पूरे राज्य में बिजली के लिए हाहाकार, रघुवर को फेसबुक पर लोग सुना रहे खरी-खोटी, पर CM को कोई असर नहीं
कल यानी 5 अक्टूबर को राज्य के कई अखबारों के प्रथम पृष्ठ पर झारखण्ड की रघुवर सरकार ने बड़े – बड़े विज्ञापन छपवाये थे। विज्ञापन में बड़े-बड़े शब्दों में लिखा था, रामगढ़ जिले के हर घर पहुंची बिजली, अब जल्द ही झारखण्ड के हर घर में पहुंचेगी बिजली ‘उजाला दिवस’। यह विज्ञापन ठीक उसी प्रकार था, जैसे कोई व्यक्ति, किसी दुखित व्यक्ति को मुंह चिढ़ा रहा हो। सच्चाई यह है कि पूरे राज्य में बिजली के लिए हाहाकार है।
कल तो धनबाद में ऐसी घटना घटी की बिजली से परेशान जनता धनबाद के विधायक राज सिन्हा के आवास पर आधी रात को पहुंच गई और खूब हंगामा किया, हालांकि जिस वक्त ये घटना घट रही थी, धनबाद के विधायक राज सिन्हा अपने आवास पर नहीं थे। यहीं हाल गिरिडीह, बोकारो, चतरा, गढ़वा, डालटनगंज आदि कई जिलों का है, जहां बिजली दिखाई ही नहीं पड़ रही, आखिर ये बिजली गई कहां, कौन उड़ा ले गया, इस बिजली का किसने अपहरण कर लिया? इसका सही जवाब किसी के पास नहीं।
कल ही जनाब मुख्यमंत्री रघुवर दास, रामगढ़ में अपना कार्यक्रम खत्म करने के बाद धनबाद पहुंचे, जहां व्यापारियों और आम जनता उनसे मिलकर धनबाद में बिजली की समस्या पर उनका ध्यान आकृष्ट कराया, जिस पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बिजली समस्या को खत्म करने के लिए तो एक शब्द तक नहीं कहा, उलटे राजनीति कर डाली और बयान दिया, कि इसके लिए यहां की पिछली सरकार जिम्मेवार है, जिसने लूट-खसोट किया।
अरे भाई ये पिछली सरकार आप की ही तो थी, आज न बाबू लाल मरांडी झाविमो के नेता है, पर उन्हें पहला मुख्यमंत्री बनानेवाले तो आप ही लोग थे, जिसमें आप भी मंत्री बने थे, अर्जुन मुंडा आप ही के लोग थे न, और खुद चार साल बिताकर, दूसरे को ही आखिर कब तक कोसते रहेंगे, ये ‘कड़वा-कड़वा थू-थू और मीठा-मीठा चप-चप’ करने की आदत आपकी कब खत्म होगी और अंत में ये कहना कि दो महीने और यहां की जनता को झेलने होंगे तो ये बात कुछ हजम नहीं हुई।
लोगों का बिजली को लेकर गुस्सा इतना है कि पूछिये मत, आम जनता का गुस्सा इसी बात से पता लग रहा है कि लोग सीएम रघुवर के फेसबुक पर उन्हें खुब खरी-खोटी सुना रहे है, पर सीएम के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। ये खरी-खोटी सुनानेवाले केवल राज्य की आम जनता ही नहीं, बल्कि भाजपाइयों का भी समूह है।
जरा देखिये, चतरा के बगरा मंडल के भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष संजय कुमार साव क्या कह रहे है, वे लिख रहे है कि चतरा में बिजली की स्थिति बहुत ही खराब है, इस पर ध्यान दिया जाय। पंकज कुमार प्रजापति कहते है कि फालतू का बकवास है, पिछले बहत्तर घंटे से अभी तक चतरा में अंधेरा कायम है।
शंभू नाथ गुप्ता कहते है कि धनबाद में तो बिजली दिखाई ही नहीं पड़ रही है, अब तक का ये सबसे बुरा दौर है। कमर तौहिद लिखते है कि वे समझ रहे थे कि केवल गढ़वा में ही बिजली खराब है, यहां तो कमेंन्टस से पता चल रहा है कि हर जगह की बिजली की स्थिति खराब है। चुन्नुलाल मुर्मू कहते है कि माननीय महाशय आप कर क्या रहे हैं, अब तो चुनाव का भी समय आ गया। दीपू मुर्मू कहते है कि आदरणीय सीएम साहेब, झारखण्ड गठन के 18 सालों में 15 साल आपका ही था, इसलिए जनता को दिग्भ्रमित करने का काम न करें और यह भी याद रखें कि केवल कागज पर ही रामगढ़ ओडीएफ मुक्त है, जमीनी हकीकत कुछ और है।
विकास चंद्र भदानी कहते है कि पूरे झारखण्ड में बिजली की स्थिति दिन ब दिन खराब होती जा रही है। श्रेयस आर्या लिखते है कि हुजूर सिर्फ पोल खड़ा करके छोड़ दिया गया है, सिर्फ पोल से बिजली मिलेगी या तार भी लगेगा? शिवम राय कहते है कि देश के सबसे बड़े कोयला उत्पादक राज्य मे बिजली 12-14 घंटे गायब, क्या लाजवाब विकास की गति है? विवेक कसेरा कहते है कि अभी कौन सा उजाला आ गया, अभी तो स्थिति और भी बद से बदतर है।
मुकेश कुमार झा कहते है कि अभी अपना विधानसभा बचाइये, नहीं तो इस बार आप हार जायेंगे, कुल मिलाकर इनके पोस्ट पर आ रहे कमेंन्टस में एक भी कमेन्ट्स ऐसा नहीं मिला, जिसमें सीएम रघुवर की प्रशंसा हो, कोई-कोई कमेन्ट्स तो इतने आपत्तिजनक है, जो आम जनता के आक्रोश को दर्शाता है, अगर ये आक्रोश मुख्यमंत्री रघुवर दास, जितनी जल्दी समझ जाये और जल्द बिजली की समस्या को सुलझा लें तो बेहतर होगा, नहीं तो भाजपा का भविष्य 2019 में अंधकारमय होने से कोई नहीं रोक सकता।