाथी उड़वाने का प्रयास करना, मतलब गजब की सरकार है, अगर ये सरकार नहीं चेतती हैं तो झारखण्ड की आम जनता तैयार है, इस सरकार को सबक सिखाने के लिए, भाजपा की विदाई, 2019 में तय है।