धन्य हैं रघुवर, धन्य हैं उनकी सरकार, धन्य हैं उनके अधिकारी, जो अपराधियों को बेदाग बचा लते हैं
भाई देश में किसी राज्य का मुख्यमंत्री हो, तो वह रघुवर दास जैसा हो, अगर सरकार हो तो रघुवर सरकार जैसी हो, अगर कोई अधिकारी हो, तो झारखण्ड के अधिकारियों जैसा हो, जिसे जांच करने को कुछ मिले तो बस वहीं चीजें लिखे, जो राज्य सरकार को हृदय से पसंद हो, जो अपराधियों को बेदाग बचा लें, वह सरकार के इशारे पर ऐसी रिपोर्ट तैयार कर दें, जिस रिपोर्ट से सत्य का कोई लेना-देना ही न हो और हार-थक कर आम जनता या इस घटना का शिकार व्यक्ति व्यवस्था को कोसता हुआ, स्वयं को शांत कर लें।
जरा देखिये, ताजा मामला विवादों में रहे स्वामी अग्निवेश से जुड़ा है। ज्ञातव्य है कि 17 जुलाई को लिट्टीपाड़ा जाने के क्रम में पाकुड़ में स्वामी अग्निवेश पर जानलेवा हमला हुआ था, उस वक्त सारे अखबारों, चैनलों व सोशल साइटों पर इस बात का उल्लेख था कि भाजपा से जुड़े संगठनों ने स्वामी अग्निवेश को अपने हमले का शिकार बनाया था, उनके साथ दुर्व्यवहार किया, उनके सम्मान के साथ खेला। पूरे देश में जब इस कांड के खिलाफ गुस्सा प्रकट किया गया।
तब जाकर, जैसा कि हर जगह होता है, हर सरकार ऐसा करती है, रघुवर सरकार ने भी एक जांच कमेटी बना दी, जांच कमेटी में संताल परगना के आयुक्त व डीआइजी को रखा गया और उन्हें जल्द से जल्द इस संबंध में जांच कर सरकार को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया।
बताया जा रहा है कि जनाब ने जांच रिपोर्ट, गृह विभाग को सौंप दी है, पर जो जांच रिपोर्ट सौंपी है, उस रिपोर्ट में किस दल ने स्वामी अग्निवेश पर हमले किये, उस दल का इसमें नाम ही नहीं हैं, यानी कुल मिलाकर बहुत ही चालाकी से, ऐसी रिपोर्ट तैयार कर दी गई, जिसमें भाजपा पर जो दाग लग रहे थे, उस दाग को आराम से साफ कर दिया गया।
कमाल है, इस रिपोर्ट में पुलिस और प्रशासन की गड़बड़ियों को भी पैबंद लगाते हुए यह बता दिया गया है कि इसमें किसी की ओर से कोई गलतियां ही नहीं हुई, जब गलतियां ही नहीं हुई तो कार्रवाई की अनुशंसा की कोई आवश्यकता ही नहीं। रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वामी अग्निवेश या उनके समर्थकों द्वारा उनके उपर किसी तरह के खतरे को लेकर जिला प्रशासन को आगाह नहीं किया गया था, अब जांच करनेवाला ही बताये कि क्या कोई सामाजिक कार्यकर्ता या धर्म विशेष से जुड़ा व्यक्ति, क्या सूचना देगा कि उसे जान-माल का खतरा है? आपकी खुफिया विभाग क्या कर रही थी? उसे क्यों नहीं पता था कि स्वामी अग्निवेश कहां आ रहे हैं और कहां जा रहे हैं और क्या करेंगे? ये खुफिया विभाग होता किसलिये हैं? जब आपको हर बात की जानकारी कार्यक्रम करानेवाला ही आपको दें, तो फिर खुफिया विभाग ही बंद कर दो, क्यों इसके नाम पर बेकार की राशि खर्च की जा रही हैं?
यानी अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए जांच कमेटी का गठन सरकार कराई थी क्या? अगर ऐसा है तो झारखण्ड की जनता रघुवर सरकार पर अविश्वास करती है या राज्य के पुलिस विभाग और उनके आला अधिकारियों पर अविश्वास करती है तो गलत क्या है? सरकार और सरकार में शामिल आला अधिकारियों को यह जान लेना चाहिए कि आप जनता का विश्वास कब का खो चुके हैं, और स्वामी अग्निवेश का ये मामला इसकी और बेहतर ढंग से पुष्टि कर रहा हैं, आनेवाले समय में अब जनता को फैसला करना है कि 2019 में वह ऐसी सरकार पर अपना फिर से भरोसा जतायेगी, जो अपने अनुरुप जांच रिपोर्ट भी तैयार करवा लेती है और भुक्तभोगी के साथ अन्याय करने में किसी भी सीमा तक जाने को तैयार रहती हो।
रघुवर सरकार को बधाई । जो इसने अंग्रेज़ों के सारे रेकार्ड तोड़कर नया कीर्तिमान बनाया है । साथ ही बीजे पी को भी बधाई । जो इसने अंग्रेज़ों के पदचिंहों पर चलते हुए उनसे भी आगे निकल गए ।