अपनी बात

एक्जिट पोल के अनुसार राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाया

एक्जिट पोल के चुनाव परिणाम साफ बता रहे हैं कि इस बार राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की जनता का भाजपा से मोहभंग हो चुका हैं, जो भाजपा कांग्रेसमुक्त भारत का सपना संजो कर रखी थी, उस सपने को जबर्दस्त ठोकर लगने जा रही हैं और जल्द ही 11 दिसम्बर को जब चुनाव परिणाम आयेंगे, तब कांग्रेस के हाड़ में हल्दी लग जायेगी और मध्यप्रदेश, राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में उस पार्टी के मुख्यमंत्री दिखाई देंगे।

भाजपा की इस करारी हार का मूल कारण, कांग्रेस की लोकप्रियता नहीं, बल्कि भाजपा शासित राज्यों में बढ़ती गुंडागर्दी, सांप्रदायिक-जातीय दंगे, बड़े पैमाने पर व्याप्त भ्रष्टाचार, किसानों की समस्याएं तथा बढ़ती बेरोजगारी हैं, स्थिति तो ऐसी रही कि खुद को सुपर स्टार माननेवाले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेन्द्र मोदी की जनसभाओं में लोगों के टोटे दिखाई पड़ने लगे, अगर यहीं हाल रहा तो समझ लीजिये 2019 में केन्द्र से भाजपा की विदाई भी तय हैं।

लोग तो आज से ही कहने लगे है कि जैसे ही मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव परिणाम आयेंगे, भाजपा में भगदड़ मचेगी, कई सांसद जो भाजपा के बढ़ते जनाधार से प्रभावित होकर, भाजपा में शामिल हो रहे थे, अब वे भाजपा से दूरी बनायैंगे और कांग्रेस में जाने के लिए हर प्रकार की तिकड़म भिड़ायेंगे, यहीं नहीं कल तक राहुल गांधी को आंख दिखानेवाले लोगों को राहुल में करिश्माई नेतृत्व भी नजर आयेगा, इसकी तैयारी भी वे दलबदलु नेता करने लगे हैं, कई तो अभी से ही कांग्रेस के बड़े नेताओं से सम्पर्क साधने लगे हैं।

अभी तो बहराइच के सांसद का ही भाजपा से मोहभंग हुआ है, जल्दी ही उत्तरप्रदेश और बिहार से एक बड़ा तबका, भाजपा के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंकेगा, ऐसे भी बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के अमित शाह की बैंड बजा दी है, रही बात झारखण्ड की तो यहां का भाजपाई मुख्यमंत्री ही भाजपा का सत्यानाश करने पर तुला है, झारखण्ड में तो भाजपा की स्थिति ऐसी है कि इसे एक सीट भी मिलना मुश्किल है, क्योंकि इस राज्य में महिलाओं की दुर्दशा तथा उनके सम्मान से खेलना तो बाये हांथ का खेल हो गया है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं वो अलग और बेरोजगारों को उल्लू बनाने का तो जैसे लगता है कि इस सरकार ने ठेका ही ले रखा है।

राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पहली बार होगा कि इन तीनों राज्यों से भाजपा की एक साथ विदाई हो जायेगी और कांग्रेस एक बड़े ताकत के रुप में उभरेगी तथा इसका लाभ कांग्रेस को जबर्दस्त रुप से 2019 के लोकसभा चुनाव में मिलेगा, जब उसके कार्यकर्ताओं का समूह दोगुने उत्साह से भाजपा के खिलाफ सड़कों पर तथा विभिन्न मतदान केन्द्रों पर अपनी जादू बिखेरेगा।

भाजपा की इस करारी हार में भाजपा के ही विक्षुब्ध नेताओं का एक बड़ा जमात मोदी की तानाशाही को जिम्मेदार बताता है, तथा अपने पुराने नेताओं-कार्यकर्ताओं के सम्मान में कमी को जिम्मेदार बता रहा है, ये बताते है कि 11 दिसम्बर को भाजपा के बहुत बड़े आधुनिक नेताओं तथा दलबदल कर भाजपा में शामिल हुए धुरंधरों की पोल खुल जायेगी, राजस्थान में तो भाजपा के खिलाफ तूफान दिख रहा था, जबकि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी आंधी से इनकार नहीं किया जा सकता।

इधर एक्जिट पोल के आने के बाद भाजपाई नेताओं व कार्यकर्ताओ के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी है, जबकि कांग्रेस और अन्य दलों में उत्साह का संचार हुआ है, अगर यहीं उत्साह बना रहा तो केन्द्र ही नहीं, बल्कि उन सारे राज्यों से भाजपा समाप्त हो जायेगी, जहां फिलहाल उनका शासन चल रहा है, दरअसल भाजपाइयों को शासन करना आता नहीं, ये उन्माद फैलाना जानते हैं, और इस उन्माद के सहारे ही चुनाव जीतने का प्लान बनाते है, नहीं तो पूछिये कि मध्यप्रदेश में जो खूनी व्यापमं घोटाला हुआ, वैसा घोटाला किस राज्य और किसके शासन काल में हुआ, यहीं नहीं जिस कॉमनवेल्थ घोटाले का हंगामा खड़ा कर केन्द्र में मोदी ने सिंहासन थामा।

जरा वे ही बताये कि कॉमनवेल्थ घोटाले में शामिल कितने लोग जेल में हैं, अरे भाई केन्द्र में आपकी सरकार हैं, कर क्या रहे हैं, यहां तो न्यायालय ने क्लीन चिट दे दी, इसका मतलब हुआ कि 2014 के चुनाव में जनता को बेवकूफ बनाकर तथा इवेन्टस की जादूगरी दिखाकर आपने सत्ता हासिल किया और जब जनता को सत्य मालूम हुआ तो जनता पूरे ब्याज के साथ आपको सत्ता से बाहर करने के लिए दिमाग लगा चुकी है, जो 11 दिसम्बर को उसके ट्रेलर के रुप में दिखाई देगा, और इसके बाद भाजपा में ऐसा बवंडर दिखेगा कि 2019 आते-आते भाजपा सत्ता से ही नहीं, जनता की नजरों से भी सदा के लिए उतर जायेगी, कई राज्यों में विपक्षी दल बनने के लायक भी नहीं रहेगी।