CM रघुवर की बढ़ी परेशानी, आक्रोशित उन्हीं के मतदाता मुख्यमंत्री आवास घेरने के लिए सड़कों पर उतरें
जमशेदपुर में अतिक्रमण हटाओ अभियान के विरोध में बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री आवास को घेरने के लिए लोग सड़कों पर उतर गये, जिसके कारण जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गये। बड़ी संख्या में नागरिकों के सड़कों पर उतर जाने के कारण जिला प्रशासन समझ नहीं पा रहा था कि क्या करें और क्या न करें? प्रदर्शनकारियों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा था।
बताया जाता है कि बिरसानगर-आस्था सिटी के पास जिला प्रशासन ने पिछले दो दिनों में अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत कई मकानों को तोड़ डाला था, जिसके विरोध में लोगों का गुस्सा आज फूट पड़ा, अपने मकानों को टूटा हुआ देख, प्रदर्शनकारियों ने बिरसानगर से ही पदयात्रा प्रारंभ कर दिया, और वे फिर एग्रीको पहुंचे तथा सीएम आवास को घेरने की कोशिश प्रारम्भ कर दी, जैसे ही सीएम आवास घेरने की सूचना मुख्यमंत्री के आप्त सचिव महेन्द्र चौधरी और सिटी एसपी को मिली, उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाने का काम किया, पर प्रदर्शनकारियों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा था।
आप्त सचिव का कहना था कि मुख्यंत्री रघुवर दास ने बने मकानों को हटाने का आदेश दिया ही नहीं था, और न ही अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने का उपायुक्त को आदेश दिया था, इसी बीच नागरिकों के इस आक्रोश को देखते हुए, जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान पर तत्काल रोक लगा दी। बताया जाता है कि जब मुख्यमत्री मंगलवार को जमशेदपुर पहुंचेंगे, तब वे प्रभावितों से मिलेंगे, तथा उनको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान देने की घोषणा करेंगे।
अतिक्रमण हटाओ अभियान से प्रभावित महिलाओं ने कहा कि जब इस इलाके में मकान बनाये जा रहे थे, तब प्रशासन कहां था? और जबकि, अब मकान बन चुके हैं तो उसे धराशायी कर दिया, इसलिए अब उनकी सिर्फ एक ही मांग है कि उन्हें मकान उपलब्ध करायी जाय। ज्ञातव्य है कि बिरसानगर आस्था सिटी के पास कई एकड़ सरकारी जमीन है, जिसे प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए चिह्नित किया गया है, इसको लेकर जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान प्रारम्भ किया है, जिसमें कई के बने-बनाये मकान तोड़ डाले गये।
इसी बीच झारखण्ड विकास मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव अभय सिंह ने इस पूरे प्रकरण पर कहा कि यह विडम्बना नहीं तो और क्या है? जिस क्षेत्र के लोगों ने रघुवर दास को पांच-पांच बार अपना प्रतिनिधि चुना, जिनकी कृपा से वे मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे, आज उन्हीं के इशारे पर, उन्हीं की पुलिस का तांडव जनता के सामने दीख रहा है। जिस जनता ने उन्हें संतरी से मुख्यमंत्री तक पहुंचाया, वह लाचार है, बेबस है, आज उनके बच्चे बिलखते नजर आ रहे हैं, घर की बहनों को दम तक पीटा गया, पर रघुवर सरकार को, जिला प्रशासन को दया तक नहीं आई।
उन्होंने कहा कि आज सरकारी जमीन पर जो लोग बसे हैं, आखिर उसे बढ़ावा किसने दिया, क्या इसके लिए भी मुख्यमंत्री दोषी नहीं है, और अब जबकि ये लोग काफी वर्षो से रह रहे हैं तो उन्हें निशाना बनाया जा रहा है, क्यों नहीं, मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द घुमनेवालों के घर तोड़े जा रहे, उनके घर पांच से लेकर छःतल्ला कैसे बन गया? उनके घरों पर मुख्यमंत्री की नजर क्यों नहीं पड़ती?
उन्होंने कहा कि एसडीओ, एसपी और एक दंडाधिकारी कह रहे हैं कि हमें 30 एकड़ जमीन को मुक्त करना है, साथ में 130 एकड़ जमीन की प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवश्यकता भी है, तो क्या ऐसे में पूरे बिरसानगर को उजाड़ा जायेगा? अभय सिंह ने कहा जिला प्रशासन से इस समस्या का पन्द्रह दिनों के अंदर हल निकालने को कहा है, साथ ही सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध किया कि सभी मिलकर इस मुख्यमंत्री के वादाखिलाफी निर्णय के विरोध में सड़कों पर उतरें।
इधर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आनन्द बिहारी दूबे ने भी, जिला प्रशासन के इस कार्य की तीखी आलोचना की है, तथा अतिक्रमण हटाओ अभियान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए, मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यों की तीखी भर्त्सना की, साथ ही इस कार्य को जनविरोधी बताते हुए, सड़कों पर उतरकर विरोध करने की बात की।