झारखण्ड में बढ़ रहे अत्याचार के खिलाफ रांची में स्वामी अग्निवेश-मेधा पाटेकर का प्रदर्शन
झारखण्ड में जनता के संवैधानिक अधिकारों पर निरन्तर हमलों के विरुद्ध आज लोकतंत्र बचाओ मंच ने जिला स्कूल मैदान से राजभवन तक सामूहिक पदयात्रा निकाला तथा राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया। आज के सामूहिक पदयात्रा में स्वामी अग्निवेश, मेधा पाटेकर ने प्रमुख रुप से भाग लिया तथा इनके साथ कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुबोध कांत सहाय भी उपस्थित थे। बड़ी संख्या में सामाजिक एवं शैक्षिक तथा वामपंथी संगठनों ने भी आज के इस पदयात्रा में हिस्सा लिया।
सामूहिक पदयात्रा में शामिल लोगों की मांगे थी कि देश में लोकतंत्र हैं, इसलिए उन्हें स्वतंत्र सोच रखने तथा बोलने की आजादी हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं पर से देश द्रोह के मुकदमे वापस लिये जाये। अल्पसंख्यकों पर जूल्म करने बंद किये जाये। लिचिंग के दोषियों को जल्द सजा दी जाये, हिंसा प्रभावित परिवारों को मुआवजा दी जाय। दंगाइयों को सम्मानित करना बंद किया जाये। मॉब-लिचिंग संबंधित सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को लागू किया जाये। स्वामी अग्निवेश के हमलावरों को तुरन्त गिरफ्तार किया जाये।
पदयात्रा में शामिल लोगों को कहना था कि इस केन्द्र व राज्य सरकार ने अच्छे दिन के वायदे और विकास की विफलता से जनता का ध्यान हटाने के लिए धार्मिक उन्माद और हिंसा फैलाने का काम सुनियोजित ढंग से कर रही हैं, सरकार की आलोचना करनेवाले सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों को धमकाया व प्रताड़ित किया जा रहा हैं, जिनमें प्रमुख घटनाएं इस प्रकार है।
संगठित भीड़ द्वारा आधे दर्जन घटनाओं में पन्द्रह निहत्थे अल्पसंख्यकों-आदिवासियों को गो तस्करी के आरोप में क्रूरतापूर्ण हत्या कर दी गई। खनिज सम्पन्न होने के बावजूद यहां के आदिवासी, गरीबी के कारण पलायन कर रहे हैं। सरकार ने राशन वितरण व्यवस्था में अव्यवहारिक बदलाव किये, फलस्वरुप लाचार गरीबों को राशन के लिए दर-दर भटकना पड़ा और दर्जन से ज्यादा लोगों की भूख से मौत हो गई।
14 अगस्त 2017 को एक प्रायोजित सेमिनार में सरकार के एक मंत्री द्वारा अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज को बेइज्जत किया गया, धमकाया गया। 26 जून की खूंटी की घटना से संबंधित फेसबुक पोस्ट को आधार बनाकर फादर स्टेन स्वामी, विनोद कुमार सहिंत बीस बुद्धिजीवियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर दिया गया तथा स्वामी अग्निवेश, जो पहाड़िया समुदाय द्वारा बुलाये गये थे, बिना किसी संदर्भ के उनपर जानलेवा हमला किया गया, जिसमें पुलिस द्वारा दोषियों के खिलाफ अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।