राजनीति

राफेल डील और सीबीआई मुद्दे पर भाजपा को पटकनी देने के लिए राहुल उतरें दिल्ली की सड़कों पर

राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने भाजपा की अच्छी किलेबंदी करनी शुरु कर दी है, वर्तमान में राफेल डील और सीबीआई के अंदर चल रहे उठापटक का राजनीतिक माइलेज लेने के लिए उतारु कांग्रेस ने दिल्ली में भाजपाइयों के होश उड़ाने तथा पीएम मोदी की बोलती बंद करने के लिए सड़कों पर उतर गई। दिल्ली के दयाल सिंह कॉलेज से लेकर सीबीआई मुख्यालय तक प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी ने अपने कार्यकर्ताओं का अच्छा खासा उत्साह बढ़ाया तथा वर्तमान केन्द्र सरकार की कड़ी आलोचना की। प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी ने गिरफ्तारी भी दी, बाद में उन्हें रिहा भी कर दिया गया।

आज के प्रदर्शन से राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में होनेवाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को फायदा होना तय है, जबकि भाजपा फिलहाल बचाव के मुद्रा में है, हालांकि उसके नेता बयान दे रहे हैं, पर आम जनता पर उनके बयानों का कोई असर नहीं पड़ रहा, जितना असर राहुल गांधी के आज के इस प्रदर्शन ने कर दिया। राजनीतिक पंडितों की मानें, तो राफेल डील और उसके बाद सीबीआई में उठे विवाद तथा केन्द्र सरकार द्वारा इस पर लिये गये निर्णयों ने भाजपा की अच्छी खासी माइलेज के चिथड़े उड़ा दिये।

राफेल डील और सीबीआई में चल रहे विवाद को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में सीबीआई मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया, इसी दौरान उन्होंने अपने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया, तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि राफेल डील में अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए, पीएम मोदी ने ये सारे काम किये हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि राफेल सौदे की जांच से बचने के लिए मोदी सरकार ने सीबीआई निदेशक को रातों रात हटाया, उन्होंने कहा कि कांग्रेस वर्तमान चौकीदार को चोरी करने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर इंस्टिट्यूशन पर आक्रमण कर रहे हैं, राहुल गांधी ने कहा कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की बहाली होनी चाहिए तथा इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए।

कांग्रेस के इस प्रदर्शन का तृणमूल कांग्रेस और वामपंथी नेताओं का भी समर्थन मिला। प्रदर्शन में राहुल गांधी के साथ अशोक गहलोत, आनन्द शर्मा, अहमद पटेल, दीपेन्दर हुड्डा के अलावा टीएमसी सांसद हक, शरद यादव, सीपीआई नेता डी राजा भी शामिल हुए।

इधर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने सीवीसी को उनके खिलाफ दो सप्ताह में अपनी जांच पूरी करने को कहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अवकाश प्राप्त न्यायाधीश ए के पटनायक के सुपरविजन में सीवीसी अपनी जांच पूरी करेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई के अंतरिम चीफ एम नागेश्वर राव द्वारा किसी प्रकार के नीतिगत फैसले लेने पर भी रोक लगा दी गई है।

इसी बीच सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जिस एजेंसी पर भ्रष्टाचार की जांच का जिम्मा है, उसी के दो उच्चाधिकारियों पर आरोप लगा है, ऐसे में सरकार द्वारा लिया गया निर्णय बिलुकल सही है, दोनों को छुट्टी पर भेजना आवश्यक था, उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की मानिटरिंग में होनेवाली सीवीसी जांच से सब सच सामने आ जायेगा।