झारखण्ड में CM के घर दिवाली के दिन पसरे सन्नाटे और अर्जुन मुंडा की कातिल अदा की चर्चा जोरों पर
जरा इस फोटो को ध्यान से देखिये, ये फोटो दिवाली के दिन का है, जब मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के घर, दिवाली की शुभकामनाएं देने पहुंचे। दिवाली की शुभकामनाएं देने के बाद जनाब कुछ समय के लिए अर्जुन मुंडा के पास बैठे और फिर शुरु हो गई गुफ्तगूं, तभी अर्जुन मुंडा के चाहनेवालों ने ये फोटो खीच ली, फोटो तो रघुवर दास के लोगों ने भी खींची, और सीएम के सोशल साइट पर इस फोटो को डाल दिया, जिस फोटो में मुख्यमंत्री रघुवर दास का मुंह लटका हुआ तथा पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की ये कातिल अदा, चर्चा का विषय बन गई। लोगों का कहना था कि ये फोटो, झारखण्ड भाजपा के वर्तमान राजनीति की दशा और दिशा को आम जनता के सामने प्रकट कर दे रही हैं।
जमशेदपुर ही नहीं, बल्कि पूरे झारखण्ड में इस बात की चर्चा है, कि दिवाली के दूसरे दिन जहां अर्जुन मुंडा के आवास पर उनके समर्थकों की भारी भीड़ देखने को मिली, वहीं जमशेदपुर में दिवाली मना रहे राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास के घर पर सन्नाटा पसरा रहा। दिवाली के दिन जमशेदपुर अपने आवास पर दिवाली मना रहे रघुवर दास के घर में उनके परिवार और उनके सुरक्षाकर्मी तथा समाचार संकलन करने गये संवाददाताओं व कैमरामैन के अलावा वहां कोई दूसरा मौजूद नहीं था और न ही जमशेदपुर के सीएम रघुवर दास के पड़ोसियों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के घर जाकर दिवाली के दिन उन्हें शुभकामनाएं व बधाई देने में दिलचस्पी दिखाई, जबकि प्रत्येक साल दिवाली के समय काली पूजा मनाने के लिए प्रसिद्ध, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के यहां लोगों का तांता लगा रहा, जिसमें समाज के सभी वर्गों की उपस्थिति रही।
लोग बताते हैं कि जमशेदपुर में दिवाली के समय झारखण्ड भाजपा के शीर्षस्थ तीन नेता रघुवर दास, अर्जुन मुंडा और सरयू राय, शहर में मौजूद थे। अर्जुन मुंडा के घर तो सरयू राय दीखे, तथा अन्य नेताओं का जमावड़ा भी दिखा, पर यहीं दृश्य रघुवर दास के घर पर दिवाली के समय नहीं दिखा और न किसी ने उनके आवास पर जाकर उन्हें शुभकामनाएं देने में दिलचस्पी दिखाई। दिवाली के दिन भाजपा कार्यकर्ताओं की मुख्यमंत्री रघुवर दास से दूरी, और अर्जुन मुंडा से निकटता बताता है कि भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच वर्तमान में कौन नेता सर्वाधिक लोकप्रिय है?
लोग यह भी बताते है कि भाजपा कार्यकर्ताओं का रघुवर दास से दूरियां बनाने का एक नहीं कई कारण है, पर सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारण, मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके व्यवहार में बदलाव का आना, तथा कार्यकर्ताओं को सम्मान न देना है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के साथ ऐसा कभी नहीं रहा, हो सकता है कि अर्जुन मुंडा का किसी से न बनता हो, पर अपने कार्यकर्ताओं के साथ उनका कभी रुखा व्यवहार नहीं रहा, यहीं कारण है कि जमशेदपुर ही नहीं, बल्कि वे कही भी जाते हैं तो उनके साथ कार्यकर्ताओं का हुजूम होता है, साथ ही उनके साथ सेल्फी लेने की होड़ सी लगी रहती है और वे किसी को मायूस भी नहीं करते, जबकि मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ ऐसा नहीं।
एक भाजपा कार्यकर्ता ने बताया कि ये कितने दुख की बात है कि राज्य का मुख्यमंत्री जमशेदपुर में दिवाली मना रहा है, और जब वह पटाखे छोड़ रहा है तो उसके पास गिने-चुने लोग उपस्थित है, जिसमें सिर्फ और सिर्फ उनके परिवार के लोग, सुरक्षाकर्मी और संवाददाताओं तथा कैमरामैन मौजूद है, अगर दूसरा राज्य रहता तो लोग मुख्यमंत्री के साथ दिवाली सेलिब्रेट कर रहे होते, पर मुख्यमंत्री रघुवर दास का व्यवहार जो न करा दें।
वह भाजपा कार्यकर्ता बताता है कि आनेवाले समय में देखियेगा, अगर इन्होंने अपने स्वभाव में परिवर्तन नहीं लाया तो ये खुद हारेंगे ही, भाजपा को भी विधानसभा की दस सीटों से भी कम में सलटा कर रख देंगे, इसलिए केन्द्र को सोचना होगा कि वह आनेवाले समय में झारखण्ड किसके हाथों में सौंपे। दिवाली के दिन का ये फोटो, मुख्यमंत्री रघुवर दास की मनोदशा का, सब कुछ बयां कर दे रही है, जबकि अर्जुन मुंडा की कातिल अदा सब कुछ बता दे रहा है कि आनेवाले समय में क्या होने जा रहा है? क्योंकि कैमरा कभी झूठ नहीं बोलता।
एक फोटो से..पूरा राजनीतिक दृश्य..सच फ़ोटो झूठ नहीं बोलता