हेमन्त का बयान, भाजपा कर आतंकवाद फैलाकर, गरीबों को लूटने पर ज्यादा ध्यान लगा रही है
नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने आज रांची स्थित अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में पेट्रोल और डीजल के दामों में हो रही बेतहाशा वृद्धि, कर आतंकवाद का एक सुदर उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही पेट्रोल व डीजल के दामों में वृद्धि मामले को अति गंभीर बना दिया है, पूरे देश में हाहाकार मचा है, देश त्रस्त है, देश के लोग भयानक त्रासदी से गुजर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश में रह रहे किसानों, मजदूरों एवं मध्यमवर्गीय परिवारों को इसके द्वारा हताहत एवं तबाह किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि देश में कर वसूली के नाम पर दस लाख करोड़ रुपये की वसूली की गई, जिसमें कैग के अनुसार हर साल दो लाख करोड़ रुपये की लूट की गई, ये कर आतंकवाद नहीं तो और क्या है?
उन्होंने कहा कि महंगाई को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में हाहाकार हैं, जिस तरह से मंहगाई बढ़ी हैं, उस तरह से लोगों की आमदनी नहीं बढ़ रही, मजदूरी नहीं बढ़ रही, पूंजीपतियों को तो इस महंगाई से कोई फर्क नहीं पड़ता, फर्क तो पड़ता हैं कि किसानों, गरीबों, मजदूरों, नौजवानों और मध्यमवर्गीय परिवारों को, जो लोग हर महीने दो हजार का पेट्रोल भरवाया करते थे, आज वे चार हजार का पेट्रोल भरवा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने पूरे देश ही नहीं, बल्कि आम आदमी की अर्थव्यवस्था को तबाह करके रख दिया है। कमाल है गरीबों से कर वसूल रही हैं और पूंजीपतियों को 2.25 करोड़ रुपये की छूट दे रखी हैं, यानी ये तो वहीं हुआ, भाजपा का कमाल, पूंजीपति मालामाल और गरीब बेहाल, जबकि यही मोदी जी, पोस्टरों व बैनरों के माध्यम से 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था, बहुत हुई पेट्रोल-डीजल की मार, अबकी बार मोदी सरकार, पता नहीं उन्हें ये अपना नारा, अब याद आ रहा हैं भी या नहीं।
हेमन्त ने कहा कि आखिर देश में बढ़ते पेट्रोल व डीजल के दामों को रोकने के लिए इसे जीएसटी के अंतर्गत क्यों नहीं लाया जा रहा? आखिर राज्य सरकार इस पर 50 प्रतिशत टैक्स की कटौती क्यों नहीं करती, ताकि लोगों को राहत मिले, ठीक उसी प्रकार जब उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में टैक्स में कटौती कर, लोगों को राहत देने का काम किया था, आखिर इनके कानों पर जूं क्यों नहीं रेंग रहा?