बालू चोरों को छुड़ाने के लिए कृषि मंत्री ने की पैरवी, अधिकारी ने नहीं मानी बात, किया केस, वसूले पेनाल्टी
सारठ विधानसभा यानी कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह के इलाके से खबर हैं। जिला खनन पदाधिकारी ने स्थानीय थाने की मदद से बालू से लदे 9 ट्रेक्टरों को जब्त किया तथा थाने में इस संबंध में केस दर्ज कराने पहुंच गये, तभी कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह का फोन जिला खनन पदाधिकारी के पास पहुंचा और उन्होंने बालू चोरों को छुड़ाने के लिए पैरवी करनी शुरु कर दी।
कृषि मंत्री का कहना था कि जिला खनन पदाधिकारी सभी नौ ट्रेक्टरों को अविलम्ब छोड़ दे, पर जिला खनन पदाधिकारी का कहना था कि यह संभव अब नहीं हैं, क्योंकि बातें मीडिया तक चली गई हैं, इधर बालू माफिया हंगामा करने की कोशिश भी करते रहे, पर इनकी एक भी नहीं चली। खनन पदाधिकारी का कहना था कि अवैध बालू से एक-एक ट्रैक्टर वालों ने करीब पांच-पांच लाख रुपये की कमाई की है, मानसून के समय बालू का उठाव पूर्णतः अवैध है, ऐसे में किसी भी हालत में अवैध बालू का उठाव नहीं किया जा सकता, इसलिए नियम के तहत कार्रवाई होना तय है।
इधर कृषि मंत्री, जिला खनन पदाधिकारी को अपने मंत्री होने का दबाव बनाते दिखे, वे मोबाइल पर बार-बार, उन बालू से लदे ट्रेक्टरों को छोड़ने की वकालत कर रहे थे, जबकि जिला खनन पदाधिकारी, अपना मजबूरी बताने में लगा था कि अब ट्रेक्टरों को पकड़ लेने के बाद, बिना पेनाल्टी लिये छोड़ना संभव नहीं हैं, इसलिए पेनाल्टी देना ही पड़ेगा।
लोग बताते है कि यहां बालू माफियाओं द्वारा बड़े पैमाने पर बालू उठाव कर दूसरे प्रखंडों, अनुमंडलों एवं जिलों में भेजा जाता हैं, जहां इसे ऊंचे दामों में बेच दिया जाता है, विभिन्न बालू घाटों पर बालू के नाम पर हो रही अवैध वसूली और पैसों के बंटवारे के कारण ऐसे भी यहां तनाव की स्थिति बनी रहती है। कृषि मंत्री और जिला खनन पदाधिकारी के बीच हुए इस संवाद की पूरे सारठ में खूब चर्चा हैं।