झारखण्ड IPRD का कमाल देखिये, कार्यक्रम 14 को और विज्ञापन निकाला 15 अक्टूबर को
जरा मुख्यमंत्री रघुवर दास के जिम्मे चल रहे सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग का कमाल देखिये, कमाल देखिये मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एवं सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार बर्णवाल का, कमाल देखिये सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के निदेशक राम लखन गुप्ता का और कमाल देखिये गढ़वा के अनुमंडल पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद का, जिसने रांची से प्रकाशित ‘हिन्दुस्तान’ अखबार में ऐसी विज्ञापन छपवाई है। जिसे देख आप अपना माथा पकड़ लेंगे, पर इन सब को इससे कोई मतलब नहीं होता और न ही ऐसे विज्ञापन प्रकाशित करने/कराने पर इन्हें शर्म ही महसूस होता है, क्योकि बजाप्ते ऐसा कर ये सभी परमानन्द का अनुभव करते हैं। ये विज्ञापन आज यानी 15 अक्टूबर 2018 को पृष्ठ संख्या 11 पर छपा है। जिसका विज्ञापन नंबर है PR – 193979 (District) 18-19
आखिर विज्ञापन में क्या है? दरअसल कार्यालय नगर परिषद्, गढ़वा ने एक प्रेस विज्ञप्ति निकाली है, जिसमें नगर परिषद, गढ़वा अंतर्गत आयुष्मान भारत के उपलक्ष्य में रक्त दान शिविर के आयोजन की बात कही गई है। ये आयोजन 14 अक्टूबर 2018 को पूर्वाह्ण 11 बजे होना था। होना तो यह चाहिए था कि यह विज्ञापन 14 या 14 अक्टूबर के पूर्व प्रकाशित किया जाता, परन्तु यह विज्ञापन 14 या 14 अक्टूबर के पूर्व न निकालकर, 15 अक्टूबर 2018 को रांची से प्रकाशित ‘हिन्दुस्तान’ अखबार के पृष्ठ संख्या 11 में प्रकाशित कराया गया है।
अब मुख्यमंत्री/मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव/सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव/सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के निदेशक एवं गढ़वा के अनुमंडल पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद ही बताएं, कि ऐसे विज्ञापन निकालने से, ये सभी किसको फायदा पहुंचा रहे हैं, राज्य सरकार को, अखबार को या जनता को। अखबार में विज्ञापन आपने छपवा दिया, वे तो इसका पैसे लेंगे ही और आप उसे प्रसन्न होकर देंगे भी, क्योंकि आपको इनसे सरकार की जय-जय करवानी हैं, पर इस प्रकार के गलत विज्ञापन निकलवाकर, पूरे राज्य की जनता को आंखों में धूल झोंकना, क्या बता रहा है?
ऐसे तो इस विज्ञापन को सरसरी निगाहों से देखिये, तो इसमें इतनी शाब्दिक गलतियां हैं, जो बताती है कि न तो अखबार ने और न ही विभाग ने इन गलतियों को सुधारने की कोशिश की, यानी किसी ने भी अपने कर्तव्यों का निर्वहण करना जरुरी नहीं समझा, एक ने अमर्यादित तरीके से विज्ञापन की राशि प्राप्त करने के लिए विज्ञापन छापा, तो दूसरे ने अपने कर्तव्यों को ताक पर रख कर, मैं चाहे ये करुं, मैं चाहे वो करुं की तर्ज पर वह किया, जिसकी इजाजत उनका जमीर भी नहीं देता, पर जब कोई अपनी जमीर ही मार दें तो वहीं चीज दिखाई पड़ता है, जो यहां दिखाई पड़ा।
ऐसे भी हम आपको बता दें कि ये कोई पहली घटना नहीं है, ये सभी इन प्रकार की घटनाओं को जन्म देकर, शायद अपनी धृष्टता का विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी में हैं, फिलहाल विज्ञापन तो आज निकल ही गया, अगर आपके पास तिथियों और पूरे ब्रह्मांड को रिप्ले करने की मशीन है, तो उसे रिप्ले कर, फिर से 14 अक्टूबर 2018 को बुला लीजिये और इन सभी महानुभावों को उसमें बुलाकर, अपने कार्यक्रमों को जनता के बीच संपन्न करने को कहिये, पर क्या ऐसी मशीन इस राज्य सरकार या इनके बुद्धिमान अधिकारियों के पास है, जो ब्रह्मांड को भी पलट कर रख दें।