CM रघुवर की पुलिस से धनबादवासियों का भरोसा उठा, थामी लाठी, कर रहे IPS सुमन गुप्ता को याद
धनबाद के व्यापारियों का राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास की पुलिस से भरोसा उठ चुका है, वे यहां की पुलिस से ज्यादा भरोसा लाठी-डंडों पर कर रहे हैं, फिलहाल यहां चैंबर के पदाधिकारियों ने सभी व्यवसायियों से लाठी-डंडे रखने को कहा है, गत सोमवार को बड़ी संख्या में जिला चैंबर ने धनबाद के स्टेशन रोड और करकेन्द के दुकानदारों के बीच लाठी-डंडें भी बांटे।
जिला चेंबर के संरक्षक राजीव शर्मा की माने तो अपनी सुरक्षा के लिए दुकानों में लाठी डंडे रखे जा रहे हैं, क्योंकि कोयलांचल में अपराध का ग्राफ निरन्तर बढ़ता जा रहा है, हालांकि ये भी सही है कि एक-दो अपराधी पकड़े भी जा रहे हैं, पर जितनी तेजी से अपराध बढ़ रहा है, उस तेजी से अपराधियों पर शिंकजा नहीं कसा जा रहा और न ही अपराधियों में किसी प्रकार का खौफ देखने को मिल रहा है, ऐसे में आम व्यापारी क्या करें? उसके पास तो दो ही विकल्प है, चाहे तो वह अपराधियों के साथ मुकाबला करें या उनके सामने घूटने टेक दें।
चैम्बर से जुड़े पदाधिकारियों का यह भी कहना है कि पूरे धनबाद में लाठी-डंडे इसलिए व्यवसायी रख रहे हैं ताकि वे अपनी प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा कर सकें, इनका कहना है कि ये अभियान हर गली-मुहल्ले में चलेगा, सिर्फ बाजार तक इसे सीमित रखने का उनका कोई इरादा नहीं हैं। लाठी-डंडे बांटने का काम जिला चेंबर संरक्षक राजीव शर्मा, सिंदरी चेंबर सचिव दीपक कुमार दीपू, स्टेशन रोड चेंबर अध्यक्ष बुनन राव के नेतृत्व में चलाया जा रहा है, जिसमें चेंबर के व्यवसायी काफी रुचि भी ले रहे हैं।
ये केवल धनबाद के व्यापारियों के मन की व्यथा नहीं, करीब-करीब सारे के सारे कोयलांचलवासी बढ़ते अपराध से खौफजदा है, लोग कहते है कि एक समय था कि पूरे धनबाद जिले को एक ही एसपी आइपीएस सुमन गुप्ता संभालती थी और आज धनबाद में तीन-तीन आइपीएस, एसएसपी मनोज रतन चौथे, सिटी एसपी पीयूष पांडे, ग्रामीण एसपी आशुतोष शेखर, पर धनबाद इन सबसे संभल नहीं रहा, ऐसा नहीं कि सुमन गुप्ता के समय धनबाद का क्षेत्रफल छोटा था और आज क्षेत्रफल बढ़ गया, होना तो ये चाहिए था कि सुमन गुप्ता के वनिस्पत आज बेहतर ढंग से अपराध को नियंत्रित किया जा सकता था, पर धनबाद के हालात वर्तमान में ठीक नहीं, लोग आज भी सुमन गुप्ता को सम्मान से याद करते हैं तथा ईश्वर से प्रार्थना करते है कि उनके जैसा एक बार फिर कोई ईमानदार पुलिस अधिकारी आइपीएस धनबाद आये, पर ऐसा होगा, ये फिलहाल संभव नहीं।
लोग बताते हैं कि सुमन गुप्ता यहां अपराधियों, संगठित अपराधियों और अपराध के लिए काल बनकर आई थी, अपराधी और कोल माफिया, उनका नाम सुनते ही थर-थर कापंते थे, किसी अपराधी की हिम्मत नहीं थी कि उनके इलाके में अपराध कर ले और निकल जाये, वह सिंह मेंशन हो या किसी भी राजनीतिक दल का नेता किसी की नहीं सुनती थी और कानून का शासन स्थापित कर दी थी, उनके कार्यकाल में कानून सर्वोपरि था, जिसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ा। भाजपा सांसद पीएन सिंह और झरिया की विधायक कुन्ती देवी ने तत्कालीन अर्जुन मुंडा सरकार पर दबाव बनाया कि सुमन गुप्ता को धनबाद से तत्काल स्थानान्तरण किया जाये और ऐसा ही हुआ, जिसका मलाल यहां की जनता को आज भी हैं।
धनबाद के एक वरिष्ठ पत्रकार ने तो दो दिन पूर्व ही अपने फेसबुक पर लिखा है कि एक मर्द एसपी आयी थी सुमन गुप्ता, वह दुर्गापूजा में खुद बाइक पर घुमती थी, क्या मजाल कोई चूं चापड़ कर दें… आखिर क्या वजह है कि धनबाद के लोग सुमन गुप्ता को याद कर रहे हैं, उसका मूल कारण है कोयलांचल में अपराध का बढ़ जाना और स्थानीय आइपीएस पुलिस अधिकारियों का हाथ पर हाथ धरे बैठ जाना, ऐसे में धनबाद के लोग क्या करें, उनके पास अब एक ही विकल्प है, कि वे हाथ में लाठी पकड़े और अपराधियों के खिलाफ स्वयं सड़कों पर उतरें। कुछ लोग कहते हैं कि शायद सुप्रसिद्ध कवि गिरिधर कवि ने इसीलिए कभी लाठी को केन्द्र में रखकर एक दोहे लिखे थे, जो आज धनबादवासियों के लिए प्रासंगिक हो गये, दोहा है…
लाठी में गुण बहुत हैं, सदा राखिये संग।
गहरी नदी, नाला जहां, तहां बचावे अंग
तहा बचावै अंग, झपटि कुत्ता को मारे
दुश्मन दावागीर होय, तिन्हूं को झारै
कह गिरिधर कविराय, सुनो हो धुर के बाटी
सब हथियारन छांड़ि के, हाथ में लीजै लाठी