अपराध

महाराष्ट्र पुलिस ने दिये सबूत, मोदी सरकार को गिराने में नक्सलियों के संपर्क में थे एक्टिविस्ट

महाराष्ट्र के एडीजी, लॉ एंड आर्डर परमवीर सिंह ने आज संवाददाता सम्मेलन कर स्पष्ट संकेत दिये कि पिछले दिनों महाराष्ट्र पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर जो छापेमारी कर जिन लोगों को गिरफ्तार किया, उसके लिए महाराष्ट्र पुलिस के पास पुख्ता सबूत हैं, जो बताते है कि इन सबके माओवादियों से गहरे रिश्ते हैं, और इनकी पुलिस कस्टडी बहुत ही आवश्यक हैं। फिलहाल ये सभी अपने-अपने घरों में नजरबंद हैं।

एडीजी लॉ एंड आर्डर, परमवीर सिंह के अनुसार ये सभी माओवादियों को चिट्ठी लिखते थे, उनके पास ये हजारों चिट्ठियां महाराष्ट्र पुलिस के पास है, जो दस्तावेज के रुप में मौजूद है, इन्वेस्टिगेशन जारी है। इनका कहना था कि इन सभी गिरफ्तार लोगों पर महाराष्ट्र पुलिस की नजर बहुत दिनों से थी। इस मामले की जांच तो महाराष्ट्र पुलिस 8 जनवरी से ही शुरु कर दी थी, इधर सर्वोच्च न्यायालय ने इन सब पर पांच सितम्बर को अगली सुनवाई तय की है।

एडीजी लॉ एंड आर्डर ने बताया कि ये सभी आरोपी इमेल के जरिये एक दूसरे से सम्पर्क में थे, पासवर्ड प्रोटेक्ट कोर्ड के जरिये एक दूसरे से संपर्क करते थे, तथा केन्द्र सरकार के खिलाफ गहरी साजिश रच रहे थे और इनकी साजिश में एक आतंकवादी सगंठन भी सक्रिय था।

महाराष्ट्र पुलिस ने संवाददातों के समक्ष माओवादियों के कई पत्र सार्वजनिक किये और कहा कि माओवादी, नरेन्द्र मोदी राज को खत्म करने के लिए हथियार और ग्रेनेड खरीदना चाहते ते। एक अन्य पत्र में राजीव गांधी जैसी घटना का भी जिक्र देखा गया। इन पत्रों से साफ पता लगता हैकि कश्मीर अलगाववादियों के साथ मिलकर इन सभी ने हमले करने की बात कही थी।

एडीजी लॉ एंड आर्डर ने कहा कि इनकी पूरे देश में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने तथा उसके बाद सरकार को गिराने की योजना थी। एडीजी ने कहा कि गिरफ्तार कवि वरवरा राव, अरुण फरेरा, गौतम नवलखा, वेरनॉन गोन्जाल्विस, और सुधा भारद्वाज के संबध माओवादियों से हैं, इसके लिए उनके पास बहुत सारे पर्याप्त सबूत है। इसी सबूत को लेकर वे जांच को नई दिशा दे रहे हैं। एडीजी ने कहा कि वरवरा राव और रोना विल्सन के कई पत्र बताते है कि इन लोगों के माओवादियों से गहरे संबंध थे और वे माओवादियों को धन मुहैया करा रहे थे।

एडीजी ने बताया कि माओवादियों की सेन्ट्रल कमेटी सीधी तरह अपने जमीनी लोगों से संपर्क करने का प्रयास नही करती, बल्कि पासवर्ड प्रोटेक्टेड मैसेज के जरिये जमीनी कार्यकर्ताओं से संपर्क कर मैसेज भेजवाये जाते थे और यह मैसेज रोना विलसन और गाडलिन के जरिये भेजा जाता था।